आगरा: ताजनगरी में हिंदू वादियों ने सोमवार दोपहर ताजमहल के पश्चिमी गेट पर प्रदर्शन किया. शनिवार को मोहब्बत की निशानी ताजमहल को देखने भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में पहुंचे पर्यटकों को पश्चिमी गेट पर सीआईएसफ और एएसआई के जवानों ने रोक दिया. इसपर हिंदूवादियों ने ताज के सामने प्रदर्शन और नारेबाजी की. उनकी मांग थी कि एएसआई और सीआईएसएफ के कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, यदि ऐसा नहीं हुआ तो हिंदूवादी ताजमहल के गेटों पर ताला लटका देंगे. उन्होंने पुलिस को ज्ञापन दिया है, जिसमें मांग की है कि भगवाधारी, हिंदू धार्मिक देवी-देवताओं के स्वरूपों को भी ताजमहल देखने की एंट्री देनी चाहिए.
दरअसल, शनिवार शाम एक पर्यटक भगवान श्रीकृष्ण की वेशभूषा में ताजमहल वेस्ट गेट पर पहुंचा था. जहां सीआईएसएफ और एएसआई के कर्मचारियों ने उसे ताजमहल देखने के लिए एंट्री नहीं दी. वह श्रीकृष्ण की वेशभूषा में वहां बाहर घूमता रहा. उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ भी जमा हो गई. हिंदूवादी इसके विरोध में उतर आए हैं. इसीलिए वह लगातार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
इसके बाद सोमवार को राष्ट्रीय हिंदू परिषद (भारत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर के नेतृत्व में कार्यकर्ता और राधा-श्रीकृष्ण के स्वरूप में कुछ लोग ताजमहल के पूर्वी गेट पहुंचे. जहां फिर उन्हें ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया. जिसके चलते ही राष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने ताजमहल के पश्चिमी गेट पर प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय हिंदू परिषद (भारत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर का कहना है कि जब राधा-श्रीकृष्ण के स्वरूप जन्माष्टमी के दिन तेजो महल में स्थित शिव जी से मिलने जा रहे थे, उन्हें रोका गया है. अगर, प्रशासन ने भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो राष्ट्रीय हिंदू परिषद के सैकड़ों कार्यकर्ता ताजमहल में ताला लगाने का काम करेंगे.
इस संबंध में एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुरक्षा के लिहाज से बिना अनुमति के प्रमोशनल एक्टिविटी ताजमहल में नहीं की जा सकती हैं. इसके चलते ही विशेष वेशभूषा में आए कलाकारों को ताजमहल में एंट्री नहीं दी गई.