आगरा : विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए अर्जुन की अदालत में बुधवार को पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मुकदमे की सुनवाई हुई. कोर्ट में आज तत्कालीन उप निरीक्षक रूपेंद्र गौड़ की गवाही पूरी हो गई है. अब सेंट्रल जेल के तत्कालीन डिप्टी जेलर की गवाही की प्रक्रिया शुरू हुई है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 जून को होगी.
क्या है मामला ?
मार्च 1999 में पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी केंद्रीय कारागार में निरुद्ध था. तत्कालीन जिलाधिकारी और एसएसपी ने फोर्स के साथ केंद्रीय कारागार में छापा मारा था, उस समय मुख्तार अंसारी की बैरक की तलाशी में बुलेटप्रूफ जैकेट और मोबाइल फोन बरामद हुआ था. इस मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ थाना जगदीशपुरा में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें पुलिस ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.
मुकदमे में बनाए गए 25 गवाह
अभियोजन पक्ष की ओर से दो दशक पुराने मामले में 25 गवाह बनाए गए थे. यह मुकदमा पूर्व में विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए नीरज गौतम की अदालत में लंबित था. बाद में शासन के निर्देश पर विशेष ट्रायल वाले मुकदमों के लिए विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए कोर्ट का गठन करने पर मुकदमा यहां स्थानांतरित किया गया. इस मामले में कोरोना महामारी के चलते गवाही की प्रक्रिया बाधित हो गई थी.
इस मामले में जगदीशपुरा थाना में दर्ज किए गए मुकदमे में तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला वादी हैं. बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. रवि अरोड़ा की ओर से वादी से जिरह पूरी करने पर तत्कालीन उप निरीक्षक रूपेंद्र गौड़ की गवाही अभियोजन पक्ष ने दर्ज कराई है. अब 30 जून को बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से इस मामले में जिरह होगी.