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आगरा: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर छात्र-छात्राओं ने किए अनोखे अविष्कार - national science day

यूपी के आगरा जिले में दयालबाग यूनिवर्सिटी के शोध छात्र खुद वैज्ञानिक तो बन ही रहे हैं,साथ ही छोटे बच्चों को भी इस हुनर में सक्षम बना रहे हैं.

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छात्र-छात्राओं ने किए अनोखे आविष्कार
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Published : Feb 29, 2020, 12:52 PM IST

आगरा: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर दयालबाग यूनिवर्सिटी के शोध छात्रों ने अनोखे अविष्कार किये. बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर न हो और किसान की फसलों में कीड़े लगने से पहले ही किसानों को जानकारी हो जाए. इसके लिए एक प्रोजेक्ट बनाया गया है, जो बहुत ही कम बजट में बनकर तैयार हो गया है. इस प्रोजेक्ट को दयालबाग यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट के शोध छात्र ने तौयार किया है.

छात्र-छात्राओं ने किए अनोखे आविष्कार
यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. के स्वामी दया हैं, जो यूनिवर्सिटी की माइक्रोवेव फिजिक्स लैब की हेड हैं. इसके साथ ही यह छात्र विवि द्वारा गोद लिए गए गांव के प्राथमिक विद्यालय में आने वाले नन्हे मुन्ने छात्रों को भी तरह-तरह के आविष्कार करना सिखा रहे हैं.याददाश्त कम न हो इसके लिए बनाया प्रोजेक्टशोध के चौथे वर्ष की छात्रा कोमल सक्सेना विज्ञान की रिसर्चर के तौर पर दो बार जापान जा चुकी हैं. कोमल यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों के साथ प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं. इनके अनुसार उम्र बढ़ने पर अल्जाइमा की कमी से मेमोरी लॉस होती है. इस बीमारी का इलाज दावा या इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरीके से होता है. कोमल ने बताया कि उम्र अधिक होने पर जब यह प्रोटीन काम नहीं करता है, अगर बीमारी के दौरान ही इस प्रोटीन को चिन्हित कर उसे कुछ बढ़ाए तो यह मेमोरी लास करने वाले खराब प्रोटीन के ढेरों को अपने आप दिमाग से हटाने लगेगा. इससे महीनों के ट्रीटमेंट की बजाए यह कुछ ही देर में कारगर हो जाएगा.कीड़े लगने से पहले किसान को मिल जाएगी जानकारीद्वितीय वर्ष के शोध छात्र मृदुल शर्मा ने एक सेंसर बनाया है. जो मात्र 20 से 30 रुपये मीटर के खर्च पर किसान को उसकी फसल के कीड़े लगने की जानकारी पहले ही दे देगा. पांच दिन पहले ही पता चल जाएगा कि फसल में कीड़े लगने वाले है. इसके बाद किसान कीटनाशक का इस्तेमाल कर कीड़े लगने से पहले ही उस पर काबू पा लेगा. सेंसर मात्र 9 वोल्ट की बैटरी से काम कर सकता है.डायबिटीज के मरीजों को नहीं लेना पड़ेगा इन्सुलिन0 का इंजेक्शनशोध छात्रा उर्वशी डायबिटीज के मरीजों के लिए सस्ता और मुंह से खाने वाला इन्सुलिन बनाने के लिए काम कर रही हैं. उनके मुताबिक बाजार में इन्सुलिन महंगे हैं और इंजेक्शन की तरह लेने होते हैं. उन्होंने इन्सुलिन को इंजेक्शन की बजाए मुंह से खाने वाला बनाया है. इसे फ्रिज में नहीं रखना पड़ता है और न ही इसके खराब होने का डर है. इसके साथ ही उन्होंने गीगा हर्ट्ज फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाला मात्र 1 इंच का एंटीना भी बनाया है जो कालेज में काम भी आ रहा है.हो जाएगी बैक्टीरिया की जानकारीयूएस किमीशिंग यूनिवर्सिटी से अटैच होकर दोनो यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त रूप से शोध की पढ़ाई कर रहे दूसरे वर्ष के छात्र जीशान ने एक अनोखा सेंसर बनाया है. ये आविष्कार ऐसा है, जो भोजन और शरीर दोनो के ही पास ले जाने पर उस जगह के बैक्टीरिया के बारे में बता देता है. इसमें शरीर में तरह-तरह की बीमारियां पैदा करने वाले बैक्टीरियाओं को डिटेक्ट करने की क्षमता है. इसको बनाने में मात्र 300 के लगभग की लागत आई है.ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति भवन में रात्रिभोज के बाद अमेरिका रवाना हुए डोनाल्ड ट्रंप

आगरा: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर दयालबाग यूनिवर्सिटी के शोध छात्रों ने अनोखे अविष्कार किये. बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर न हो और किसान की फसलों में कीड़े लगने से पहले ही किसानों को जानकारी हो जाए. इसके लिए एक प्रोजेक्ट बनाया गया है, जो बहुत ही कम बजट में बनकर तैयार हो गया है. इस प्रोजेक्ट को दयालबाग यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट के शोध छात्र ने तौयार किया है.

छात्र-छात्राओं ने किए अनोखे आविष्कार
यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. के स्वामी दया हैं, जो यूनिवर्सिटी की माइक्रोवेव फिजिक्स लैब की हेड हैं. इसके साथ ही यह छात्र विवि द्वारा गोद लिए गए गांव के प्राथमिक विद्यालय में आने वाले नन्हे मुन्ने छात्रों को भी तरह-तरह के आविष्कार करना सिखा रहे हैं.याददाश्त कम न हो इसके लिए बनाया प्रोजेक्टशोध के चौथे वर्ष की छात्रा कोमल सक्सेना विज्ञान की रिसर्चर के तौर पर दो बार जापान जा चुकी हैं. कोमल यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों के साथ प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं. इनके अनुसार उम्र बढ़ने पर अल्जाइमा की कमी से मेमोरी लॉस होती है. इस बीमारी का इलाज दावा या इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरीके से होता है. कोमल ने बताया कि उम्र अधिक होने पर जब यह प्रोटीन काम नहीं करता है, अगर बीमारी के दौरान ही इस प्रोटीन को चिन्हित कर उसे कुछ बढ़ाए तो यह मेमोरी लास करने वाले खराब प्रोटीन के ढेरों को अपने आप दिमाग से हटाने लगेगा. इससे महीनों के ट्रीटमेंट की बजाए यह कुछ ही देर में कारगर हो जाएगा.कीड़े लगने से पहले किसान को मिल जाएगी जानकारीद्वितीय वर्ष के शोध छात्र मृदुल शर्मा ने एक सेंसर बनाया है. जो मात्र 20 से 30 रुपये मीटर के खर्च पर किसान को उसकी फसल के कीड़े लगने की जानकारी पहले ही दे देगा. पांच दिन पहले ही पता चल जाएगा कि फसल में कीड़े लगने वाले है. इसके बाद किसान कीटनाशक का इस्तेमाल कर कीड़े लगने से पहले ही उस पर काबू पा लेगा. सेंसर मात्र 9 वोल्ट की बैटरी से काम कर सकता है.डायबिटीज के मरीजों को नहीं लेना पड़ेगा इन्सुलिन0 का इंजेक्शनशोध छात्रा उर्वशी डायबिटीज के मरीजों के लिए सस्ता और मुंह से खाने वाला इन्सुलिन बनाने के लिए काम कर रही हैं. उनके मुताबिक बाजार में इन्सुलिन महंगे हैं और इंजेक्शन की तरह लेने होते हैं. उन्होंने इन्सुलिन को इंजेक्शन की बजाए मुंह से खाने वाला बनाया है. इसे फ्रिज में नहीं रखना पड़ता है और न ही इसके खराब होने का डर है. इसके साथ ही उन्होंने गीगा हर्ट्ज फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाला मात्र 1 इंच का एंटीना भी बनाया है जो कालेज में काम भी आ रहा है.हो जाएगी बैक्टीरिया की जानकारीयूएस किमीशिंग यूनिवर्सिटी से अटैच होकर दोनो यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त रूप से शोध की पढ़ाई कर रहे दूसरे वर्ष के छात्र जीशान ने एक अनोखा सेंसर बनाया है. ये आविष्कार ऐसा है, जो भोजन और शरीर दोनो के ही पास ले जाने पर उस जगह के बैक्टीरिया के बारे में बता देता है. इसमें शरीर में तरह-तरह की बीमारियां पैदा करने वाले बैक्टीरियाओं को डिटेक्ट करने की क्षमता है. इसको बनाने में मात्र 300 के लगभग की लागत आई है.ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति भवन में रात्रिभोज के बाद अमेरिका रवाना हुए डोनाल्ड ट्रंप
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