आगरा: रेलवे प्रवर्तन दल ने गुरुवार को अपनी भूमि पर अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों को ध्वस्त की. रेलवे के इस कार्रवाई से हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश है. रेलवे की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई है. रेलवे की ओर से कुछ दिन पहले डीजल शेड में स्थित मजार को हटाया गया था.
गुरुवार को रेलवे ने आरपीएफ और पुलिस की मदद से एक बार फिर से अवैध रूप से बनाए गए मंदिर, मस्जिद और मजार को हटाने का कार्य किया है. रेलवे टीम ने सबसे पहले पहलवान शाह बाबा की दरगाह को खाली कराया उसके बाद ध्वस्त कराया. वहीं, लोगों का कहना है कि दरगाह पुरानी थी, लगभग 60-70 वर्ष से इस दरगाह देख रहे हैं. अचानक दरगाह गिराना ठीक नहीं है.
मजार ध्वस्त करने के बाद रेलवे की टीम ने नगला पुलिया की दरगाह को ध्वस्त किया. वहीं, रेलवे लाइन के किनारे स्थित वर्षों पुराने मंदिर में स्थित सभी देवी देवताओं की प्रतिमाएं हटवाई गई. इसके बाद चंद मिनट में जेसीबी की मदद से मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया. इसके साथ रेलवे की टीम ने भूरे शाह बाबा की दरगाह को ध्वस्त किया. इस कार्रवाई को लेकर लोगों में आक्रोश है. मगर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से लोग चुप हैं.
आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि रेलवे टीम ने कई धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की है. सभी धार्मिक स्थल रेलवे की भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए थे. जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हटाया जा रहा है. पहले सभी धार्मिक स्थलों को हटाए जाने का नोटिस दिया था. जिससे वे स्वयं धार्मिक स्थल हटा लें. अब रेलवे ने आरपीएफ और पुलिस की मौजूदगी में कार्रवाई की है.
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