ETV Bharat / state

आगरा में सबसे ज्यादा बसपा के दलबदलू नेता, बने भाजपाई और सपाई

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. तमाम नेता टिकट कटने पर खेमा बदल चुके हैं. आगरा में बसपा के 8 ऐसे नेता हैं जो दल बदलकर भाजपा, सपा और अन्य पार्टियों में शामिल हो गए हैं.

author img

By

Published : Jan 25, 2022, 6:42 PM IST

आगरा में सबसे ज्यादा बसपा के दलबदलू नेता
आगरा में सबसे ज्यादा बसपा के दलबदलू नेता

आगरा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण मतदान के लिए चुनावी चौसर बिछ गई है. पहले चरण में आगरा, अलीगढ़ और मथुरा समेत 11 जिलों की 58 विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को मतदान होना है. आगरा में टिकट कटने पर खूब बगावत हुई है. जिले में सबसे ज्यादा बसपा के 8 नेताओं ने हाथी का साथ नहीं मिलने पर पाला बदल दिया और अब भाजपा, सपा और रालोद के उम्मीदवार हैं. जानें आगरा में दल बदलकर आए कौन-कौन अब 'माननीय' बनने के लिए मैदान में हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट...

ताजनगरी में 9 विधानसभा हैं. सन् 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा लहर चली और सभी 9 विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार जीते. इनमें से आगरा छावनी के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश और फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी उदयभान सिंह को योगी सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया. मगर, सन् 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 5 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए. इसके बाद से ही आगरा में दलबदल की शुरुआत हुई.

एत्मादपुर विधानसभा: यहां सभी का बदला दलगत दिल

एत्मादपुर के मौजूदा विधायक रामप्रताप सिंह चौहान का टिकट काटकर भाजपा ने सपा से आए पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह को मैदान में उतारा है. सन 2017 के विधानसभा चुनाव में विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने तब बसपा प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह को हराया था. डॉ. धर्मपाल सिंह पहले बसपाई फिर सपाई और अब भाजपाई बने हैं. भाजपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल ने भी पाला बदल लिया. राकेश बघेल अब बसपाई बनकर कमल छोड़कर हाथी पर सवार होकर एत्मादपुर से चुनाव मैदान में हैं. उन्हें बसपा प्रत्याशी सर्वेश बघेल का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया है. अब सर्वेश बघेल भी नीला खेमा छोड़ कर आजाद समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं.

डॉ. धर्मपाल सिंह, भाजपा प्रत्याशी
डॉ. धर्मपाल सिंह, भाजपा प्रत्याशी

खेरागढ़ विधानसभा: बसपा के बागी बने भाजपा और रालोद के उम्मीदवार

खेरागढ़ के मौजूदा भाजपा विधायक महेश गोयल का भी टिकट काटकर भाजपा ने कुछ दिन पहले बसपा से आए पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है. भगवान सिंह कुशवाहा खेरागढ़ से दो बार के बसपा विधायक रहे हैं. सन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक महेश गोयल ने हराया था. इसके साथ ही भाजपा से टिकट न मिलने पर नाराज वरिष्ठ भाजपा नेता दिगंबर सिंह धाकरे ने पार्टी से बगावत कर दी और अब वह निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. रालोद ने बसपा से आए रौतान सिंह को टिकट दिया.

भगवान सिंह कुशवाह, भाजपा प्रत्याशी
भगवान सिंह कुशवाह, भाजपा प्रत्याशी

बाह विधानसभा: बसपा के पूर्व विधायक पर सपा का दांव

बाह विधानसभा में भी दल बदल का असर दिखाई दे रहा है. बाह से पूर्व में बसपा के विधायक रहे मधुसूदन शर्मा को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. मधुसूदन शर्मा सपा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष भी हैं. अब फतेहाबाद के भाजपा विधायक जितेंद्र वर्मा के पार्टी छोड़ने से उनकी स्थिति और मजबूत हुई है.

प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल, बसपा प्रत्याशी
प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल, बसपा प्रत्याशी

फतेहाबाद विधानसभा: भाजपा ने बसपाई पर जताया भरोसा

भाजपा ने मौजूदा विधायक जितेंद्र वर्मा का टिकट काटकर बसपा से आए पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा को मैदान में उतारा है. पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा 1993 और 2002 में भाजपा के ही विधायक रहे लेकिन, सन 2012 में बसपा से विधायक बने. पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा को टिकट दिए जाने से नाराज मौजूदा विधायक जितेंद्र वर्मा ने भाजपा छोड़कर घर वापसी करके सपा ज्वाइन किया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें आगरा का जिलाध्यक्ष बनाया है.

छोटेलाल वर्मा, भाजपा प्रत्याशी
छोटेलाल वर्मा, भाजपा प्रत्याशी

आगरा छावनी विधानसभा: सपा के 'कुंवर' बने बसपाई

भारतीय जनता पार्टी में आगरा छावनी के मौजूदा विधायक और राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश को मैदान में उतारा है. जबकि, बसपाई से सपाई बने कुंवर चंद वकील पर सपा ने दांव खेला है. उन्होंने आगरा (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर बसपा से चुनाव लड़ा था जबकि, बसपा ने भारतेंदु अरुण पर दांव लगाया है.

कुंवर चंद वकील, सपा प्रत्याशी
कुंवर चंद वकील, सपा प्रत्याशी

आगरा उत्तरी विधानसभा: हाथ का साथ छोड़ आए शब्बीर अब हाथी के साथी

समाजवादी पार्टी ने आगरा उत्तर विधानसभा से ज्ञानेश गौतम को मैदान में उतारा है. जबकि, सन 2017 के विधानसभा चुनाव में ज्ञानेश गौतम ने बसपा प्रत्याशी के रूप में इसी विधानसभा से चुनाव लड़ा था. बसपा ने आगरा उत्तर से पहले मुरालीलाल गोयल को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन, बसपा ने मुरारी लाल गोयल का टिकट काटकर कांग्रेस छोड़कर बसपाई बने शब्बीर अब्बास को टिकट दिया है. बसपा से टिकट कटने पर मुरारी लाल गोयल ने पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है.

ज्ञानेश गौतम, सपा प्रत्याशी
ज्ञानेश गौतम, सपा प्रत्याशी

आगरा ग्रामीण विधानसभा: रालोद ने बसपाई को उतारा मैदान में

भारतीय जनता पार्टी ने आगरा ग्रामीण की मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर का टिकट काटकर उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा छोड़कर रालोद में शामिल हुए अहम दावेदार पूर्व विधायक कालीचरन सुमन को दरकिनार करके रालोद ने बसपा से आए महेश जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस पर पूर्व विधायक कालीचरन सुमन अब भाजपा में शामिल हो गए हैं. साथ ही भाजपा के पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया का बेटा अरुण कांत कठेरिया ने भी टिकट कटने पर आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया है. आप ने अरुण कांत कठेरिया को आगरा ग्रामीण से अपना प्रत्याशी बनाया है.

आगरा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण मतदान के लिए चुनावी चौसर बिछ गई है. पहले चरण में आगरा, अलीगढ़ और मथुरा समेत 11 जिलों की 58 विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को मतदान होना है. आगरा में टिकट कटने पर खूब बगावत हुई है. जिले में सबसे ज्यादा बसपा के 8 नेताओं ने हाथी का साथ नहीं मिलने पर पाला बदल दिया और अब भाजपा, सपा और रालोद के उम्मीदवार हैं. जानें आगरा में दल बदलकर आए कौन-कौन अब 'माननीय' बनने के लिए मैदान में हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट...

ताजनगरी में 9 विधानसभा हैं. सन् 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा लहर चली और सभी 9 विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार जीते. इनमें से आगरा छावनी के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश और फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी उदयभान सिंह को योगी सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया. मगर, सन् 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 5 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए. इसके बाद से ही आगरा में दलबदल की शुरुआत हुई.

एत्मादपुर विधानसभा: यहां सभी का बदला दलगत दिल

एत्मादपुर के मौजूदा विधायक रामप्रताप सिंह चौहान का टिकट काटकर भाजपा ने सपा से आए पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह को मैदान में उतारा है. सन 2017 के विधानसभा चुनाव में विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने तब बसपा प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह को हराया था. डॉ. धर्मपाल सिंह पहले बसपाई फिर सपाई और अब भाजपाई बने हैं. भाजपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल ने भी पाला बदल लिया. राकेश बघेल अब बसपाई बनकर कमल छोड़कर हाथी पर सवार होकर एत्मादपुर से चुनाव मैदान में हैं. उन्हें बसपा प्रत्याशी सर्वेश बघेल का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया है. अब सर्वेश बघेल भी नीला खेमा छोड़ कर आजाद समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं.

डॉ. धर्मपाल सिंह, भाजपा प्रत्याशी
डॉ. धर्मपाल सिंह, भाजपा प्रत्याशी

खेरागढ़ विधानसभा: बसपा के बागी बने भाजपा और रालोद के उम्मीदवार

खेरागढ़ के मौजूदा भाजपा विधायक महेश गोयल का भी टिकट काटकर भाजपा ने कुछ दिन पहले बसपा से आए पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है. भगवान सिंह कुशवाहा खेरागढ़ से दो बार के बसपा विधायक रहे हैं. सन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक महेश गोयल ने हराया था. इसके साथ ही भाजपा से टिकट न मिलने पर नाराज वरिष्ठ भाजपा नेता दिगंबर सिंह धाकरे ने पार्टी से बगावत कर दी और अब वह निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. रालोद ने बसपा से आए रौतान सिंह को टिकट दिया.

भगवान सिंह कुशवाह, भाजपा प्रत्याशी
भगवान सिंह कुशवाह, भाजपा प्रत्याशी

बाह विधानसभा: बसपा के पूर्व विधायक पर सपा का दांव

बाह विधानसभा में भी दल बदल का असर दिखाई दे रहा है. बाह से पूर्व में बसपा के विधायक रहे मधुसूदन शर्मा को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. मधुसूदन शर्मा सपा के निवर्तमान जिला अध्यक्ष भी हैं. अब फतेहाबाद के भाजपा विधायक जितेंद्र वर्मा के पार्टी छोड़ने से उनकी स्थिति और मजबूत हुई है.

प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल, बसपा प्रत्याशी
प्रबल प्रताप सिंह उर्फ राकेश बघेल, बसपा प्रत्याशी

फतेहाबाद विधानसभा: भाजपा ने बसपाई पर जताया भरोसा

भाजपा ने मौजूदा विधायक जितेंद्र वर्मा का टिकट काटकर बसपा से आए पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा को मैदान में उतारा है. पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा 1993 और 2002 में भाजपा के ही विधायक रहे लेकिन, सन 2012 में बसपा से विधायक बने. पूर्व विधायक छोटे लाल वर्मा को टिकट दिए जाने से नाराज मौजूदा विधायक जितेंद्र वर्मा ने भाजपा छोड़कर घर वापसी करके सपा ज्वाइन किया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें आगरा का जिलाध्यक्ष बनाया है.

छोटेलाल वर्मा, भाजपा प्रत्याशी
छोटेलाल वर्मा, भाजपा प्रत्याशी

आगरा छावनी विधानसभा: सपा के 'कुंवर' बने बसपाई

भारतीय जनता पार्टी में आगरा छावनी के मौजूदा विधायक और राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश को मैदान में उतारा है. जबकि, बसपाई से सपाई बने कुंवर चंद वकील पर सपा ने दांव खेला है. उन्होंने आगरा (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर बसपा से चुनाव लड़ा था जबकि, बसपा ने भारतेंदु अरुण पर दांव लगाया है.

कुंवर चंद वकील, सपा प्रत्याशी
कुंवर चंद वकील, सपा प्रत्याशी

आगरा उत्तरी विधानसभा: हाथ का साथ छोड़ आए शब्बीर अब हाथी के साथी

समाजवादी पार्टी ने आगरा उत्तर विधानसभा से ज्ञानेश गौतम को मैदान में उतारा है. जबकि, सन 2017 के विधानसभा चुनाव में ज्ञानेश गौतम ने बसपा प्रत्याशी के रूप में इसी विधानसभा से चुनाव लड़ा था. बसपा ने आगरा उत्तर से पहले मुरालीलाल गोयल को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन, बसपा ने मुरारी लाल गोयल का टिकट काटकर कांग्रेस छोड़कर बसपाई बने शब्बीर अब्बास को टिकट दिया है. बसपा से टिकट कटने पर मुरारी लाल गोयल ने पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है.

ज्ञानेश गौतम, सपा प्रत्याशी
ज्ञानेश गौतम, सपा प्रत्याशी

आगरा ग्रामीण विधानसभा: रालोद ने बसपाई को उतारा मैदान में

भारतीय जनता पार्टी ने आगरा ग्रामीण की मौजूदा विधायक हेमलता दिवाकर का टिकट काटकर उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा छोड़कर रालोद में शामिल हुए अहम दावेदार पूर्व विधायक कालीचरन सुमन को दरकिनार करके रालोद ने बसपा से आए महेश जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस पर पूर्व विधायक कालीचरन सुमन अब भाजपा में शामिल हो गए हैं. साथ ही भाजपा के पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया का बेटा अरुण कांत कठेरिया ने भी टिकट कटने पर आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया है. आप ने अरुण कांत कठेरिया को आगरा ग्रामीण से अपना प्रत्याशी बनाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.