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आगरा सड़क हादसा: पीड़ितों से मजाक, फ्रैक्चर कमर में भर्ती कराया आंख के अस्पताल में

एक निजी क्लीनिक के डॉक्टर ने आगरा सड़क हादसा में घायलों के साथ हुई लापरवाही के बारे में सीएम योगी को ट्वीट कर बताया है. डॉक्टर ने बताया कि एक घायल के कमर में फ्रैक्चर था और उसे निजी अस्पताल में आई केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था.

सीएमओ मुकेश वत्स.
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Published : Jul 10, 2019, 9:33 AM IST

आगरा: रविवार सुबह हुए बस हादसे में घायलों को राज्य सरकार और आगरा प्रशासन बेहतर इलाज और अन्य व्यवस्थाओं की चाक चौबंद बता रहा है. आगरा के एक निजी क्लीनिक के डॉक्टर ने सीएम योगी को ट्वीट कर घायलों को मिली चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोली है. डॉक्टर के अनुसार उनके पास इलाज के लिए आए एक घायल के कमर में फ्रेक्चर था. प्रशासन ने उसे निजी अस्पताल में आई केयर यूनिट में भर्ती कराया. इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी समय पर पहले फर्स्ट एड मिलने के लिए भर्ती कराने की बात कह रहे हैं.

आगरा सड़क हादसा पीड़ितों से हो रहा मजाक.
  • रविवार सुबह हुए हादसे में 29 लोगों की मौत हुई थी और 23 लोग घायल हुए थे.
  • आगरा प्रशासन ने ट्रांस यमुना क्षेत्र स्थित कृष्णा अस्पताल और चौहान अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया था.
  • कृष्णा अस्पताल में घायलों को जनरल वार्ड और आई केयर की आईसीयू में भर्ती किया गया था.
  • इनमें से एक मरीज के कमर में फ्रेक्चर था.
  • रविवार शाम जब डॉक्टर संजय चतुर्वेदी ने जांच की तो उन्हें मामला समझ आया.
  • इसके बाद सीएम योगी को ट्वीट कर पूरे मामले से अवगत कराया.

संजय के अनुसार कमर में फ्रैकचर होने पर जल्द से जल्द उसे दोबारा बिठाना जरूरी होता है. प्रशासन की गलती से उस मरीज को इतनी परेशानी हुई. प्रशासन को घायलों को नजदीकी ढंग के अस्पताल में ले जाना चाहिए था, क्योंकि अगर सिर्फ फर्स्ट एड देने वाले किसी अस्पताल में आप इंजरी का मरीज लाओगे तो वो नुकसान ही उठाएगा. प्रशासन को ऐसे घायलों को ऐसे अस्पताल ले जाना चाहिए था, जहां ट्रॉमा की सारी व्यवस्थाएं हो.

सभी को उचित चिकित्सा व्यवस्था दी गई थी. घटना के समय हमारा मुख्य उद्देश्य था कि घायल को सबसे पहले इलाज मिले और फिर हमने खुद निरीक्षण कर घायलों को एसएन रेफर किया था.
-मुकेश वत्स, सीएमओ

आगरा: रविवार सुबह हुए बस हादसे में घायलों को राज्य सरकार और आगरा प्रशासन बेहतर इलाज और अन्य व्यवस्थाओं की चाक चौबंद बता रहा है. आगरा के एक निजी क्लीनिक के डॉक्टर ने सीएम योगी को ट्वीट कर घायलों को मिली चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोली है. डॉक्टर के अनुसार उनके पास इलाज के लिए आए एक घायल के कमर में फ्रेक्चर था. प्रशासन ने उसे निजी अस्पताल में आई केयर यूनिट में भर्ती कराया. इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी समय पर पहले फर्स्ट एड मिलने के लिए भर्ती कराने की बात कह रहे हैं.

आगरा सड़क हादसा पीड़ितों से हो रहा मजाक.
  • रविवार सुबह हुए हादसे में 29 लोगों की मौत हुई थी और 23 लोग घायल हुए थे.
  • आगरा प्रशासन ने ट्रांस यमुना क्षेत्र स्थित कृष्णा अस्पताल और चौहान अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया था.
  • कृष्णा अस्पताल में घायलों को जनरल वार्ड और आई केयर की आईसीयू में भर्ती किया गया था.
  • इनमें से एक मरीज के कमर में फ्रेक्चर था.
  • रविवार शाम जब डॉक्टर संजय चतुर्वेदी ने जांच की तो उन्हें मामला समझ आया.
  • इसके बाद सीएम योगी को ट्वीट कर पूरे मामले से अवगत कराया.

संजय के अनुसार कमर में फ्रैकचर होने पर जल्द से जल्द उसे दोबारा बिठाना जरूरी होता है. प्रशासन की गलती से उस मरीज को इतनी परेशानी हुई. प्रशासन को घायलों को नजदीकी ढंग के अस्पताल में ले जाना चाहिए था, क्योंकि अगर सिर्फ फर्स्ट एड देने वाले किसी अस्पताल में आप इंजरी का मरीज लाओगे तो वो नुकसान ही उठाएगा. प्रशासन को ऐसे घायलों को ऐसे अस्पताल ले जाना चाहिए था, जहां ट्रॉमा की सारी व्यवस्थाएं हो.

सभी को उचित चिकित्सा व्यवस्था दी गई थी. घटना के समय हमारा मुख्य उद्देश्य था कि घायल को सबसे पहले इलाज मिले और फिर हमने खुद निरीक्षण कर घायलों को एसएन रेफर किया था.
-मुकेश वत्स, सीएमओ

Intro:आगरा में बीती सुबह हुए बस हादसे में भले ही राज्य सरकार और आगरा प्रशाशन इलाज और अन्य व्यवस्थाओ की व्यवस्थाएं चाक चौबंद बता रहा हो पर आगरा के एक निजी क्लिनिक के डॉक्टर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर घायलों को मिली चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल दी है।डाक्टर के अनुसार उनके पास इलाज के लिए आये एक घायल का कूल्हा खिसक गया था और उसे कई फ्रेक्चर हुए थे पर प्रशाशन ने उसे निजी अस्पताल में आई केयर यूनिट में भर्ती किया गया।इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी समय पर पहले फर्स्ट एड मिलने के लिए भर्ती कराने की बात कह रहे हैं।Body:बता दे कि कल हादसे में 29 लोगों की मौत हुई थी और करीब 23 लोग घायल हुए थे।हादसे के बाद आगरा प्रशाशन ने ट्रांस यमुना क्षेत्र स्थित कृष्णा अस्पताल और चौहान अस्पताल में भर्ती कराया था।कृषणा अस्पताल में घायलों को जनरल वार्ड और आई केयर की आईसीयू में भर्ती किया गया था।इनमे से एक मरीज जिसका कूल्हा खिसक गया था और उसे कुछ फ्रेक्चर थे वो देर शाम वहां से निकल कर डाक्टर संजय चतुर्वेदी के पास इलाज के लिए आया और जब संजय चतुर्वेदी ने जांच की तो उन्हें मामला समझ आ गया।संजय ने इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर पूरे मामले से अवगत कराया है।संजय के अनुसार कूल्हा खिसकने पर जल्द से जल्द उसे दोबारा बिठाना जरूरी होता है और प्रशाशन की गलती से उस मरीज को इतनी परेशानी हुई।इसमे उसे अधिक दिक्क्क्त भी हो सकती थी।बतौर संजय प्रशाशन को घायलों को नजदीकी ढंग के अस्पताल में ले जाना चाहिए था,क्योंकि अगर सिर्फ फर्स्ट एड देने वाले किसी अस्पताल में आप इंजरी का मरीज लाओगे तो वो नुकसान ही उठाएगा ।हादसे के बाद प्रशाशन को घायलों को नजदीक के ऐसे अस्पताल ले जाना चाहिए था जहां ट्रामा की सारी व्यवस्थाएं हों।संजय चतुर्वेदी के ट्वीट के बाद सीएमओ मुकेश वत्स का कहना है कि सभी को उचित चिकित्सा व्यवस्था की गई थी।घटना के समय हमारा मुख्य उद्देश्य था कि घायल को सबसे पहले इलाज मिले और फिर हमने खुद निरीक्षण कर घायलों को एसएन रेफर किया था।


बाईट संजय चतुर्वेदी निजी डाक्टर

बाईट सीएमओ मुकेश वत्सConclusion:
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