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दशकों पुरानी हैं यह पीड़ा, जुगाड़ के बाद 2 किमी दूर से आता है पानी - uttar pradesh news

आगरा में अकोला की ग्राम पंचायत पिनानी रामनगर के लोग खारे पानी की समस्या से बरसों जूझ रहे हैं. यहां के ग्रामीणों को कोसो दूर से पानी पीने के लिए लाना पड़ता है. सासंद और विधायक चुनाव के समय में बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई प्रतिनीधी उनकी सुध लेने नहीं आता.

आगरा के गांव में खारे पानी की समस्या
आगरा के गांव में खारे पानी की समस्या
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Published : Feb 21, 2021, 9:56 AM IST

आगरा: ताजनगरी के जगनेर रोड स्थित ब्लॉक अकोला की ग्राम पंचायत पिनानी रामनगर में खारे पानी की समस्या बरसों पुरानी है. ग्रामीणों ने बताया है कि ग्राम प्रधान, सांसद और विधायक ने भी यहां पानी की व्यवस्था के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया. उन्हें कई किलोमीटर दूर से पानी पीने के लिए लाना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय में बड़े वायदे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज तक कोई वापस नहीं लौटा.

लोगों को पीने का पानी तक खरीदना पड़ता है



नदी से लाना पड़ता है पानी

स्थानीय बुजुर्ग महिला रामश्री ने बताया है कि "इस गांव में खारे पानी की वर्षों पुरानी समस्या है. लगभग 62 वर्ष पूर्व इस गांव में शादी करके आई थी. तभी से इस गांव में खारे पानी की व्यवस्था उन्हें देखने को मिली. सुबह-सुबह वह कई किलोमीटर दूर मीठे पानी की तलाश में जाती थी. कभी नदियां तो कभी आस-पास के गांवों से पानी लेकर आती थी. नहाने से लेकर कपड़े धोने तक खारे पानी से अनेक प्रकार की समस्या पैदा होती हैं, लेकिन आजतक किसी भी सांसद और विधायक ने इस गांव के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की.

2 किलोमीटर दूर से पाइप के जरिए लाते है पानी

गांव के बुजुर्ग भूरी सिंह ने बताया है कि "गांव में लगभग 20 वर्ष पूर्व अकोला की टंकी से पानी आता था, जो अब वह भी खराब हो चुकी है. गांव के वर्तमान प्रधान द्वारा तभी से 2 किलोमीटर दूर से पानी की पाइप लाइन डालकर पानी की व्यवस्था की गई है. वहीं पिंकी शर्मा ने बताया कि "उन्होंने जब से जन्म लिया है तभी से प्रधान के खेतों पर लगी टंकी से पानी लेकर जाती हैं. पिंकी शर्मा का कहना है अगर प्रधान के द्वारा पानी की व्यवस्था नहीं की जाती तो ग्रामीणों के सामने पानी का संकट पैदा हो जाता."


पैसों से खरीदते हैं पानी


स्थानीय निवासी जगदीश और बद्री पहलवान ने बताया कि "गांव के लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है. वर्तमान प्रधान ने अपने खेतों की सिंचाई के लिए गांव में पानी लाने के लिए कई किलोमीटर दूर कर पाइप लाइन डाली गई. ग्रामीणों की सुविधा के लिए उन्होंने पानी की टंकी भी रखवा दी है. ग्रामीण उसी टंकी से पानी पीते हैं और कुछ लोगों को गांव के बाहर पानी की तलाश में आज भी भटकना पड़ता है. वहीं गांव के अंदर कई टेंपो है जो लोगों के घरों तक मीठा पानी पहुंचाते हैं."

आगरा: ताजनगरी के जगनेर रोड स्थित ब्लॉक अकोला की ग्राम पंचायत पिनानी रामनगर में खारे पानी की समस्या बरसों पुरानी है. ग्रामीणों ने बताया है कि ग्राम प्रधान, सांसद और विधायक ने भी यहां पानी की व्यवस्था के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया. उन्हें कई किलोमीटर दूर से पानी पीने के लिए लाना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय में बड़े वायदे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज तक कोई वापस नहीं लौटा.

लोगों को पीने का पानी तक खरीदना पड़ता है



नदी से लाना पड़ता है पानी

स्थानीय बुजुर्ग महिला रामश्री ने बताया है कि "इस गांव में खारे पानी की वर्षों पुरानी समस्या है. लगभग 62 वर्ष पूर्व इस गांव में शादी करके आई थी. तभी से इस गांव में खारे पानी की व्यवस्था उन्हें देखने को मिली. सुबह-सुबह वह कई किलोमीटर दूर मीठे पानी की तलाश में जाती थी. कभी नदियां तो कभी आस-पास के गांवों से पानी लेकर आती थी. नहाने से लेकर कपड़े धोने तक खारे पानी से अनेक प्रकार की समस्या पैदा होती हैं, लेकिन आजतक किसी भी सांसद और विधायक ने इस गांव के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की.

2 किलोमीटर दूर से पाइप के जरिए लाते है पानी

गांव के बुजुर्ग भूरी सिंह ने बताया है कि "गांव में लगभग 20 वर्ष पूर्व अकोला की टंकी से पानी आता था, जो अब वह भी खराब हो चुकी है. गांव के वर्तमान प्रधान द्वारा तभी से 2 किलोमीटर दूर से पानी की पाइप लाइन डालकर पानी की व्यवस्था की गई है. वहीं पिंकी शर्मा ने बताया कि "उन्होंने जब से जन्म लिया है तभी से प्रधान के खेतों पर लगी टंकी से पानी लेकर जाती हैं. पिंकी शर्मा का कहना है अगर प्रधान के द्वारा पानी की व्यवस्था नहीं की जाती तो ग्रामीणों के सामने पानी का संकट पैदा हो जाता."


पैसों से खरीदते हैं पानी


स्थानीय निवासी जगदीश और बद्री पहलवान ने बताया कि "गांव के लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है. वर्तमान प्रधान ने अपने खेतों की सिंचाई के लिए गांव में पानी लाने के लिए कई किलोमीटर दूर कर पाइप लाइन डाली गई. ग्रामीणों की सुविधा के लिए उन्होंने पानी की टंकी भी रखवा दी है. ग्रामीण उसी टंकी से पानी पीते हैं और कुछ लोगों को गांव के बाहर पानी की तलाश में आज भी भटकना पड़ता है. वहीं गांव के अंदर कई टेंपो है जो लोगों के घरों तक मीठा पानी पहुंचाते हैं."

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