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शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता पंचतत्व में विलीन, छोटे भाई ऋषभ गुप्ता ने दी मुखाग्नि - कैप्टन शुभम गुप्ता अंतिम विदाई

आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता (Rajouri Encounter Captain Shubham Gupta) भी राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर आवास पर पहुंचा तो पूरा शहर रो पड़ा. लोगों ने नम आंखों से भारत माता के जयकारों के साथ अंतिम विदाई दी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 24, 2023, 4:48 PM IST

Updated : Nov 25, 2023, 6:34 AM IST

पैतृक गांव कुआंखेड़ में शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया.

आगरा : जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकी हमले में शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर उनके निवास ताजनगरी फेज वन स्थित प्रतीक एन्क्लेव पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया. एक ओर जहां शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के पार्थिव शरीर पर लोग फूलों की बारिश कर उनकी शहादत को सलामी दे रहे थे तो दूसरी ओर परिवार में माता-पिता, भाई-बहन और अन्य परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे थे. नम आंखों से सभी ने अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन किए. डीसीजी क्राइम बसंत गुप्ता ने बेटे कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर देख तो फफक पड़े. मां बेसुध हो गई. हर आंख में आंसू थे. देर शाम पैतृक गांव कुआंखेड़ा में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. छोटे भाई ऋषभ गुप्ता ने मुखाग्नि दी. इस दौरान काफी लोग मौजूद रहे. वे भारत माता के जयकारे लगाते रहे.

हर आंख में नजर आया शहादत का गम.
अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी.

हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता के लगाए जयकारे : ताजनगरी फेस-वन स्थित प्रतीक एनक्लेव के आसपास सड़कों पर खड़े लोग वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए बेताब दिखे. हाथों में फूल-मालाओं के साथ तिरंगा भी था. क्षेत्र भारत माता के जयकारे और देशभक्ति गीचों से गूंज रहा है. एयरपोर्ट पर वीर सपूत शुभम गुप्ता को सेना और एयरफोर्स के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद अब उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास प्रतीक एनक्लेव पर ले जाया गया. राजनेताओं के साथ ही तमाम जिला प्रशासन के अधिकारी शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे.

अंतिम विदाई के लिए डिप्टी सीएम भी पहुंचे.

डिप्टी सीएम बोले- शुभम ने देश का सिर ऊंचा किया : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश के 125 करोड़ लोगों की ओर से शहीद को नमन है. शुभम के पिता बसंत गुप्ता हमारे पुराने मित्र हैं. आज हम इस दुख की घड़ी में पूरे परिवार के साथ खड़े हैं. शुभम गुप्ता की शहादत बेकार नहीं जाएगी, भारत माता का मस्तक उन्होंने ऊंचा किया है, जिन लोगों ने ऐसा किया है उनको चिन्हित किया जाएगा. जो कुछ भी हुआ है, जल्द ही उसका परिणाम सामने आएगा. सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है.

ऐ मेरी जमीं, महबूब मेरी, मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे : शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता को सिंगिंग का शौक था. सोशल मीडिया पर उनकी सिंगिंग के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता सुरीली आवाज, लय और ताल में ऐ मेरी जमीं, महबूब मेरी, मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे... ये गीत फिल्म केसरी का है. जो सन 2020 में कैप्टन शुभम गुप्ता ने जब मंच से गाया था तो दोस्त उनकी आवाज के मुरीद हो गए थे. इस गीत ने शुभम की जिंदगी बदल दी. शुभम ने इसके बाद अपनी आवाज में कई गाने रिकॉर्ड किए.

नहीं जले चूल्हे, हर आंख नम : शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पैतृक गांव कुआंखेड़ा है. गांव के वीर सपूत की शहादत की खबर से दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले. गांव में हर आंख नम है. शहीद की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार में ग्रामीण और आसपास के गांव के लोग भी पहुंचे. ग्रामीण केशन यादव ने बताया कि, शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की शहादत ने कुआंखेड़ा गांव में 23 साल पहले हुई असम रायफल्स के जवान राधेश्याम यादव के बलिदान की यादों को ताजा कर दिया. 2000 में मणिपुर में आतंकियों के हमले में राधेश्याम यादव शहीद हुए थे.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुठभेड़ आतंकियों से मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए. इनमें कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लांस नायक संजय बिष्ट, सचिन लौर शामिल रहे. इनमें से कैप्टन शुभम गुप्ता आगरा के थे.

यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने शहीद कमांडो सचिन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों को पचास लाख की मदद और एक नौकरी का ऐलान


पैतृक गांव कुआंखेड़ में शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया.

आगरा : जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकी हमले में शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर उनके निवास ताजनगरी फेज वन स्थित प्रतीक एन्क्लेव पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया. एक ओर जहां शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के पार्थिव शरीर पर लोग फूलों की बारिश कर उनकी शहादत को सलामी दे रहे थे तो दूसरी ओर परिवार में माता-पिता, भाई-बहन और अन्य परिजनों के आंसू नहीं रुक रहे थे. नम आंखों से सभी ने अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन किए. डीसीजी क्राइम बसंत गुप्ता ने बेटे कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर देख तो फफक पड़े. मां बेसुध हो गई. हर आंख में आंसू थे. देर शाम पैतृक गांव कुआंखेड़ा में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. छोटे भाई ऋषभ गुप्ता ने मुखाग्नि दी. इस दौरान काफी लोग मौजूद रहे. वे भारत माता के जयकारे लगाते रहे.

हर आंख में नजर आया शहादत का गम.
अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी.

हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता के लगाए जयकारे : ताजनगरी फेस-वन स्थित प्रतीक एनक्लेव के आसपास सड़कों पर खड़े लोग वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए बेताब दिखे. हाथों में फूल-मालाओं के साथ तिरंगा भी था. क्षेत्र भारत माता के जयकारे और देशभक्ति गीचों से गूंज रहा है. एयरपोर्ट पर वीर सपूत शुभम गुप्ता को सेना और एयरफोर्स के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद अब उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास प्रतीक एनक्लेव पर ले जाया गया. राजनेताओं के साथ ही तमाम जिला प्रशासन के अधिकारी शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे.

अंतिम विदाई के लिए डिप्टी सीएम भी पहुंचे.

डिप्टी सीएम बोले- शुभम ने देश का सिर ऊंचा किया : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश के 125 करोड़ लोगों की ओर से शहीद को नमन है. शुभम के पिता बसंत गुप्ता हमारे पुराने मित्र हैं. आज हम इस दुख की घड़ी में पूरे परिवार के साथ खड़े हैं. शुभम गुप्ता की शहादत बेकार नहीं जाएगी, भारत माता का मस्तक उन्होंने ऊंचा किया है, जिन लोगों ने ऐसा किया है उनको चिन्हित किया जाएगा. जो कुछ भी हुआ है, जल्द ही उसका परिणाम सामने आएगा. सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है.

ऐ मेरी जमीं, महबूब मेरी, मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे : शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता को सिंगिंग का शौक था. सोशल मीडिया पर उनकी सिंगिंग के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता सुरीली आवाज, लय और ताल में ऐ मेरी जमीं, महबूब मेरी, मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे... ये गीत फिल्म केसरी का है. जो सन 2020 में कैप्टन शुभम गुप्ता ने जब मंच से गाया था तो दोस्त उनकी आवाज के मुरीद हो गए थे. इस गीत ने शुभम की जिंदगी बदल दी. शुभम ने इसके बाद अपनी आवाज में कई गाने रिकॉर्ड किए.

नहीं जले चूल्हे, हर आंख नम : शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पैतृक गांव कुआंखेड़ा है. गांव के वीर सपूत की शहादत की खबर से दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले. गांव में हर आंख नम है. शहीद की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार में ग्रामीण और आसपास के गांव के लोग भी पहुंचे. ग्रामीण केशन यादव ने बताया कि, शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की शहादत ने कुआंखेड़ा गांव में 23 साल पहले हुई असम रायफल्स के जवान राधेश्याम यादव के बलिदान की यादों को ताजा कर दिया. 2000 में मणिपुर में आतंकियों के हमले में राधेश्याम यादव शहीद हुए थे.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुठभेड़ आतंकियों से मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए. इनमें कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लांस नायक संजय बिष्ट, सचिन लौर शामिल रहे. इनमें से कैप्टन शुभम गुप्ता आगरा के थे.

यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने शहीद कमांडो सचिन को दी श्रद्धांजलि, परिजनों को पचास लाख की मदद और एक नौकरी का ऐलान


Last Updated : Nov 25, 2023, 6:34 AM IST
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