आगराः ताजनगरी से सटे राजस्थान और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर खनन माफिया बेखौफ हैं. इसका नजारा बीते दिनों तब खुलकर सामने आया था, जब सैंया टोल प्लाजा का बेरियर तोड़कर भाग रहे खनन के ट्रैक्टर-ट्रॉली का वीडियो सामना आया. इससे आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया. इसके बाद पुलिस प्रशासन, परिवहन और खनन विभाग ने कई जगह छापेमारी की और कई माफिया को गिरफ्तार भी किया. वहीं, दर्जनों खनन माफिया अब भी फरार हैं. इस बीच पुलिस प्रशासन के हत्थे चढ़े खनन माफिया ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. जिस पर जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधने को मजबूर हो गए.
खनन माफिया ने बताया कि एक ट्रॉली चंबल सैंड खनन से लेकर उसे सुरक्षित पहुंचाने के लिए पुलिस, परिवहन और खनन विभाग के कर्मचारियों को 2000 से 2500 रुपये का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. खनन माफिया के इस खुलासे से एसएसपी प्रभाकर चौधरी काफी नाराज हैं. उन्होंने खनन माफिया से घूस लेने वाले थानेदार, चौकी इंचार्ज और पुलिसकर्मियों की गोपनीय जांच शुरू कराई है, जिससे पुलिस महकमे में भी खलबली मची हुई है.
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पुलिस विभाग के अनुसार, एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने चार्ज संभालने के बाद आगरा में गोपनीय सूचना के आधार पर खनन में लिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ खुद ही एफआईआर दर्ज कराई थी. फिर भी आगरा में खनन का काम कम दिनदहाड़े जारी रहा. बीते दिनों जब सैंया टोल प्लाजा पर खनन माफिया ने बैरियर तोड़कर ट्रैक्टर-ट्रॉली दौड़ाई तो पुलिस प्रशासन, परिवहन और खनन विभाग के अधिकारियों की सख्ती की पोल खुल गई.
आगरा में पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग की टीमों ने खनन माफिया पर लगाम कसने को अभियान शुरू किया. इससे काफी हद तक अवैध खनन रुक भी गया है. खनन माफिया भूमिगत हो गए हैं. जानकारी के अनुसार, पुलिस प्रशासन, खनन विभाग और परिवहन विभाग की टीमों ने पिछले 22 दिन में 36 खनन माफिया को जेल भेजा है.
इस दौरान खनन माफिया ने पूछताछ में खुलासा किया कि अवैध खनन के परिवहन में तीन से चार थाना पुलिस, छह से सात पुलिस चौकियां, पुलिस चेक पोस्ट, खनन विभाग की चेकिंग और परिवहन विभाग की चेकिंग से ट्रॉली चंबल सैंड सुरक्षित पहुंचने के लिए 2000 से 2500 रुपये की घूस दी जाती है. इसके अलावा ट्रैक्टर में 2000 रुपये का डीजल भी लग जाता है. फिर कहीं जाकर 3000 रुपये की बचत होती है.
हालांकि, पुलिस की सख्ती के बाद भी खनन पर पूरी तरह लगाम नहीं लग सकी है. खनन माफिया चकमा देकर अब चोर रास्तों से बेखौफ खनन के वाहन निकाल रहे हैं. ये अपने ट्रैक्टर पर बिना नंबर प्लेट या फिर नंबर प्लेट पर कालिख पोतकर काम को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस ने अब तक ऐसे 60 ट्रक और डंपर व ट्रैक्टर-ट्रॉलियां को पकड़ा है. सैंया टोल पर बैरियर तोड़कर 50 सेंकड में 13 ट्रैक्टर ट्रॉली भगाने के वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन ने इन पर शिकंजा कसा और 18 अगस्त 2022 से 10 सितंबर 2022 तक जिले में 165 एफआईआर हुईं. साथ ही पुलिस ने 36 माफिया गिरफ्तार करके जेल भी भेजा.
आगरा में खनन के लिए यमुना नदी और चंबल नदी पर एक भी खनन का पट्टा नहीं है. फिर भी यहां धड़ल्ले से खनन का परिवहन होता है. राजस्थान सीमा से सटे धौलपुर, मध्य प्रदेश के मुरैना के रास्ते सैंया, इरादतनगर और मलपुरा होकर बड़े पैमान पर मिट्टी, बालू और पत्थर का अवैध खनन हो रहा है.
इस मामले में एसपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि पुलिस, प्रशासन और परिवहन विभाग की ओर से थाना मलपुरा, इरादतनगर और सैंया में पुलिस ने पीडीपीपी एक्ट के तहत 106 एफआईआर दर्ज कराई हैं. खनन माफिया के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जा रही है. खनन माफिया की संपत्तियां भी चिह्नित होंगी, जिन्हें कुर्क किया जाएगा. वहीं, वरिष्ठ खनन अधिकारी आरबी सिंह ने बताया कि जिले में अवैध परिवहन में पकड़े जाने वाले वाहनों के मालिक से लाखों में जुर्माना वसूला जा रहा है. लगातार खनन विभाग कार्रवाई कर रहा है. अवैध खनन के एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़ने पर 2.30 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाता है. इससे लगातार सरकार को राजस्व मिल रहा है.
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