आगरा: जिला प्रशासन ने शहर के 8 बिल्डरों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है. प्रशासन ने इन बिल्डरों के बैंक खाते कुर्क करने का नोटिस जारी किया है. क्योंकि, पहले ही लोगों को फ्लैट न देने और रुपये वापस न करने पर रेरा ने इन बिल्डरों पर कार्रवाई करके आरसी काटी थी. जिला प्रशासन ने शहर के नामी-गिरामी बिल्डर जितेंद्र मंगला को 17.5 करोड़ रुपये की बकाएदारी को लेकर गिरफ्तार करके जेल भेजा है. जिला प्रशासन की कार्रवाई से बिल्डरों में खलबली मची हुई है.
उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने आगरा में लोगों को फ्लैट न देने और रुपये वापस न करने को लेकर बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा प्रस्तुत किया था. इसके चलते ही जिला प्रशासन ने अब 8 बिल्डरों पर 26 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया होने पर अब अपनी कार्रवाई शुरू की है. इसके चलते अब बिल्डरों के बैंक खाते कुर्क करने के आदेश जारी किए गए हैं. जिला प्रशासन की ओर से बिल्डरों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जुटाया जा रहा है. जिससे उन पर सख्त कार्रवाई की जा सके.
रेरा की ओर से बकायेदारों बिल्डरों की 8 कंपनियों की 52 आरसी जारी हुई थीं. इनमें सबसे ज्यादा 18 आरसी अंसल प्रॉपर्टीज एवं इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की और प्रेराणा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की 17 आरसी जारी हुई हैं. इसके साथ ही गायत्री डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड की 6 आरसी, राम रघु बिल्डवेल सुरक्षा प्लाजा की 3 आरसी, पुष्पांजलि हाइट्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट की 3 आरसी, श्रीजी इंफ्रा हाउस प्राइवेट लिमिटेड की 2 आरसी काटी गई है. दीक्षा हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड की एक आरसी और नालंदा बिल्डर एंड डेवलपर लिमिटेड की 1 आरसी जारी हुई है.
एसडीएम सदर निधि डोडवाल का कहना है कि रेरा की ओर से जिन बिल्डर्स की आरसी काटी गई थीं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिले में रेरा ने 8 कंपनियों की 52 आरसी 26.18 करोड़ रुपए काटी थीं. सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. सभी बकाएदार जेल भेजे जाएंगे.
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