आगरा: जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर लखनऊ से आए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और आगरा के नोडल अधिकारी आलोक कुमार ने कोरोना संक्रमण के खतरों से निपटने के लिए जिला मुख्यालय पर सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने इलाज के अभाव में हो रही मौतों की जांच बिठाने के साथ एसएन के स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने की भी जांच के आदेश दिए हैं.
ताजनगरी में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर नोडल अधिकारी और वरिष्ठ आईएएस आलोक कुमार ने जिले के सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक कर इस खतरे से निपटने की नई रणनीति तैयार की है. आलोक कुमार की मानें तो ताजनगरी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत की अब जांच शुरू की जाएगी. साथ ही साथ एसएन मेडिकल कॉलेज में स्टाफ के पॉजिटिव होने की जांच शुरू कर दी गयी है.
बैठक में नोडल अधिकारी ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए तीन मुख्य बिंदुओं पर खासी रणनीति बनाई है. जिनमें कोविड-19 की जांच में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैम्पल कलेक्शन में तेजी लाई जायेगी. जिसमे आगरा के अलावा लखनऊ में प्रतिदिन 200 सैंपल की जांच की जायेगी. कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों को दूध, पानी, दवाई और इलाज की परेशानी न हो इसके लिए प्रमुख सचिव ने अधीनस्थ अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए.
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एडीजी अजय आनंद ने बताया कि आगरा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 398 तक पहुंच गई है. मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ जिला प्रशासन ने कोरोना से लड़ने की अपनी रणनीति में बदलाव किया है. जिसके क्रम में हॉटस्पॉट की जगह कंटेनमेंट जोन बनाये जा रहे हैं. आगरा में कुल 39 कंटेनमेंट जोन बनाये गए हैं, जिसके अंतर्गत कंटेनमेंट जोन के 1 किलोमीटर के एरिया को सैनिटाइज किया जा रहा है.