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रेल निहारिका: भारत की पहली भाप इंजन ट्रेन से लेकर वंदे भारत तक की सफरगाथा - International Fair Taj Festival

ताजनगरी में इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव में लोगों को मनोरंजन के साथ ही रेल के इतिहास के बारे में जानकारी भी दी जा रही है. जिससे विजिटर्स को भाप के इंजन से लेकर भारत की स्वदेशी ट्रेन वंदे भारत का सफरनामा की नाॅलेज मिल रही है.

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Published : Feb 27, 2023, 10:54 PM IST

जानकारी देते हुए रेलवे आगरा मंडल के पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव

आगरा: इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव में मौज मस्ती के साथ ही विजिटर्स को नॉलेज भी मिल रही है. क्योंकि, शिल्पग्राम में शिल्प, कला, संस्कृति, फन और फूड्स के साथ ही विजिटर्स को रेल का इतिहास भी बताया जा रहा है. इस बार ताज महोत्सव में रेल निहारिका में विजिटर्स को भारत में रेल की शुरुआत. भारतीय रेल का विकास और रेल के नए आयाम की जानकारी दी जा रही है. रेल निहारिका में विजिटर्स को भाप के इंजन के मॉडल, डीजल इंजन का माॅडल, पहला इलेक्ट्रिक माॅडल, सबसे पहला रेल डिब्बा, शताब्दी एक्सप्रेस के साथ ही अन्य तमाम इंजन और डिब्बों के मॉडल हैं. जिससे विजिटर्स को भाप के इंजन से लेकर भारत की स्वदेशी ट्रेन वंदे भारत का सफरनामा की नाॅलेज मिल रही है.

बता दें कि, ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में पहली ट्रेन चलाई थी. देश में पहली बार 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी. यह ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से ठाणे के बीच 35 किमी तक चली थी. जिसमें 400 यात्रियों ने सफर किया था. इसके बाद लगातार नए प्रयोग किए जा रहे हैं. लगातार रेलवे प्रगति के पथ पर अग्रसर है.

भाप, कोयला, डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन के माॅडल
रेलवे पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि, रेल निहारिका में भारतीय रेल का 170 साल का इतिहास दिखाया गया है. यहां पर विजिटर्स और स्टूडेंटस के लिए स्क्रेप से बना पहला भाप इंजन का माॅडल है. इसके साथ ही भाप के बाद भारत में रेल कोयला से चली थी. कोयले का इंजन, डीजल इंजन और पहले इलेक्ट्रिक इंजन का माॅडल भी यहां पर रखा गया है. इसके साथ ही रेल निहारिका में भारतीय रेल का सफरनामा है. जिसमें पुराने रेल, रेल पुल के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की रेल यात्रा के तमाम फोटो भी हैं.

आगरा में दौड रही वंदेभारत
रेलवे पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि, आगरा के सबसे पुराने स्टेशन आगरा फोर्ट, आगरा कैंट, ईदगाह, यमुना ब्रिज के 100 साल पुराने फोटो भी रेल निहारिका में लगे हैं. रेल निहारिका में यमुना ब्रिज स्टेशन से ताजमहल का फोटो भी है. जिससे यहां आने वाले विजिटर्स को रेल के इतिहास की जानकारी मिल रही है. यह रेल निहारिका स्टूडेंट के लिए बेहद अहम है. रेल निहारिका में भाप के इंजन के साथ ही पहली स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन का माॅडल भी है. पटरी पर दौड भी रहा है. जिससे युवा और विजिटर्स देखकर खूब सराह रहे हैं. क्योंकि, भले ही आगरा तक वंदेभारत ट्रेन नहीं चल रही है. मगर, लोगों को रेल निहारिका में वंदेभारत ट्रेन दौडती दिख रही है.

यह बोले विजिटर
स्टूडेंटस राशि मिश्रा ने बताया कि, ताज महोत्सव में आने वाले हर स्टूडेंट को यह जरूर देखनी चाहिए. यह बहुत नाॅलेजबल है. इसलिए यहां पर जरूर आएं. क्योंकि, उन्हें भारतीय रेल का इतिहास जानने को मिल रहा है. प्रो. बीके शर्मा ने बताया कि, यहां पर रेलवे ने अब तक कितने इंजन उपयोग किए हैं. यह सब यहां पर डिस्प्ले किए गए हैं. वंदेभारत कैसी है. उसके कोच कैसे हैं. यह यहां पर देखने के लिए मिल रहा है.

यह भी पढ़ें- Kanpur News: गंगा किनारे पहला गोल्फ क्लब तैयार कराएगा केडीए, 25 एकड़ जमीन चिह्नित


जानकारी देते हुए रेलवे आगरा मंडल के पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव

आगरा: इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव में मौज मस्ती के साथ ही विजिटर्स को नॉलेज भी मिल रही है. क्योंकि, शिल्पग्राम में शिल्प, कला, संस्कृति, फन और फूड्स के साथ ही विजिटर्स को रेल का इतिहास भी बताया जा रहा है. इस बार ताज महोत्सव में रेल निहारिका में विजिटर्स को भारत में रेल की शुरुआत. भारतीय रेल का विकास और रेल के नए आयाम की जानकारी दी जा रही है. रेल निहारिका में विजिटर्स को भाप के इंजन के मॉडल, डीजल इंजन का माॅडल, पहला इलेक्ट्रिक माॅडल, सबसे पहला रेल डिब्बा, शताब्दी एक्सप्रेस के साथ ही अन्य तमाम इंजन और डिब्बों के मॉडल हैं. जिससे विजिटर्स को भाप के इंजन से लेकर भारत की स्वदेशी ट्रेन वंदे भारत का सफरनामा की नाॅलेज मिल रही है.

बता दें कि, ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में पहली ट्रेन चलाई थी. देश में पहली बार 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी. यह ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से ठाणे के बीच 35 किमी तक चली थी. जिसमें 400 यात्रियों ने सफर किया था. इसके बाद लगातार नए प्रयोग किए जा रहे हैं. लगातार रेलवे प्रगति के पथ पर अग्रसर है.

भाप, कोयला, डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन के माॅडल
रेलवे पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि, रेल निहारिका में भारतीय रेल का 170 साल का इतिहास दिखाया गया है. यहां पर विजिटर्स और स्टूडेंटस के लिए स्क्रेप से बना पहला भाप इंजन का माॅडल है. इसके साथ ही भाप के बाद भारत में रेल कोयला से चली थी. कोयले का इंजन, डीजल इंजन और पहले इलेक्ट्रिक इंजन का माॅडल भी यहां पर रखा गया है. इसके साथ ही रेल निहारिका में भारतीय रेल का सफरनामा है. जिसमें पुराने रेल, रेल पुल के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की रेल यात्रा के तमाम फोटो भी हैं.

आगरा में दौड रही वंदेभारत
रेलवे पीआरओ प्रशस्त्रि श्रीवास्तव ने बताया कि, आगरा के सबसे पुराने स्टेशन आगरा फोर्ट, आगरा कैंट, ईदगाह, यमुना ब्रिज के 100 साल पुराने फोटो भी रेल निहारिका में लगे हैं. रेल निहारिका में यमुना ब्रिज स्टेशन से ताजमहल का फोटो भी है. जिससे यहां आने वाले विजिटर्स को रेल के इतिहास की जानकारी मिल रही है. यह रेल निहारिका स्टूडेंट के लिए बेहद अहम है. रेल निहारिका में भाप के इंजन के साथ ही पहली स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन का माॅडल भी है. पटरी पर दौड भी रहा है. जिससे युवा और विजिटर्स देखकर खूब सराह रहे हैं. क्योंकि, भले ही आगरा तक वंदेभारत ट्रेन नहीं चल रही है. मगर, लोगों को रेल निहारिका में वंदेभारत ट्रेन दौडती दिख रही है.

यह बोले विजिटर
स्टूडेंटस राशि मिश्रा ने बताया कि, ताज महोत्सव में आने वाले हर स्टूडेंट को यह जरूर देखनी चाहिए. यह बहुत नाॅलेजबल है. इसलिए यहां पर जरूर आएं. क्योंकि, उन्हें भारतीय रेल का इतिहास जानने को मिल रहा है. प्रो. बीके शर्मा ने बताया कि, यहां पर रेलवे ने अब तक कितने इंजन उपयोग किए हैं. यह सब यहां पर डिस्प्ले किए गए हैं. वंदेभारत कैसी है. उसके कोच कैसे हैं. यह यहां पर देखने के लिए मिल रहा है.

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