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आगरा का हरेश पचौरी हत्याकांड: आरोपी की करोड़ों की संपत्ति जब्त, इस विवाद में हुई थी हत्या

आगरा जिले के शहीद नगर क्षेत्र में अधिवक्ता हरेश पचौरी की दिसंबर 2020 में हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड को लेकर पुलिस ने मुख्य आरोपी विष्णु प्रकाश रावत की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली है. पुलिस ने जिलाधिकारी के आदेश पर तकरीबन 25 करोड़ की संपत्ति जब्त की है.

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Published : Jun 15, 2021, 3:38 PM IST

आगरा का हरेश पचौरी हत्याकांड
आगरा का हरेश पचौरी हत्याकांड

आगरा: जनपद में 19 दिसंबर 2020 को राजपुर चुंगी स्थित राजेस्वर मंदिर के समीप दस्तावेज लेखक (अधिवक्ता) हरेश पचौरी की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विष्णु प्रकाश रावत की संपत्ति को प्रशासन ने जब्त कर लिया है. संपति की अनुमानित कीमत करीब 25 करोड़ के आस-पास है. हरेश पचौरी की हत्या का कारण जमीनी विवाद बताया जा रहा है.

दरअसल, बाजार से हरेश जब घर लौट रहे थे तो रास्ते में शार्प शूटर सचिन कंजा और आकाश ने उनको गोली मार दी थी और हरेश ने मौके पर ही मौत हो गई थी. म्रतक के स्वजनों की तहरीर पर भानु प्रताप मुदगल उर्फ बीपी और विष्णु प्रताप रावत सहित अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर सचिन कंजा और आकाश की पहचान की थी. बताया जाता है कि शार्प शूटर सचिन कंजा को इस काम के लिए आठ लाख की सुपारी दी गई थी. बाकी के दो लाख भानु प्रताप मुदगल ने रख लिए थे. जिसके बाद पुलिस ने नामजद आरोपियों को जेल भेजने के बाद फरार चल रहे सचिन कंजा, आकाश और सोनू रावत की तलाश शुरू कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद आगरा के अधिवक्ता सड़कों पर उतर आए थे.

हरेश पचौरी को मौत के घाट उतारने के बाद शार्प शूटर सचिन कंजा और आकाश आगरा छोड़ कर फरार हो गए थे. जिसके बाद फरार आकाश को हरियाणा पुलिस ने अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था, जो अभी भी जेल में बंद है. वहीं, सचिन कंजा को आगरा पुलिस गिरफ्तार करने में नाकाम रही थी. जबकि दिल्ली पुलिस ने अवैध हथियार के साथ कंजा को धर दबोचा था. वहीं, दोनों आरोपियों को हरेश पचौरी हत्याकांड में भी मुख्य आरोपी बनाया गया है.

फिलहाल, हरेश पचौरी हत्याकांड का मुख्य आरोपी विष्णु प्रताप रावत और उसका भाई सोनू रावत की शहीद नगर देव काम्प्लेक्स स्थित जिम है. जिसको जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस ने सील किया है. यह कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट के तहत धारा 14(1) में की गई है.

जमीन के लिए उतारा मौत के घाट


बता दें कि हरेश पचौरी की हत्या जमीनी विवाद में कई गयी थी. दरअसल, हरेश और विष्णु के बीच इलाके के वर्चस्व को लेकर भी लड़ाई थी. हरेश ने शहीद नगर स्थित बैंक कॉलोनी में एक जमीन के लिए विष्णु और भानु को एक करोड़ 65 लाख रुपये दिए थे. लेकिन आरोपियों ने इस जमीन का बैनामा नहीं किया था. कहा जाता है कि आरोपियों की एक जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में अधिवक्ता हरेश पचौरी ने टांग अड़ा दी थी. जिसके कारण आरोपियों ने हरेश पचौरी को रास्ते से हटा दिया था.

आगरा: जनपद में 19 दिसंबर 2020 को राजपुर चुंगी स्थित राजेस्वर मंदिर के समीप दस्तावेज लेखक (अधिवक्ता) हरेश पचौरी की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विष्णु प्रकाश रावत की संपत्ति को प्रशासन ने जब्त कर लिया है. संपति की अनुमानित कीमत करीब 25 करोड़ के आस-पास है. हरेश पचौरी की हत्या का कारण जमीनी विवाद बताया जा रहा है.

दरअसल, बाजार से हरेश जब घर लौट रहे थे तो रास्ते में शार्प शूटर सचिन कंजा और आकाश ने उनको गोली मार दी थी और हरेश ने मौके पर ही मौत हो गई थी. म्रतक के स्वजनों की तहरीर पर भानु प्रताप मुदगल उर्फ बीपी और विष्णु प्रताप रावत सहित अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर सचिन कंजा और आकाश की पहचान की थी. बताया जाता है कि शार्प शूटर सचिन कंजा को इस काम के लिए आठ लाख की सुपारी दी गई थी. बाकी के दो लाख भानु प्रताप मुदगल ने रख लिए थे. जिसके बाद पुलिस ने नामजद आरोपियों को जेल भेजने के बाद फरार चल रहे सचिन कंजा, आकाश और सोनू रावत की तलाश शुरू कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद आगरा के अधिवक्ता सड़कों पर उतर आए थे.

हरेश पचौरी को मौत के घाट उतारने के बाद शार्प शूटर सचिन कंजा और आकाश आगरा छोड़ कर फरार हो गए थे. जिसके बाद फरार आकाश को हरियाणा पुलिस ने अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था, जो अभी भी जेल में बंद है. वहीं, सचिन कंजा को आगरा पुलिस गिरफ्तार करने में नाकाम रही थी. जबकि दिल्ली पुलिस ने अवैध हथियार के साथ कंजा को धर दबोचा था. वहीं, दोनों आरोपियों को हरेश पचौरी हत्याकांड में भी मुख्य आरोपी बनाया गया है.

फिलहाल, हरेश पचौरी हत्याकांड का मुख्य आरोपी विष्णु प्रताप रावत और उसका भाई सोनू रावत की शहीद नगर देव काम्प्लेक्स स्थित जिम है. जिसको जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस ने सील किया है. यह कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट के तहत धारा 14(1) में की गई है.

जमीन के लिए उतारा मौत के घाट


बता दें कि हरेश पचौरी की हत्या जमीनी विवाद में कई गयी थी. दरअसल, हरेश और विष्णु के बीच इलाके के वर्चस्व को लेकर भी लड़ाई थी. हरेश ने शहीद नगर स्थित बैंक कॉलोनी में एक जमीन के लिए विष्णु और भानु को एक करोड़ 65 लाख रुपये दिए थे. लेकिन आरोपियों ने इस जमीन का बैनामा नहीं किया था. कहा जाता है कि आरोपियों की एक जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में अधिवक्ता हरेश पचौरी ने टांग अड़ा दी थी. जिसके कारण आरोपियों ने हरेश पचौरी को रास्ते से हटा दिया था.

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