आगरा: यमुना एक्सप्रेसवे पर 8 जुलाई को आगरा में हुआ हादसा अब तक का सबसे बड़ा था. इस सड़क हादसे ने जनता से लेकर सरकार तक को हिला कर रख दिया. सड़क सुरक्षा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ चिंतित हुए तो अधिकारियों के पेच कसना शुरू कर दिया. बीते 8 सालों के दौरान यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों की संख्या पर नजर डालें तो आंकड़ा 6005 पर जाकर रुकता है और मौतें 950 पर.
आरटीआई से खुलासा
आगरा में आरटीआई एक्टिविस्ट और आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव अधिवक्ता केसी जैन ने यमुना एक्सप्रेसवे पर हो रहे हादसे की संख्या और हादसों की वजह की जानकारी मांगी तो उसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए. यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की ओर से वर्ष 2012 से मार्च 2018 तक की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा (24 फीसद) सड़क हादसे ओवर स्पीड की वजह से हुए हैं. वहीं, गाड़ियों के टायर फटने से 12% हादसे हुए. कोहरे की वजह से 5% जबकि 59 % हादसों की वजह का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है.
क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ष | दुर्घटना | मौत |
2012 | 280 | 33 |
2013 | 896 | 118 |
2014 | 896 | 127 |
2015 | 919 | 143 |
2016 | 1219 | 133 |
2017 | 763 | 146 |
2018 | 800 | 110 |
2019 | 347 | 140 |
नोट- साल 2019 के आंकड़े जनवरी से जून तक हैं.
यमुना एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड, टायर फटने और कोहरे के कारण जो हादसे हो रहे हैं इसके लिए चालकों को जागरूक करना बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं हादसों का विवरण यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी (येडा) की वेबसाइट पर भी दिया जाना चाहिए. उनके कारणों को प्रचारित करना चाहिए. हमने यह भी मांग की है कि, यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी हादसों को फोटो के साथ वेबसाइट पर अपलोड करे. इसके साथ ही सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट( सीआरआरआई ) की सिफारिशों के अनुसार यमुना एक्सप्रेस वे रोड सेफ्टी ऑडिट और अन्य कदम उठाए जाने चाहिए.
- अधिवक्ता केसी जैन, आरटीआई कार्यकर्ता
3 घंटे का सफर सबसे ज्यादा खतरनाक
पिछले 2 सालों के दौरान सबसे ज्यादा सड़क हादसे देर रात 2 बजे से सुबह 5 बजे के बीच हुए हैं. इस समय नींद सबसे ज्यादा आती है. चालकों के झपकी आने से सवारियों का अंतिम सफर हो जाता है. आगरा जनपद में झरना नाला, खंदौली टोल प्लाजा से पहले ज्यादा हादसे हो रहे हैं. वहीं, मथुरा क्षेत्र में बलदेव, मांट, नौझील, सुरीर में हादसों की संख्या अधिक है. नोएडा की तरफ आने पर जेवर में हादसों की संख्या अधिक है.
अगस्त 2012 से शुरू हुआ था सफर
165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेसवे अगस्त 2012 में चालू किया गया था. इससे आगरा और दिल्ली के बीच की दूरी कम हो गई और सफर में कम समय लगने लगा.
सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) ने यमुना एक्सप्रेस वे पर हो रहे हादसों को लेकर कुछ सुझाव दिए थे.
- डिवाइडर हटाकर थ्राई पिलर लगाए जाएं
- रंबल स्ट्रिप लगाई जाए
- बैरियर की ऊंचाई में इजाफा किया जाए.
- स्पीड कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए.
- ओवर स्पीड पर चालान किया जाए.
- अगले टोल प्लाजा पर ओवर स्पीड का जुर्माना लिया जाए.