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कैश कलेक्शन कंपनी से 1.36 करोड़ लेकर फरार हुए कर्मचारी पर 25 हजार का इनाम

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Published : Jan 5, 2023, 10:49 AM IST

कैश कलेक्शन करने वाली प्राइवेट कंपनी ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Bricks India Private Limited) से लूट करने वाले कर्मचारी विवेक कुमार पर पुलिस ने 25000 रुपये का इनाम घोषित किया है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लेकिन मुख्य आरोपी अब भी फरार है.

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आरोपी कर्मचारी विवेक कुमार

आगराः कैश कलेक्शन करने वाली प्राइवेट कंपनी ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Bricks India Private Limited) से करने वाले कर्मचारी फरार है. कर्मचारी कंपनी का पैसा जमा कराने गया बैंक गया था. जहां से वह कंपनी का 1.36 करोड़ रुपए लेकर फरार गया. इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है. पुलिस ने इस मामले में अब तक छह आरोपियों गिरफ्तार किया है. इनके पास से करीब 85 लाख रुपये बरामद किए गए है. लेकिन लूट की वारदात को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी कर्मचारी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के शाखा प्रबंधक शशि पाल यादव ने थाना रकाबगंज थाना में कर्मचारी विवेक कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का प्राइवेट कंपनियों जैसे टोरेंट पावर, वोडाफोन, डीएचएल समेत अन्य कंपनियों के कैश कलेक्शन करती है. इसके बाद उस कैश को बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा करेंसी चेस्ट में जमा कराया जाता है. यह काम बीते कई साल से कर्मचारी विवेक कुमार कर रहा था.

27 दिसंबर को कंपनी की गाड़ी से कर्मचारी विवेक कुमार, पुष्पेंद्र, बॉबी यादव, गनमैन केशव, रामनिवास और चालक राजवीर बैंक की शाखा में कैश जमा करने गए थे. कंपनी के 1.36 करोड़ रुपये से भरा बक्सा कर्मचारियों ने विवेक कुमार को दे दिया और कैश जमा करने के लिए उसे बैंक की शाखा पर छोड़ दिया. मगर, विवेक कुमार ने कैश जमा करने के बाद कंपनी को सूचना नहीं दी.

28 दिसबंर की शाम तक विवेक ने कंपनी कैश जमा करने से संबधिंत कोई जानकारी नहीं दी. इसके बाद कंपनी के अधिकारी ने बैंक की शाखा प्रबंधक से संपर्क किया तो पता चला कि विवेक ने कैश जमा ही नहीं किया है. इसके बाद से उसका फोन भी बंद है. जब बैंक की शाखा के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए तो पता चला कि विवेक बक्से से कैश निकालकर एक बोरे में भरता दिख रहा है. इसके बाद वह बाइक से पैसे लेकर चला जाता है.

पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतेद्र सिंह ने बताया कि कंपनी ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य आरोपी विवेक कुमार कैश की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं. विवेक सदर के सुल्तानपुर का निवासी है. वह 2018 से नौकरी कर रहा था. उसका मोबाइल नंबर भी बंद है. आरोपी की बाइक भी बरामद कर ली गई है. उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है.

पुलिस कमिश्नर ने यह भी बताया कि कर्मचारी विवेक कुमार कैश लेकर सबसे पहले बिजली घर स्थित अपने ममेरे भाई अमित के पास पहुंचा था. जिसमें आधा पैसे उसने अपने ममेरे भाई अमित और दोस्त राजकुमार को दिए थे. इन रुपयों का अमित और उसके दोस्त राजकुमार व महेश में बंटवारा हुआ था. कैश में से अमित ने अपने पिता लाखन को 3 लाख 5 हजार रुपये दिए थे. अमित अपनी भांजी की मदद से अपनी बहन सविता के घर पंहुचा था. उसने बहन को 30 लाख रुपये दिए थे.

वहीं उसके दोस्त राजकुमार को हिस्सेदारी के 13 लाख 75 हजार रुपये मिले थे. अमित के दूसरे दोस्त महेश के हिस्से में 15 लाख रुपये आये थे. जिसमें उसने अपने मौसा भूरी सिंह को 8 लाख रुपये दिए थे. पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं. आरोपी के दोस्त राजकुमार से एक बाइक भी बरामद हुई है. इससे अमित और राजकुमार आरोपी कर्मचारी विवेक से आधा कैश लेने आये थे.

ये भी पढ़ेः कैश कलेक्शन कंपनी से 1.36 करोड़ लेकर फरार आरोपी की बाइक बरामद,भाई और दोस्त भी वारदात में थे शामिल

आगराः कैश कलेक्शन करने वाली प्राइवेट कंपनी ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Bricks India Private Limited) से करने वाले कर्मचारी फरार है. कर्मचारी कंपनी का पैसा जमा कराने गया बैंक गया था. जहां से वह कंपनी का 1.36 करोड़ रुपए लेकर फरार गया. इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है. पुलिस ने इस मामले में अब तक छह आरोपियों गिरफ्तार किया है. इनके पास से करीब 85 लाख रुपये बरामद किए गए है. लेकिन लूट की वारदात को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी कर्मचारी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के शाखा प्रबंधक शशि पाल यादव ने थाना रकाबगंज थाना में कर्मचारी विवेक कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का प्राइवेट कंपनियों जैसे टोरेंट पावर, वोडाफोन, डीएचएल समेत अन्य कंपनियों के कैश कलेक्शन करती है. इसके बाद उस कैश को बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा करेंसी चेस्ट में जमा कराया जाता है. यह काम बीते कई साल से कर्मचारी विवेक कुमार कर रहा था.

27 दिसंबर को कंपनी की गाड़ी से कर्मचारी विवेक कुमार, पुष्पेंद्र, बॉबी यादव, गनमैन केशव, रामनिवास और चालक राजवीर बैंक की शाखा में कैश जमा करने गए थे. कंपनी के 1.36 करोड़ रुपये से भरा बक्सा कर्मचारियों ने विवेक कुमार को दे दिया और कैश जमा करने के लिए उसे बैंक की शाखा पर छोड़ दिया. मगर, विवेक कुमार ने कैश जमा करने के बाद कंपनी को सूचना नहीं दी.

28 दिसबंर की शाम तक विवेक ने कंपनी कैश जमा करने से संबधिंत कोई जानकारी नहीं दी. इसके बाद कंपनी के अधिकारी ने बैंक की शाखा प्रबंधक से संपर्क किया तो पता चला कि विवेक ने कैश जमा ही नहीं किया है. इसके बाद से उसका फोन भी बंद है. जब बैंक की शाखा के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए तो पता चला कि विवेक बक्से से कैश निकालकर एक बोरे में भरता दिख रहा है. इसके बाद वह बाइक से पैसे लेकर चला जाता है.

पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतेद्र सिंह ने बताया कि कंपनी ब्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य आरोपी विवेक कुमार कैश की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं. विवेक सदर के सुल्तानपुर का निवासी है. वह 2018 से नौकरी कर रहा था. उसका मोबाइल नंबर भी बंद है. आरोपी की बाइक भी बरामद कर ली गई है. उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है.

पुलिस कमिश्नर ने यह भी बताया कि कर्मचारी विवेक कुमार कैश लेकर सबसे पहले बिजली घर स्थित अपने ममेरे भाई अमित के पास पहुंचा था. जिसमें आधा पैसे उसने अपने ममेरे भाई अमित और दोस्त राजकुमार को दिए थे. इन रुपयों का अमित और उसके दोस्त राजकुमार व महेश में बंटवारा हुआ था. कैश में से अमित ने अपने पिता लाखन को 3 लाख 5 हजार रुपये दिए थे. अमित अपनी भांजी की मदद से अपनी बहन सविता के घर पंहुचा था. उसने बहन को 30 लाख रुपये दिए थे.

वहीं उसके दोस्त राजकुमार को हिस्सेदारी के 13 लाख 75 हजार रुपये मिले थे. अमित के दूसरे दोस्त महेश के हिस्से में 15 लाख रुपये आये थे. जिसमें उसने अपने मौसा भूरी सिंह को 8 लाख रुपये दिए थे. पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं. आरोपी के दोस्त राजकुमार से एक बाइक भी बरामद हुई है. इससे अमित और राजकुमार आरोपी कर्मचारी विवेक से आधा कैश लेने आये थे.

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