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आगरा: पर्यटकों का हॉट स्पॉट बना जोधपुर झाल, यहां है पक्षियों का अद्भुत संसार

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित जोधपुर झाल इन दिनों प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बन गई है. यहां पर अब आगरा के साथ ही साथ मथुरा और अन्य जगहों से भी लोग प्रकृति का आनंद लेने आ रहे हैं.

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Published : Oct 27, 2020, 1:11 PM IST

जोधपुर झाल
जोधपुर झाल

आगरा: ताजनगरी और कृष्णनगरी के बॉर्डर पर स्थिति जोधपुर झाल पक्षी और प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बन गई है. यहां की शुद्ध हवा, उगते सूरज का दृश्य और प्रवासी पक्षियों का कलरव लोगों को खूब लुभा रहा है. यही वजह है कि आगरा के लोगों में 'जर्नी टू जंगल' का क्रेज बढ़ा है. जोधपुर झाल पर जहां उन्हें फ्लैमिंगो, नॉर्दन पिनटेल, कॉमन टील, कॉमन कूट, स्पून बिल्ड डक, पिपिट प्रवासी पक्षी और लोकल पक्षी सारस सहित अन्य पक्षी देखने को मिल रहे हैं. वहीं वह उगते हुए सूरज का शानदार छटा भी देख पा रहे हैं.

जोधपुर झाल की ओर आकर्षित हो रहे हैं प्रकृति प्रेमी.

आगरा और मथुरा की सीमा पर स्थित जोधपुर झाल करीब 125 हेक्टेयर में फैला हुआ है. यहां प्रवासी पक्षियों का कलरव खूब सुनाई देता है. प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए अच्छी तादाद में आगरा, मथुरा और उसके आस-पास के पक्षी प्रेमी पहुंच रहे हैं. यहां मौजूद तमाम औषधीय पौधे भी हैं, जिनसे लोगों की आयुर्वेद की जानकारी बढ़ रही है.

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सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा होता है मनमोहक.

प्रकृति से प्रेमियों का जमघट
प्रकृति प्रेमी आशा सिंह का कहना है कि यहां आकर बहुत सुंदर लग रहा है. हर रोज सुबह ऑफिस के काम से चलते व्यस्त रहते हैं. नेचर मानों हम भूल गए हैं. लेकिन संडे को हम यहां प्रकृति की गोद में आए हैं. यहां उगता सूरज देखा. माइग्रेंट प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट सुनी. नेचर से प्यार करने को मिल रहा है. वहीं एक छात्र प्रभजोत सिंह ने बताया कि यह उनकी पहली विजिट है. इतना शांत और सुंदर स्थान उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा कि यहां प्रवासी पक्षी और लोकल पक्षी भी हैं, जो अधिकतर हमें दिखाई नहीं देते हैं. यहां पर तमाम पेड़-पौधे हैं, जो औषधीय गुणों से युक्त हैं. जिनसे जड़ी-बूटीयां बनती हैं.

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पक्षियों के आने से बढ़ी खुबसूरती.

फीडिंग और ब्रीडिंग के लिए अच्छी
टूरिस्ट गाइड राजीव ठाकुर ने बताया कि हम लोग कंक्रीट के जंगल में रह रहे हैं. संडे को हम यहां पर आए हैं. हमारे साथ बच्चे हैं. सभी ने यहां मौजूद तमाम प्रवासी पक्षियों को देखा है. मेडिसिन प्लांट देखे, वेटलैंड भी देखा है. उन्होंने बताया कि यहां बच्चों ने बहुत एंजॉय किया है. वहीं एक अन्य पक्षी प्रेमी लहर अग्रवाल ने बताया कि यह बहुत ही रेयर प्लेस है. इसके बारे में लोगों को ज्यादा नहीं पता है. यहां पर तमाम प्रवासी पक्षी हैं. यहां का पॉण्डस काफी यूनिक है, जिस वजह से यहां अच्छी तादाद में माइग्रेटरी बर्ड्स आते हैं. उन्होंने बताया कि इन पक्षियों के फीडिंग और ब्रीडिंग के लिए यह जगह बहुत अच्छी है. हमें इस जगह को बढ़ावा देना चाहिए.

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वेटलैंड में आते हैं विदेशी पक्षी.

पक्षी प्रेमी दिशा अग्रवाल का कहना है कि यहां का माहौल बहुत ही नेचुरल है. तमाम ऐसे पेड़ हैं, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. उन्होंने बताया कि आगरा के पास ऐसी सुंदर जगह भी है, इसके बारे में उन्हें पता भी नहीं था. लेकिन दुख इस बात का है कि सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. यह बहुत ही खूबसूरत जगह है.

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पक्षियों की सुंदरता का आनंद लेने आते हैं पर्यटक.

जंगल को जानने के लिए 'जर्नी टू जंगल'
जर्नी टू रूट की को-फाउंडर आत्मीय ईरम का कहना है कि जर्नी टू जंगल प्रोग्राम में हर फील्ड और हर उम्र के लोग आ रहे हैं. हम लोगों को जंगल की ओर ले जाना चाहते हैं. दुनिया में जंगल खत्म हो रहे हैं. सिटी लाइफ एक कंक्रीट का जंगल है. लोग अपने एक्चुअली रूट से काफी दूर हो रहे हैं. हम उन चीजों के बारे में सोचते ही नहीं है कि बर्ड्स मर रही हैं. बायोडायवर्सिटी खत्म हो रही है, तितलियां नहीं बचेंगी, वैटलैंड नहीं बचेंगे, यह तभी हो सकता है, जब हम लोगों को फिर जंगल से जुड़ेंगे.

यहां बिना टिकट लोग देखते माइग्रेटी बर्ड्स
बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष और पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह का कहना है कि यह ओपन वेटलैंड है, ओपन फॉरेस्ट है. यहां पर ज्यादा ह्यूमन का इंटरफेयर नहीं है. जब यह लोग यहां आए हैं. यह शहर के लोग हैं. इनको वेटलैंड और बायोडायवर्सिटी की जानकारी नहीं है. यहां लोग फ्लैमिंगो सहित माइग्रेटरी पक्षियों को देख सकते हैं. दूसरी जगह टिकट लेकर इन पक्षियों को देखा जा सकता है. फ्लैमिंगो देखने के लिए आगरा, मथुरा और आस-पास के लोग गुजरात जाते हैं, लेकिन यहां पर भी यह मौजूद हैं. सरकार को यहां काम करना चाहिए. यहां की बायोडायवर्सिटी को नुकसान न हो और लोगों को माइग्रेटरी बर्ड्स देखने की सुविधा मिल सके. जोधपुर झाल पर प्रवासी पक्षियों का गुलजार अद्भुत संसार, शांत और स्वच्छ वातावरण में लोगों का मन रम रहा है. यहां पर पक्षी प्रेमी, प्रकृति प्रेमी के साथ ही वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर भी खूब पहुंच रहे हैं.

आगरा: ताजनगरी और कृष्णनगरी के बॉर्डर पर स्थिति जोधपुर झाल पक्षी और प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बन गई है. यहां की शुद्ध हवा, उगते सूरज का दृश्य और प्रवासी पक्षियों का कलरव लोगों को खूब लुभा रहा है. यही वजह है कि आगरा के लोगों में 'जर्नी टू जंगल' का क्रेज बढ़ा है. जोधपुर झाल पर जहां उन्हें फ्लैमिंगो, नॉर्दन पिनटेल, कॉमन टील, कॉमन कूट, स्पून बिल्ड डक, पिपिट प्रवासी पक्षी और लोकल पक्षी सारस सहित अन्य पक्षी देखने को मिल रहे हैं. वहीं वह उगते हुए सूरज का शानदार छटा भी देख पा रहे हैं.

जोधपुर झाल की ओर आकर्षित हो रहे हैं प्रकृति प्रेमी.

आगरा और मथुरा की सीमा पर स्थित जोधपुर झाल करीब 125 हेक्टेयर में फैला हुआ है. यहां प्रवासी पक्षियों का कलरव खूब सुनाई देता है. प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए अच्छी तादाद में आगरा, मथुरा और उसके आस-पास के पक्षी प्रेमी पहुंच रहे हैं. यहां मौजूद तमाम औषधीय पौधे भी हैं, जिनसे लोगों की आयुर्वेद की जानकारी बढ़ रही है.

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सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा होता है मनमोहक.

प्रकृति से प्रेमियों का जमघट
प्रकृति प्रेमी आशा सिंह का कहना है कि यहां आकर बहुत सुंदर लग रहा है. हर रोज सुबह ऑफिस के काम से चलते व्यस्त रहते हैं. नेचर मानों हम भूल गए हैं. लेकिन संडे को हम यहां प्रकृति की गोद में आए हैं. यहां उगता सूरज देखा. माइग्रेंट प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट सुनी. नेचर से प्यार करने को मिल रहा है. वहीं एक छात्र प्रभजोत सिंह ने बताया कि यह उनकी पहली विजिट है. इतना शांत और सुंदर स्थान उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा कि यहां प्रवासी पक्षी और लोकल पक्षी भी हैं, जो अधिकतर हमें दिखाई नहीं देते हैं. यहां पर तमाम पेड़-पौधे हैं, जो औषधीय गुणों से युक्त हैं. जिनसे जड़ी-बूटीयां बनती हैं.

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पक्षियों के आने से बढ़ी खुबसूरती.

फीडिंग और ब्रीडिंग के लिए अच्छी
टूरिस्ट गाइड राजीव ठाकुर ने बताया कि हम लोग कंक्रीट के जंगल में रह रहे हैं. संडे को हम यहां पर आए हैं. हमारे साथ बच्चे हैं. सभी ने यहां मौजूद तमाम प्रवासी पक्षियों को देखा है. मेडिसिन प्लांट देखे, वेटलैंड भी देखा है. उन्होंने बताया कि यहां बच्चों ने बहुत एंजॉय किया है. वहीं एक अन्य पक्षी प्रेमी लहर अग्रवाल ने बताया कि यह बहुत ही रेयर प्लेस है. इसके बारे में लोगों को ज्यादा नहीं पता है. यहां पर तमाम प्रवासी पक्षी हैं. यहां का पॉण्डस काफी यूनिक है, जिस वजह से यहां अच्छी तादाद में माइग्रेटरी बर्ड्स आते हैं. उन्होंने बताया कि इन पक्षियों के फीडिंग और ब्रीडिंग के लिए यह जगह बहुत अच्छी है. हमें इस जगह को बढ़ावा देना चाहिए.

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वेटलैंड में आते हैं विदेशी पक्षी.

पक्षी प्रेमी दिशा अग्रवाल का कहना है कि यहां का माहौल बहुत ही नेचुरल है. तमाम ऐसे पेड़ हैं, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. उन्होंने बताया कि आगरा के पास ऐसी सुंदर जगह भी है, इसके बारे में उन्हें पता भी नहीं था. लेकिन दुख इस बात का है कि सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. यह बहुत ही खूबसूरत जगह है.

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पक्षियों की सुंदरता का आनंद लेने आते हैं पर्यटक.

जंगल को जानने के लिए 'जर्नी टू जंगल'
जर्नी टू रूट की को-फाउंडर आत्मीय ईरम का कहना है कि जर्नी टू जंगल प्रोग्राम में हर फील्ड और हर उम्र के लोग आ रहे हैं. हम लोगों को जंगल की ओर ले जाना चाहते हैं. दुनिया में जंगल खत्म हो रहे हैं. सिटी लाइफ एक कंक्रीट का जंगल है. लोग अपने एक्चुअली रूट से काफी दूर हो रहे हैं. हम उन चीजों के बारे में सोचते ही नहीं है कि बर्ड्स मर रही हैं. बायोडायवर्सिटी खत्म हो रही है, तितलियां नहीं बचेंगी, वैटलैंड नहीं बचेंगे, यह तभी हो सकता है, जब हम लोगों को फिर जंगल से जुड़ेंगे.

यहां बिना टिकट लोग देखते माइग्रेटी बर्ड्स
बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष और पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह का कहना है कि यह ओपन वेटलैंड है, ओपन फॉरेस्ट है. यहां पर ज्यादा ह्यूमन का इंटरफेयर नहीं है. जब यह लोग यहां आए हैं. यह शहर के लोग हैं. इनको वेटलैंड और बायोडायवर्सिटी की जानकारी नहीं है. यहां लोग फ्लैमिंगो सहित माइग्रेटरी पक्षियों को देख सकते हैं. दूसरी जगह टिकट लेकर इन पक्षियों को देखा जा सकता है. फ्लैमिंगो देखने के लिए आगरा, मथुरा और आस-पास के लोग गुजरात जाते हैं, लेकिन यहां पर भी यह मौजूद हैं. सरकार को यहां काम करना चाहिए. यहां की बायोडायवर्सिटी को नुकसान न हो और लोगों को माइग्रेटरी बर्ड्स देखने की सुविधा मिल सके. जोधपुर झाल पर प्रवासी पक्षियों का गुलजार अद्भुत संसार, शांत और स्वच्छ वातावरण में लोगों का मन रम रहा है. यहां पर पक्षी प्रेमी, प्रकृति प्रेमी के साथ ही वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर भी खूब पहुंच रहे हैं.

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