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G20 Summit Agra: बैठक में एमबीए सरपंच छवि राजावत ने कहा, देश के विकास में महिला व पुरुष दोनों का बराबर योगदान - women empowerment at G20 Summit

देश की पहली एमबीए सरपंच छवि राजावत ने जी20 की बैठक में महिला सशक्तीकरण पर अपना प्रेजेंटेशन दिया. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे गांव के विकास के लिए विदेश की नौकरी छोड़ी और सरपंच बनीं. देखिए ईटीवी भारत से छवि राजावत की एक्सक्लूसिव बातचीत...

सरपंच छवि राजावत
सरपंच छवि राजावत
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Published : Feb 12, 2023, 12:38 PM IST

राजस्थान के टोंक के ग्राम पंचायत की सरपंच छवि राजावत से टीवी भारत की एक्सक्लूसिव बातचीत

आगराः ताजनगरी में जी20 देशों के प्रतिनिधियों की शनिवार की बैठक में महिला सशक्तीकरण पर चर्चा हुई. इस बैठक में देश की पहली एमबीए सरपंच छवि राजावत ने भी अपना प्रजेंटेशन दिया. राजस्थान के टोंक जिले की सोढा ग्राम पंचायत की सरपंच छवि राजावत ने बताया कि उन्होंने कैसे गांव के विकास के लिए विदेश की नौकरी छोड़ी और सरपंच बनीं. फिर, दस साल के कार्यकाल में क्या-क्या कार्य किए? उनके सामने क्या चैलेंज आए और उन्होंने इसका निदान कैसे किया.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में छवि राजावत ने कहा कि वे मानती हैं कि आज देश में तमाम योजनाएं है, जो महिला और किशोरियों की दशा-दिशा बदलने वाली हैं. आज उनके सामने ढेर सारे मौके हैं, बस उन्हें भुनाना है. जी20 की बैठक में महिला सशक्तीकरण पर मंथन से दुनियां में आवाज बुलंद होगी.

छवि राजावत ने बताया कि उन्होंने दस साल के अपने सरपंची कार्यकाल में किशोरी और महिलाओं को लेकर कौन-कौन से कार्य किए? कितना ग्राम पंचायत में बदलाव आया? कौन-कौन की नई पहल की? जिससे समाज में बदलाव आया है. यह उनका मुख्य प्रजेंटेशन था. उनका मानना है कि आज देश और प्रदेश सरकारों की ओर से ऐसी तमाम योजनाएं और नीतियां हैं, जो महिलाओं के लिए हैं. किशोरियों के लिए बेहद उपयोगी हैं.

डिजिटल इंडिया के बारे में बात करते हुए छवि ने कहा कि डिजिटल इंडिया से सभी को फायदा मिला है. आज हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंची है. महिलाओं के बैंक में खाते हैं. पहले शिक्षा बेहतर नहीं थी. स्किल का कोई मंच नहीं था. आज सब कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद है, जिससे एक खाई भरी है. हर गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में नजरिया बदल रहा है. ग्रामीणों को सोचना और समझना चाहिए. अब अवसर बहुत हैं. उन्हें पहचानने की जरूरत है.

सरकार दे रही महिला नेतृत्व को बढ़ावाः छवि राजावत ने देश में महिला नेतृत्व को लेकर कहा कि जब किसी देश की ग्रो स्टोरी की बात होती है तो उसमें जीडीपी की बात होती है. इसमें पुरुष के साथ महिलाएं भी अच्छे से कंट्रीब्यूट कर सकती हैं या कर रही हैं. मुझे इस समिट में यह महसूस हुआ है कि हमारी सरकार का जो विजन है. उसमें महिला के नेतृत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है. तमाम ऐसे क्षेत्र हैं. जो ग्रामीण हैं. शहर से दूर हैं. महिलाएं और बच्चियां जो शहर से दूर हैं. वहां पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. उन्हें भी मेन स्ट्रीम में लेकर आएं. वहां पर भी प्राइवेट क्षेत्र के जो पिलर हैं. डिजिटल प्लेटफार्म हैं. उनके जरिए उन्हें बढ़ावा दिया जाए.

'ही फाॅर शी' कैंपेन से मजबूत होंगी महिलाएंः छवि ने कहा कि 'ग्लोबली आज विश्व में वुमैन लीडरशिप आगे देखने के लिए मिल रही है. कोविड महामारी में यह सामने आया था कि जहां पर महिला लीडर हैं. वहां पर अधिक सहयोग मिला था. किसी देश की जो ग्रो स्टोरी है. प्राइवेट क्षेत्र में भी कई महिलाएं हैं. जो लीडरशिप रोल निभा रही हैं. आज लोग यह समझेंगे.'

छवि ने आगे कहा कि 'पुरुषों को लगता है कि, उनके विपरित महिलाएं हैं. महिलाओं को लगता है कि उनके अपोजिट पुरुष हैं. मगर, ऐसा नहीं हैं. महिला और पुरुष एक-दूसरे को काॅप्लीमेंट करते हैं. जब दोनों मिलकर काम करेंगे तो एक होलेस्टिक डवलपमेंट की तरफ हम काम कर सकते हैं. जहां पर महिला को सशक्त करने के लिए पुरुष भी आगे आएं. जिसे में 'ही फाॅर शी' कैंपेन बोलते हैं. साथ मिलकर कैसे हम अपने देश को बदल सकते हैं. यह बात भारत के लिए नहीं, बल्कि विश्वभर में इसके बारे में लोग समझ रहे हैं. इस पर काम कर रहे हैं.'

युवाओं को मार्गदर्शन की जरूरतः छवि राजावत का मानन है कि युवाओं को बेहतर मार्गदर्शन की जरूरत हैं. अच्छे मार्गदर्शन से वे अपना हर वो मुकाम पा सकते हैं. जिसका उन्होंने सपना देखा है. उन्होंने कहा कि 10 साल में उन्होंने यह खुद देखा था कि उन्होंने जो विकास के कार्यक्रम हाथ में लिए थे. उसमें युवाओं ने हिस्सा लिया. जिससे वे पूरे हुए.

बता दें कि आगरा में G 20 देशों के प्रतिनिधि की बैठक चल रही है. जो महिला सशक्तीकरण पर मंथन कर रहे हैं. पहले दिन शनिवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे. बैठक में मंथन किया गया कि कैसे आगे आने वाले समय में महिला की दशा और दिशा को मजबूत कैसे की जाए? विदेशी वक्ताओं ने महिला सशक्तीकरण को चलाए जा रहे कार्यक्रम और अभियान को लेकर अपनी राय साझा किया.

ये भी पढ़ेंः G20 Summit 2023: जी20 के मेहमानों ने आगरा किले में देखी मिनी भारत की तस्वीर, बोले- इंडिया इज अमेजिंग

राजस्थान के टोंक के ग्राम पंचायत की सरपंच छवि राजावत से टीवी भारत की एक्सक्लूसिव बातचीत

आगराः ताजनगरी में जी20 देशों के प्रतिनिधियों की शनिवार की बैठक में महिला सशक्तीकरण पर चर्चा हुई. इस बैठक में देश की पहली एमबीए सरपंच छवि राजावत ने भी अपना प्रजेंटेशन दिया. राजस्थान के टोंक जिले की सोढा ग्राम पंचायत की सरपंच छवि राजावत ने बताया कि उन्होंने कैसे गांव के विकास के लिए विदेश की नौकरी छोड़ी और सरपंच बनीं. फिर, दस साल के कार्यकाल में क्या-क्या कार्य किए? उनके सामने क्या चैलेंज आए और उन्होंने इसका निदान कैसे किया.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में छवि राजावत ने कहा कि वे मानती हैं कि आज देश में तमाम योजनाएं है, जो महिला और किशोरियों की दशा-दिशा बदलने वाली हैं. आज उनके सामने ढेर सारे मौके हैं, बस उन्हें भुनाना है. जी20 की बैठक में महिला सशक्तीकरण पर मंथन से दुनियां में आवाज बुलंद होगी.

छवि राजावत ने बताया कि उन्होंने दस साल के अपने सरपंची कार्यकाल में किशोरी और महिलाओं को लेकर कौन-कौन से कार्य किए? कितना ग्राम पंचायत में बदलाव आया? कौन-कौन की नई पहल की? जिससे समाज में बदलाव आया है. यह उनका मुख्य प्रजेंटेशन था. उनका मानना है कि आज देश और प्रदेश सरकारों की ओर से ऐसी तमाम योजनाएं और नीतियां हैं, जो महिलाओं के लिए हैं. किशोरियों के लिए बेहद उपयोगी हैं.

डिजिटल इंडिया के बारे में बात करते हुए छवि ने कहा कि डिजिटल इंडिया से सभी को फायदा मिला है. आज हर गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंची है. महिलाओं के बैंक में खाते हैं. पहले शिक्षा बेहतर नहीं थी. स्किल का कोई मंच नहीं था. आज सब कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद है, जिससे एक खाई भरी है. हर गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में नजरिया बदल रहा है. ग्रामीणों को सोचना और समझना चाहिए. अब अवसर बहुत हैं. उन्हें पहचानने की जरूरत है.

सरकार दे रही महिला नेतृत्व को बढ़ावाः छवि राजावत ने देश में महिला नेतृत्व को लेकर कहा कि जब किसी देश की ग्रो स्टोरी की बात होती है तो उसमें जीडीपी की बात होती है. इसमें पुरुष के साथ महिलाएं भी अच्छे से कंट्रीब्यूट कर सकती हैं या कर रही हैं. मुझे इस समिट में यह महसूस हुआ है कि हमारी सरकार का जो विजन है. उसमें महिला के नेतृत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है. तमाम ऐसे क्षेत्र हैं. जो ग्रामीण हैं. शहर से दूर हैं. महिलाएं और बच्चियां जो शहर से दूर हैं. वहां पर पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. उन्हें भी मेन स्ट्रीम में लेकर आएं. वहां पर भी प्राइवेट क्षेत्र के जो पिलर हैं. डिजिटल प्लेटफार्म हैं. उनके जरिए उन्हें बढ़ावा दिया जाए.

'ही फाॅर शी' कैंपेन से मजबूत होंगी महिलाएंः छवि ने कहा कि 'ग्लोबली आज विश्व में वुमैन लीडरशिप आगे देखने के लिए मिल रही है. कोविड महामारी में यह सामने आया था कि जहां पर महिला लीडर हैं. वहां पर अधिक सहयोग मिला था. किसी देश की जो ग्रो स्टोरी है. प्राइवेट क्षेत्र में भी कई महिलाएं हैं. जो लीडरशिप रोल निभा रही हैं. आज लोग यह समझेंगे.'

छवि ने आगे कहा कि 'पुरुषों को लगता है कि, उनके विपरित महिलाएं हैं. महिलाओं को लगता है कि उनके अपोजिट पुरुष हैं. मगर, ऐसा नहीं हैं. महिला और पुरुष एक-दूसरे को काॅप्लीमेंट करते हैं. जब दोनों मिलकर काम करेंगे तो एक होलेस्टिक डवलपमेंट की तरफ हम काम कर सकते हैं. जहां पर महिला को सशक्त करने के लिए पुरुष भी आगे आएं. जिसे में 'ही फाॅर शी' कैंपेन बोलते हैं. साथ मिलकर कैसे हम अपने देश को बदल सकते हैं. यह बात भारत के लिए नहीं, बल्कि विश्वभर में इसके बारे में लोग समझ रहे हैं. इस पर काम कर रहे हैं.'

युवाओं को मार्गदर्शन की जरूरतः छवि राजावत का मानन है कि युवाओं को बेहतर मार्गदर्शन की जरूरत हैं. अच्छे मार्गदर्शन से वे अपना हर वो मुकाम पा सकते हैं. जिसका उन्होंने सपना देखा है. उन्होंने कहा कि 10 साल में उन्होंने यह खुद देखा था कि उन्होंने जो विकास के कार्यक्रम हाथ में लिए थे. उसमें युवाओं ने हिस्सा लिया. जिससे वे पूरे हुए.

बता दें कि आगरा में G 20 देशों के प्रतिनिधि की बैठक चल रही है. जो महिला सशक्तीकरण पर मंथन कर रहे हैं. पहले दिन शनिवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे. बैठक में मंथन किया गया कि कैसे आगे आने वाले समय में महिला की दशा और दिशा को मजबूत कैसे की जाए? विदेशी वक्ताओं ने महिला सशक्तीकरण को चलाए जा रहे कार्यक्रम और अभियान को लेकर अपनी राय साझा किया.

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