आगरा: विश्व बाल दिवस के अवसर पर 10वीं की छात्रा इशिका बंसल को हरी पर्वत का थानेदार बनाया गया. थानेदार बनने का मौका मिलने पर इशिका बंसल काफी उत्साहित दिखीं. वहीं, इशिका के पिता ललित कुमार भी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. बेटी को विश्व बाल दिवस पर थानेदार बनने का मौका मिलने पर पूरा परिवार खुश है.
इशिका के पिता हैं कवि
इशिका बंसल कवि ललित कुमार की पुत्री हैं. इशिका बंसल खुद भी अंग्रेजी की लेखिका हैं, जो इस समय जीडी गोयनका की दसवीं की छात्रा हैं. 16 वर्षीय छात्रा की पूर्व में प्रकाशित दो कविता संग्रहों में छपी कविताओं को देश-दुनिया के जाने-माने अंग्रेजी कवि-समीक्षकों की सराहना लगातार मिलती रही है.
पिता के साथ पहुंचीं थाने
इशिका बंसल तकरीबन 9 बजे अपने पिता के साथ हरी पर्वत थाने पहुंची. यहां पर संबंधित अधिकारियों ने उन्हें कानूनी प्रक्रिया से रूबरू कराया. साथ ही पुलिस कैसे काम करती है, इसके बारे में भी जानकारी दी. इसके बाद कानूनी प्रक्रिया को पूरा करते हुए इशिका बंसल को एक दिन का थानेदार बनाया गया. इशिका बंसल के थानेदार का चार्ज संभालते ही अधीनस्थों ने उन्हें बुके भेंट कर स्वागत किया, जिसके बाद इशिका बंसल ने थानेदार होने की जिम्मेदारी को निभाना शुरू कर दिया. शाम तक वे थाने में रहकर पुलिस की कार्यशैली को बारीकी से देखेंगी.
विश्व रिकॉर्ड गिनीज बुक और लिम्का बुक में करेंगी दावेदारी
16 वर्ष की उम्र में ही इशिका बंसल ने अंग्रेजी लेखन क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं. उनकी अंग्रेजी कविताओं को देश-दुनिया के समीक्षकों द्वारा व्यक्त की गई राय को गुड़गांव की 'ग्लोबल फ्रेटरनिटी ऑफ पोइट्स' ने पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया है. इस पुस्तक का संपादन भी आगरा के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अंग्रेजी कवि-समीक्षक राजीव खंडेलवाल ने किया है. इसमें रेजीनाल्ड मेसी (यूके), भूपेंद्र परिहार (लुधियाना) सहित देश भर के जाने-माने 47 अंग्रेजी कवि-समीक्षकों के विचार उनके परिचय सहित दर्ज किए गए हैं. इनमें आगरा के राजीव खंडेलवाल, डॉ. आरएस तिवारी शिखरेश, डॉ. रोली सिन्हा, पम्मी सडाना, साधना भार्गव और निवेदिता लाल भी शामिल हैं. इस पुस्तक का शीघ्र ही विमोचन किया जाएगा.
'पोएटिक थॉट्स ऑफ इशिका बंसल अप्रेजल्स' नामक इस पुस्तक के संपादक राजीव खंडेलवाल ने बताया कि इशिका की तमाम कविताएं और कविताओं पर लिखे गए कुछ रिव्यू पहले ही देश की नामचीन अंग्रेजी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. इशिका बंसल ने बताया कि अब इस पुस्तक के साथ वह 16 वर्ष तक की आयु-वर्ग में विश्व की ऐसी पहली युवा ऑथर हो गई हैं, जिसको राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. इस कैटेगरी में वह विश्व रिकॉर्ड के लिए गिनीज बुक, लिम्का बुक और नेशनल बुक सहित कई जगह दावेदारी करने जा रही हैं. वह कवि डॉ. कुमार विश्वास, दिल्ली के कवि हरीश अरोड़ा, आगरा के गजलकार अशोक रावत सहित कई कवियों की हिंदी कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद कर चुकी हैं.
पुलिस कार्य को बताया कठिन
भले ही एक दिन की थानेदार बनी हों इशिका बंसल, लेकिन थानेदार बनकर वह काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि यह उनके व उनके परिवार के लिए बड़ी उपलब्धि है. शाम तक थाने में रहकर वह पुलिस की कार्यप्रणाली को देखेंगी कि पुलिस आखिरकार कैसे काम करती है. इशिका बंसल का कहना था कि पुलिस की जॉब बहुत कठिन है. इसलिए वह पुलिस प्रशासन को सैल्यूट भी करती हैं.
एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि आज विश्व बाल दिवस है और मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत आज एक बालिका को हरीपर्वत थाने का थानेदार बनाया गया है. इसका उद्देश्य छात्राओं को यह संदेश देना है कि पुलिस उनकी मदद के लिए है. वह पुलिस से घबराएं नहीं.