ETV Bharat / state

आगरा में 'आशा डायरी' से भ्रूण लिंग परीक्षण की निगरानी, जानें पूरी प्लानिंग

आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसमें आशा बहुएं भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात कराने वालों की लिस्ट तैयार करेंगी.

etv bharat
जानकारी प्राप्त करती आशा बहुएं
author img

By

Published : Jun 2, 2022, 10:59 AM IST

आगरा: ताजनगरी में अब आशा बहुएं (आशा कार्यकर्ता) भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात पर नजर रखेंगी. साथ ही, गांव-गांव जाकर हर गर्भवती महिलाओं की हिस्ट्री की कुंडली अपनी 'आशा डायरी' में लिखेंगी, जिससे कन्या भ्रूण हत्या, अवैध गर्भपात और असुरक्षित गर्भपात कराने वालों पर अंकुश लगाया जा सके. आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें आशा बहुएं भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात कराने वालों की सुरागकशी करेंगी.

जिले में करीब 3000 हजार आशा बहुएं हैं, जो शासन की चिकित्सा सेवाओं के साथ ही तमाम सुविधाएं जनता तक सीधी पहुंचाती हैं. आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने एक तीर से कई शिकार करने के लिए आशा बहुएं, नर्स और डीपीएम की तिगड़ी को नई जिम्मेदारी दी है. आगरा सीएमओ ने अपने इस नए पायलट प्रोजेक्ट के जरिए जिले में चल रहे फर्जी और झोलाछाप डॉक्टर्स, अल्ट्रासाउंड सेंटर, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर और पैथोलॉजी लैब चलाने वालों की रिपोर्ट तैयार करेंगे.

हर गर्भवती की डिटेल्स जुटाई जा रही: सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि, पहले से ही आशाएं बहुएं गांव-गांव जाकर हर गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड तैयार करती हैं. टीकाकरण और अन्य तमाम योजना लोगों तक पहुंचाती हैं. अब पायलट प्रोजेक्ट में आशा बहुओं को गांव-गांव में रह तमाम जानकारी जुटानी है कि कौन महिला गर्भवती है ? उसका प्रसव हुआ है या नहीं. प्रसव के बाद बेटा हुआ या बेटी पैदा हुई. प्रसव नहीं हुआ तो गर्भपात क्यों कराया गया? इसके पीछे कोई मेडिकल वजह थी. या फिर कन्या भ्रूण हत्या का मामला था.

पायलट प्रोजेक्ट की जानकारी देते सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव

यह भी पढ़ें: KGMU की शोध में मिला ऑक्सीजन बचाने का नायाब तरीका, चीन ने माना भारत का लोहा

छोटी से छोटी जानकारी इकट्ठा करेंगी: इतना ही नहीं, कहां पर प्रसव कराया गया? क्या प्रसव कराने वाले डॉक्टर सही थे? प्रसव सामान्य था या सीजेरियन हुआ था. अब पैदा हुए बच्चे की उम्र कितनी है. प्रसूता और शिशु का स्वास्थ्य कैसा है ? गर्भवती ने यदि गर्भपात कराया है. तो वो किस संस्थान में कराया गया था. गर्भपात कराने से पहले क्या अल्ट्रासाउंड हुआ था? या अन्य कोई जांच कराई गई थी ? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब लेकर आशा बहुएं अपनी डायरी में नोट करेंगी. इस जानकारी के आधार पर एएनएम, नर्स और स्वास्थ्य विभाग की टीमें एक-एक मामले की तस्दीक करेंगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी आगरा के सभी ब्लॉक से 20-20 गांव चुनें गए हैं. वहीं, शहरी क्षेत्र में आशा, एएनएम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगाए हैं.

आगरा की बदनामी रोकने के लिए पायलट प्रोजेक्ट: आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि हरियाणा और राजस्थान की स्वास्थ्य टीमों ने आगरा में भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात में लिप्त चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की. तमाम चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारी जेल भी गए हैं. हाल में ही हरियाणा की स्वास्थ्य विभाग की टीम और एसटीएफ ने यमुनापार स्थित प्रिया हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजीव कुमार और उनके अन्य लोगों को भ्रूण लिंग परीक्षण और गर्भपात कराते रंगेहाथ गिरफ्तार करके जेल भेजा है. इससे आगरा की बदनामी हो रही है. ऐसे ही मामलों को देखते हुए ही यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.


ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

आगरा: ताजनगरी में अब आशा बहुएं (आशा कार्यकर्ता) भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात पर नजर रखेंगी. साथ ही, गांव-गांव जाकर हर गर्भवती महिलाओं की हिस्ट्री की कुंडली अपनी 'आशा डायरी' में लिखेंगी, जिससे कन्या भ्रूण हत्या, अवैध गर्भपात और असुरक्षित गर्भपात कराने वालों पर अंकुश लगाया जा सके. आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें आशा बहुएं भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात कराने वालों की सुरागकशी करेंगी.

जिले में करीब 3000 हजार आशा बहुएं हैं, जो शासन की चिकित्सा सेवाओं के साथ ही तमाम सुविधाएं जनता तक सीधी पहुंचाती हैं. आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने एक तीर से कई शिकार करने के लिए आशा बहुएं, नर्स और डीपीएम की तिगड़ी को नई जिम्मेदारी दी है. आगरा सीएमओ ने अपने इस नए पायलट प्रोजेक्ट के जरिए जिले में चल रहे फर्जी और झोलाछाप डॉक्टर्स, अल्ट्रासाउंड सेंटर, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर और पैथोलॉजी लैब चलाने वालों की रिपोर्ट तैयार करेंगे.

हर गर्भवती की डिटेल्स जुटाई जा रही: सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि, पहले से ही आशाएं बहुएं गांव-गांव जाकर हर गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड तैयार करती हैं. टीकाकरण और अन्य तमाम योजना लोगों तक पहुंचाती हैं. अब पायलट प्रोजेक्ट में आशा बहुओं को गांव-गांव में रह तमाम जानकारी जुटानी है कि कौन महिला गर्भवती है ? उसका प्रसव हुआ है या नहीं. प्रसव के बाद बेटा हुआ या बेटी पैदा हुई. प्रसव नहीं हुआ तो गर्भपात क्यों कराया गया? इसके पीछे कोई मेडिकल वजह थी. या फिर कन्या भ्रूण हत्या का मामला था.

पायलट प्रोजेक्ट की जानकारी देते सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव

यह भी पढ़ें: KGMU की शोध में मिला ऑक्सीजन बचाने का नायाब तरीका, चीन ने माना भारत का लोहा

छोटी से छोटी जानकारी इकट्ठा करेंगी: इतना ही नहीं, कहां पर प्रसव कराया गया? क्या प्रसव कराने वाले डॉक्टर सही थे? प्रसव सामान्य था या सीजेरियन हुआ था. अब पैदा हुए बच्चे की उम्र कितनी है. प्रसूता और शिशु का स्वास्थ्य कैसा है ? गर्भवती ने यदि गर्भपात कराया है. तो वो किस संस्थान में कराया गया था. गर्भपात कराने से पहले क्या अल्ट्रासाउंड हुआ था? या अन्य कोई जांच कराई गई थी ? ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब लेकर आशा बहुएं अपनी डायरी में नोट करेंगी. इस जानकारी के आधार पर एएनएम, नर्स और स्वास्थ्य विभाग की टीमें एक-एक मामले की तस्दीक करेंगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी आगरा के सभी ब्लॉक से 20-20 गांव चुनें गए हैं. वहीं, शहरी क्षेत्र में आशा, एएनएम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगाए हैं.

आगरा की बदनामी रोकने के लिए पायलट प्रोजेक्ट: आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि हरियाणा और राजस्थान की स्वास्थ्य टीमों ने आगरा में भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात में लिप्त चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की. तमाम चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारी जेल भी गए हैं. हाल में ही हरियाणा की स्वास्थ्य विभाग की टीम और एसटीएफ ने यमुनापार स्थित प्रिया हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजीव कुमार और उनके अन्य लोगों को भ्रूण लिंग परीक्षण और गर्भपात कराते रंगेहाथ गिरफ्तार करके जेल भेजा है. इससे आगरा की बदनामी हो रही है. ऐसे ही मामलों को देखते हुए ही यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.


ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.