आगरा: जिले में कोरोना के कहर और लॉकडाउन ने स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा दी हैं. सोमवार को रिटायर्ड कृषि अधिकारी को लेकर परिजन सरकारी अस्पतालों में घूमते रहे. हालत गंभीर होने पर डायलिसिस करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन न सुनवाई हुई और न उपचार मिला. इस दौरान रिटायर्ड अधिकारी की मौत हो गई.
दोनों मरीजों को समय से नहीं मिला उपचार
पहले भी एक युवती ने कैंसर से ग्रस्त पिता को भर्ती कराने के लिए ट्विटर पर डीएम आगरा, सीएम और पीएम से गुहार लगाई थी. दो दिन बाद सुनवाई हुई, लेकिन जब कैंसर मरीज को लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचे, उसने दम तोड़ दिया था. बीते दो दिन में समय पर उपचार न मिलने से दो मरीजों की मौत हो गई है. अब दोनों के परिवार ने सीएम से शिकायत करने की बात कही है.
रिटायर्ड अधिकारी चार साल से लगातार डायलिसिस पर थे
कासगंज निवासी 62 वर्षीय आरबी सिंह पुंढीर कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थे. वह इसी पद से रिटायर्ड हुए. परिवार में एक बेटा और बेटी है. आरबी सिंह पुंढीर सिकंदरा थाना क्षेत्र के नीरव कुंज में रहते हैं और चार साल से बीमारी के चलते लगातार डायलिसिस पर थे.
रिटायर्ड अधिकारी की डायलिसिस न होने से मौत
शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में आरबी सिंह पुंढीर की डायलिसिस होनी थी. मगर अस्पताल संचालक ने हाथ खड़े कर दिए. दूसरे निजी हॉस्पिटल में गए तो कोरोना की जांच कराने के लिए कहा गया. इस पर शनिवार को आरबी सिंह पुंढीर ने जिला अस्पताल में सैंपल दिया. रविवार को परिजन रिपोर्ट लेने गए, तो उन्हें सोमवार सुबह ग्यारह बजे रिपोर्ट देने की बात कही.
सोमवार तड़के आरबी सिंह की तबीयत बिगड़ी तो परिजन उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे. मगर चिकत्सकों ने न आरबी सिंह को न देखा और न भर्ती किया. इस पर परिजन एक निजी हॉस्पिटल में पहुंचे, वहां कोरोना रिपोर्ट मांगी फिर गंभीर हालत में आरबी सिंह को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे. यहां भी कोरोना की रिपोर्ट और उपचार नहीं मिला. ऐसे में सोमवार सुबह करीब दस बजे आरबी सिंह ने दम तोड़ दिया, जबकि उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है.
सोमवार को रिटायर्ट अधिकारी की डायलिसिस न होने से मौत हो गई. इस मामले की जांच कराई जा रही है. दोबारा ऐसा न हो, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
-प्रभु नारायण सिंह, डीएम