आगरा: मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुंभकारों की हालत सुधरे, उनका कारोबार बढ़े और उन्हें रोजगार मिले. इसको लेकर प्रदेश में पहली बार योगी सरकार ने माटी कला बोर्ड का गठन किया. वहीं माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति बुधवार कोअपने गृह नगर आगरा आए और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की.
खादी ग्रामोद्योग ट्रेनिंग सेंटर पर मिलेगी ट्रेनिंग
माटी कला बोर्ड अभी बना है. इसलिए हम खादी ग्रामोद्योग ट्रेनिंग सेंटर पर इन लोगों को आधुनिकता की ट्रेनिंग देंगे. क्योंकि आज मिट्टी से पानी की बोतल भी बन रही है. ऐसे ही करीब डेढ़ सौ आइटम बन रहे हैं. इन्हीं उत्पादों को बनाने की ट्रेनिंग देंगे. इसके बाद जो अपना उद्योग लगाना चाहते हैं. वह लगा सकते हैं, जिनके पास पैसे नहीं हैं, सरकार की तरफ से तमाम योजनाओं के तहत मदद मिलेगी.
प्लास्टिक बनाने वाले बड़े कारोबारियों को पकड़ा जाएगा
माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि, फाइबर और प्लास्टिक के आइटम आने से मिट्टी के बर्तन बनाने का कारोबार मृत प्राय हो गया था. अब जब प्लास्टिक पर रोक लगी है, इस कारोबार के बढ़ने की उम्मीद जगी है. आज मैं इसी को लेकर आगरा आया हूं और मैंने अधिकारियों के साथ बैठक की है. उन्होंने कहा है कि छोटे-मोटे दुकानदारों से प्लास्टिक पकड़ने के बजाय बड़े प्लास्टिक के कारोबार करने वाले लोगों को पकड़ें. हम मिट्टी के बर्तन और मिट्टी के बने हुए आइटम को बेचने के लिए एक मंच प्रदान करेंगे.
माटी कला की ओर से प्रत्येक जिले में बनाई जाएंगी दो से तीन समितियां
बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि, मिट्टी के बर्तन और आइटम बनाने वाले लोगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के नाम से ही योजना है. 25% की सब्सिडी है. केंद्र सरकार की ओर से जो योजना चलाई जा रही है, उसमें 35% की सब्सिडी है. माटी कला बोर्ड की ओर से प्रत्येक जनपद में दो या तीन समितियां बनाई जा रही हैं.
मिट्टी के आइटम बनाने वाले परिवारों को इसमें जोड़ा जा रहा है. समितियां जगह देंगीं और माटी कला बोर्ड की ओर से वहां पर जरूरी उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे समितियां अपना व्यापार शुरू कर सकती हैं. क्योंकि वैसे भी कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक चाक या अन्य सामान खरीदना चाहता है. उनकी कीमत हजारों और लाखों रुपये में है. जो खरीदना असंभव सा है.
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