आगरा: जिले के सांसद एसपी सिंह बघेल बिना शासन-प्रशासन की मदद के शहर को सैनिटाइज करने को निकल पड़े हैं. उन्होंने इसको बघेल सैनिटाइजिंग मॉडल नाम दिया है. बुधवार को सैनिटाइजिंग के दूसरे चरण में उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की.
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए गए उपायों में आगरा मॉडल की भले ही सूबे के सीएम ने भी तारीफ की हो पर बढ़ती हुई कोरोना पाजिटिवों की संख्या और शहर के जनप्रतिनिधियों का गुस्सा और आम आदमी की सोशल मीडिया पर पोस्ट देखकर इसे कागजी मॉडल कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा. सांसद एसपी सिंह बघेल ने इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों पर तीखी टिप्पणी की है. उनके फीडबैक के बाद शासन द्वारा कार्रवाई किए जाने की बात कही गयी है.
पहले जमातियों की सही जानकारी न होने और फिर प्रशासन द्वारा निजी अस्पतालों और चिकित्सकों का ख्याल न रखने के चलते आज शहर प्रदेश में 149 की संख्या के साथ आगरा पहले स्थान पर है. समाजसेवी, आम जनता पुलिस के सहयोग के अलावा जनप्रतिनिधि भी बाखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल अपने खर्च पर शहर को सैनिटाइज करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं. इसके लिए उन्होंने देहात के किसानों से ट्रैक्टर और पेस्टीसाइड का छिड़काव करने वाली मशीनों को आगरा बुलवाया है और इनमें डीजल और सोडियम हाइड्रोक्लोराइड की व्यवस्था सांसद और उनके जानकार समाजसेवियों द्वारा की जा रही है.
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सांसद ने कहा कि जैसे लोग पूड़ी और सब्जी से सेवा कर रहे थे. वैसे ही हम सोडियम हाइड्रोक्लोराइड की मदद से सैनिटाइजेशन कर लोगों की सेवा कर रहे हैं. कोरोना को लेकर उन्होंने नगर निगम की कार्यशैली पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया. प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि हम लोग पढ़े लिखे हैं और वो बड़ी परीक्षाएं पास करके आए हैं. तो उन्हें ख्याल रखना चाहिए. मैं रोज 2000 कॉल अटेंड कर शिकायत सुन रहा हूं और रोज राज्य सरकार और सचिवालय के अधिकारियों से बात कर रहा हूं. हमारे फीडबैक से उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी.