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आलू दे रहा बुंदेलखंड के हजारों परिवार को रोजगार - आलू की खुदाई कर रहे कई लोग

आलू इन दिनों हजारों परिवार और रोजी-रोटी का जरिया बना हुआ है. आलू की खुदाई के लिए मध्यप्रदेश, बुंदेलखंड के हजारों परिवार आगरा के एत्मादपुर क्षेत्र की ओर रुख कर रहे हैं.

परिवार संग आगरा पहुंचे कई मजदूर.
परिवार संग आगरा पहुंचे कई मजदूर.
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Published : Feb 21, 2021, 7:03 PM IST

आगरा: सब्जियों का राजा आलू इन दिनों हजारों परिवारों को रोजगार दे रहा है. आगरा सहित मध्य प्रदेश के हजारों परिवार जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में आलू की खुदाई कर रहे हैं.

प्रवासी मजदूर आगरा में कर रहे आलू की खुदाई.

चार दिन से पहुंच रहे परिवार
आलू खुदाई के लिए बाहर से आने वाले लोग अपने पूरे परिवार के साथ आते हैं. एत्मादपुर क्षेत्र में पिछले 4 दिनों से हजारों लोग आलू खुदाई करने के लिए पहुंच चुके हैं. इनके रहने और खाने का राशन किसान उपलब्ध करा रहे हैं.

परिवार संग आगरा पहुंचे कई मजदूर.
परिवार संग आगरा पहुंचे कई मजदूर.

आगरा में एक व्यक्ति की प्रतिदिन की मजदूरी 400 से 500 रुपये तक की होती है. बाहर से आने वाले मजदूरों 200 से 300 रुपये तक की मजदूरी में काम कर देते हैं. ये मजदूर सूर्योदय होने के साथ ही अपने काम पर जुट जाते हैं.

मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई.
मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई.

500 रुपये का होता है एक जोड़ा
बाहर से आने वाले मजदूर जोड़े में काम करते हैं. इनमें पति-पत्नी या भाई-बहन को एक दिन की मेहनत के लिए प्रत्येक को 250-300 रुपये का भुगतान होता है. इस तरह से प्रत्येक जोड़े को लगभग 500 रुपये मिल जाते हैं. इसके अलावा उनको रहने के लिए स्थान व खाने के लिए भोजन किसानों की तरफ से उपलब्ध कराया जाता है.

एक माह की कमाई से गुजरते हैं कई माह
प्रवासी मजदूरों के मुताबिक, जिस जगह से वे आते हैं, वहां रोजगार के कोई साधन नहीं हैं. रोजगार के अभाव में वे एक महीने से आगरा के अलग-अलग स्थानों पर जाते हैं और आलू की खुदाई करते हैं. इसी एक माह के भुगतान से वे कई महीनों तक गुजारा कर लेते हैं.

आगरा: सब्जियों का राजा आलू इन दिनों हजारों परिवारों को रोजगार दे रहा है. आगरा सहित मध्य प्रदेश के हजारों परिवार जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में आलू की खुदाई कर रहे हैं.

प्रवासी मजदूर आगरा में कर रहे आलू की खुदाई.

चार दिन से पहुंच रहे परिवार
आलू खुदाई के लिए बाहर से आने वाले लोग अपने पूरे परिवार के साथ आते हैं. एत्मादपुर क्षेत्र में पिछले 4 दिनों से हजारों लोग आलू खुदाई करने के लिए पहुंच चुके हैं. इनके रहने और खाने का राशन किसान उपलब्ध करा रहे हैं.

परिवार संग आगरा पहुंचे कई मजदूर.
परिवार संग आगरा पहुंचे कई मजदूर.

आगरा में एक व्यक्ति की प्रतिदिन की मजदूरी 400 से 500 रुपये तक की होती है. बाहर से आने वाले मजदूरों 200 से 300 रुपये तक की मजदूरी में काम कर देते हैं. ये मजदूर सूर्योदय होने के साथ ही अपने काम पर जुट जाते हैं.

मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई.
मजदूरों के रहने की व्यवस्था की गई.

500 रुपये का होता है एक जोड़ा
बाहर से आने वाले मजदूर जोड़े में काम करते हैं. इनमें पति-पत्नी या भाई-बहन को एक दिन की मेहनत के लिए प्रत्येक को 250-300 रुपये का भुगतान होता है. इस तरह से प्रत्येक जोड़े को लगभग 500 रुपये मिल जाते हैं. इसके अलावा उनको रहने के लिए स्थान व खाने के लिए भोजन किसानों की तरफ से उपलब्ध कराया जाता है.

एक माह की कमाई से गुजरते हैं कई माह
प्रवासी मजदूरों के मुताबिक, जिस जगह से वे आते हैं, वहां रोजगार के कोई साधन नहीं हैं. रोजगार के अभाव में वे एक महीने से आगरा के अलग-अलग स्थानों पर जाते हैं और आलू की खुदाई करते हैं. इसी एक माह के भुगतान से वे कई महीनों तक गुजारा कर लेते हैं.

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