आगरा: जिले में यमुना नदी का हाल बेहाल हो चुका है. लगातार यमुना नदी में नालों का पानी गिरने से नदी का जल प्रदूषित हो रहा है. जहां एक तरफ आगरा नगर निगम (Agra Municipal Corporation) के मेयर नवीन जैन (Mayor Naveen Jain) कहते हैं कि एक भी नाला यमुना में नहीं गिर रहा, तो वहीं, आगरा के रहने वाले डॉक्टर देवाशीष भट्टाचार्य की आरटीआई रिपोर्ट (RTI report of Dr. Debashish Bhattacharya) में खुलासा हुआ कि नगर निगम ने खुद यह स्वीकार किया था कि 61 नाले यमुना में सीधे तौर पर गिर रहे हैं. यदि मेयर सहाब ये कहते हैं कि नालों को टेप कर दिया गया है.
जबकि ये कुछ ही नाले टेप किये गये हैं. एसटीपी प्लांट भी इनके नहीं चलते. एसटीपी प्लांट चलाने के लिए इनके पास डीजल और संसाधन ही नहीं होते हैं, जिस वजह से लगातार यमुना में नालों का पानी गिरने की वजह से यमुना प्रदूषित हो रही है. जिसके जिम्मेदार आगरा के नगर निगम के अधिकारी हैं.
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मेयर ने कहा 2017 से पहले का हाल बेहाल अब है यमुना का हाल अच्छा
मेयर नवीन जैन ने बताया कि 2017 से पहले सभी नाले यमुना में गिरते थे. लेकिन उनके मेयर बनने के बाद यानी 2017 के बाद सभी नालों को टेप कराया गया और सभी नाले एसटीपी प्लांट में जाते हैं. उसके बाद ही यमुना में नाले का पानी छोड़ा जाता हैं. एक भी नाला अब सीधे तौर पर यमुना में नहीं गिर रहा है, जिस वजह से जो भी लोग यह कह रहे हैं कि यमुना में नाले का पानी गिरने से प्रदूषण हो रहा है यह गलत है बल्कि यमुना में सिल्ट अधिक जमी हुई है. कई सालों से उसकी सफाई नहीं हुई है. यमुना की सफाई पर ध्यान देना चाहिए और जमी हुई सिल्ट को हटवाने का प्रयास करना चाहिए.
आरटीआई रिपोर्ट में बताया की एसटीपी प्लांट में नहीं जा रहे नाले का पानी
आगरा के रहने वाले डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि वह पर्यावरण प्रेमी है, जिस वजह से यमुना को प्रदूषित देखते हुए उन्होंने 2017 में आरटीआई डाली थी कि कितने नाले यमुना में गिर रहे हैं. जिसमें उन्हें जानकारी भी नगर निगम ने यह स्वीकार किया कि 61 नाले यमुना में सीधे तौर पर गिरते हैं.
एसटीपी प्लांट में नाले के पानी को उपयोग में लाने लायक बनाया जाता है. उसके बाद यह नालें यमुना में गिरते हैं तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) (Central Pollution Control Board) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वह खुद यह कहती है कि ताजमहल के पीछे यमुना का पानी इतना प्रदूषित है कि यमुना में पैर रखने पर भी इंसान को बीमारियां हो सकती है, जिससे साफ जाहिर है कि यमुना का पानी इस वक्त कितना प्रदूषित है.
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