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ताजनगरी को मिलेगी नई पहचान, लोगों ने कहा- '25 साल के संघर्ष को आज मिली जीत'

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Published : Dec 19, 2021, 12:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग भारती के निरंतर प्रयासों से उद्योग जगत को ताजनगरी आगरा में मिली बड़ी सफलता. सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद आगरा सहित छह जिलों में अब आसानी से हो सकेंगे गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ होटल, हॉस्पिटल एवं अन्य निर्माण कार्य. ताज ट्रिपेजियम जोन के अंतर्गत 6 जिलों की लगभग सवा करोड़ जनता उद्योग जगत के विकास से होगी लाभान्वित. पनपेंगे नए उद्योग.

आगरा में हो सकेंगे गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ अन्य निर्माण
आगरा में हो सकेंगे गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ अन्य निर्माण

आगराः उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग भारती के निरंतर प्रयासों से उद्योग जगत को ताजनगरी आगरा में बड़ी सफलता मिली है. ताज ट्रिपेजियम जोन के अंतर्गत आगरा सहित छह जिलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ होटल, हॉस्पिटल एवं अन्य निर्माण कार्य आसानी से हो सकेंगे. इस नए आदेश से कई नए उद्योग प्रारंभ होंगे जिससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

होटल पीएल पैलेस में शनिवार शाम को लघु उद्योग भारती द्वारा 'टीटीजेड क्षेत्र में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अंतर्गत विकास पर संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें तमाम वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल रहे.

आगरा में हो सकेंगे गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ अन्य निर्माण
आगरा में हो सकेंगे गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ अन्य निर्माण

यह भी पढ़ें- आगरा भ्रमण पर आए मुक्ति योद्धा बोले- मित्र वाहिनी की आंख और कान बने हम... तब मिली आजादी


समारोह में विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री राकेश गर्ग ने बताया कि 25 साल के संघर्ष को आज जीत मिली है. अब आगरा की पहचान ताजमहल के साथ-साथ पूरे देश में गैर प्रदूषण कारी उद्योगों से भी होगी. उन्होंने कहा कि आगरा के उद्यमी पर्यावरण का हमेशा ध्यान रखते हैं और आगरा में उद्योगों से नहीं बल्कि वाहनों से प्रदूषण होता है. यही वजह है कि लॉकडाउन में कारखानों के चालू रहने के बावजूद प्रदूषण नहीं हुआ. क्योंकि सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे थे. हालांकि अब इलेक्ट्रिक वाहनों के आने के बाद इसमें भी सुधार होगा.

कार्यक्रम में टीटीजेड कमेटी के सदस्य और पूर्व मंत्री केशो मेहरा ने बताया कि नए आदेश के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार जिन उद्योगों में प्रदूषण की श्रेणी 10 बिंदु से अधिक है, उनके लिए नए मानक बनाए जाएंगे. उन मानकों का पालन कर नए उद्योग बिना अनुमति के लग सकेंगे.

टीटीजेड कमेटी के सदस्य इंजीनियर उमेश शर्मा ने बताया कि 8 सितंबर 2016 को एडहॉक मोरीटोरियम लगने के बाद ताज ट्रिपेजियम जोन के अंतर्गत 10400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित हुआ था. अब इस क्षेत्र के 6 जिलों की लगभग सवा करोड़ जनता उद्योग जगत के विकास से लाभान्वित होगी. विशेषकर अस्पताल, होटल, कोल्ड स्टोरेज और भवन निर्माण उद्योग को गति मिलेगी. वहीं साथ में छोटे उद्योग भी पनपेंगे.

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आगराः उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग भारती के निरंतर प्रयासों से उद्योग जगत को ताजनगरी आगरा में बड़ी सफलता मिली है. ताज ट्रिपेजियम जोन के अंतर्गत आगरा सहित छह जिलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ होटल, हॉस्पिटल एवं अन्य निर्माण कार्य आसानी से हो सकेंगे. इस नए आदेश से कई नए उद्योग प्रारंभ होंगे जिससे हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

होटल पीएल पैलेस में शनिवार शाम को लघु उद्योग भारती द्वारा 'टीटीजेड क्षेत्र में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अंतर्गत विकास पर संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें तमाम वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल रहे.

आगरा में हो सकेंगे गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ अन्य निर्माण
आगरा में हो सकेंगे गैर प्रदूषणकारी एवं इको फ्रेंडली उद्योग के साथ-साथ अन्य निर्माण

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समारोह में विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री राकेश गर्ग ने बताया कि 25 साल के संघर्ष को आज जीत मिली है. अब आगरा की पहचान ताजमहल के साथ-साथ पूरे देश में गैर प्रदूषण कारी उद्योगों से भी होगी. उन्होंने कहा कि आगरा के उद्यमी पर्यावरण का हमेशा ध्यान रखते हैं और आगरा में उद्योगों से नहीं बल्कि वाहनों से प्रदूषण होता है. यही वजह है कि लॉकडाउन में कारखानों के चालू रहने के बावजूद प्रदूषण नहीं हुआ. क्योंकि सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे थे. हालांकि अब इलेक्ट्रिक वाहनों के आने के बाद इसमें भी सुधार होगा.

कार्यक्रम में टीटीजेड कमेटी के सदस्य और पूर्व मंत्री केशो मेहरा ने बताया कि नए आदेश के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार जिन उद्योगों में प्रदूषण की श्रेणी 10 बिंदु से अधिक है, उनके लिए नए मानक बनाए जाएंगे. उन मानकों का पालन कर नए उद्योग बिना अनुमति के लग सकेंगे.

टीटीजेड कमेटी के सदस्य इंजीनियर उमेश शर्मा ने बताया कि 8 सितंबर 2016 को एडहॉक मोरीटोरियम लगने के बाद ताज ट्रिपेजियम जोन के अंतर्गत 10400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित हुआ था. अब इस क्षेत्र के 6 जिलों की लगभग सवा करोड़ जनता उद्योग जगत के विकास से लाभान्वित होगी. विशेषकर अस्पताल, होटल, कोल्ड स्टोरेज और भवन निर्माण उद्योग को गति मिलेगी. वहीं साथ में छोटे उद्योग भी पनपेंगे.

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