आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में चंबल नहर माइनर फूटने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई. खेतों में चारों तरफ तालाब की तरह पानी ही पानी दिखाई देने लगा. तत्काल एकत्रित ग्रामीणों ने नहर फूटने की सूचना नहर विभाग कर्मचारियों के साथ एसडीएम को दी. तत्काल मौक पर पहुंचे विभाग के अधिकारियों ने नहर को बंद कराया व ग्रामीणों की मदद से मिट्टी, बालू की बोरियां लगाकर फूटी नहर माइनर को ठीक कराने का कार्य शुरू किया.
जनपद के ब्लॉक पिनाहट क्षेत्र के देवगढ़ रामनगर के पास चंबल नहर का माइनर फूटने से किसानों की सैकड़ों बीघा बोई हुई फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई. किसानों ने नहर विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए फसल मुआवजा की मांग की है. कस्बा पिनाहट क्षेत्र से निकलकर इटावा तक पहुंची. चंबल डाल नहर परियोजना से पिनाहट ,बाह, जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के दर्जनों गांव के सैकड़ों किसानों की हजारों हेक्टेयर खेती की सिंचाई होती है. गेहूं, आलू, सरसों के फसलों की बुवाई का समय आने पर किसानों ने चंबल नहर को चालू कराने की मांग उठाई थी.
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किसानों की समस्या को लेकर महीनों से बंद पड़ी चंबल डाल नहर परियोजना को क्षेत्रीय विधायक बाह रानी पक्षालिका सिंह ने उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र कुमार सिंह को पत्र लिखकर व नहर विभाग के अधिकारियों से वार्तालाप कर नहर चालू कराई थी. अभी कुछ दिन पूर्व चंबल नहर को किसानों की सिंचाई हेतु चालू किया गया था. जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे मगर रविवार की देर रात को अचानक चंबल नहर माइनर की पटरी टूट गई और नहर का पानी भरभरा कर किसानों के खेतों में जाने लगा.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चंबल नहर फूटने का यह मामला नया नहीं है. पिछले वर्ष लगातार दो बार चंबल नहर का माइनर फूटने से किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है. जिसका मुआवजा आज तक नहीं मिला है. चंबल नहर की सफाई ठीक से नहीं होने के कारण यह हुआ, इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. अचानक नहर फूटने से किसान हरिओम शर्मा, सुरेश सिंह, महेश, मोहन सिंह आदि की करीब लगभग 200 बीघा गेहूं, आलू ,सरसों की फसल जलमग्न हो कर बर्बाद हो गई. जिसे लेकर किसानों ने शासन-प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए माइनर को पक्का कराने की मांग की है ताकि भविष्य में किसानों की फसल बर्बाद ना हो सके.
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