आगरा: चांदी व्यापारी से 43 लाख की लूटखसोट करने वाले जीएसटी अधिकारियों और उनके साथियों की विरुद्ध पुलिस ने मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस लूट प्रकरण में निलंबित असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार, अधिकारी शैंलेंद्र कुमार सहित सात आरोपी शामिल हैं. विवेचक ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, गबन, भय दिखाकर बंधक बनाने, आपाधिक षड्यंत्र, जान से मारने की धमकी, बरामदगी की धारा में दोषी पाते हुए आरोपी बनाया है.
इसमें जीएसटी के सिपाही संजीव कुमार सबसे पहले लोहामंडी पुलिस ने जेल भेजा था. इसके बाद अन्य 6 आरोपियों को पुलिस ने दबिश देकर गिरफ्तार किया था. इस लूट की वारदात में एक निजी कार चालक दिनेश कुमार का नाम भी प्रकाश ने आया था. जिसके बाद पुलिस ने पूछताछ के बाद सभी आरोपियों के नाम वाद में शामिल किए थे. वहीं आरोपी जीएसटी अस्सिटेंट कमिश्नर अजय कुमार और जीएसटी अधिकारी शैलेन्द्र कुमार को विभाग ने निलंबित कर दिया था. दोनों अधिकारी गिरफ्तरी के डर के कारण अंडरग्राउंड हो गए थे. सीओ सदर राजीव कुमार ने बताया कि मुकदमा लूट और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में लिखा गया था. आरोपी अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया, कारोबारी को भय दिखाकर बंधक बनाया. उनके पास से रकम हड़प ली. विवेचना में आरोपी अधिकारियों सहित सात के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई है.
यह था मामला
दरअसल, जिला मथुरा के गोविंद नगर निवासी चांदी व्यवसायी प्रदीप कुमार अग्रवाल 30 अप्रैल को बिहार से व्यापार करके लौट रहे थे. उनके साथ चालक भी था. लखनऊ एक्सप्रेस-वे के फतेहाबाद टोल कट पर जीएसटी की अधिकारियों की टीम ने चेकिंग के दौरान प्रदीप को रोक लिया. उन्हें जयपुर हाउस स्थित कार्यालय ले जाया गया. जेल भेजने का डर दिखाया गया, आरोप के मुताबिक कार में रखे 43 लाख रुपये कारोबारी से लूट लिए गए. इस घटना से डरे कारोबारी ने वारदात के 12 दिन बाद व्यापार मंडल के अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी. से शिकायत की थी.
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लूट कांड में 37 गवाहों ने दी गवाही
चांदी कारोबारी लूटकांड प्रकरण में पुलिस ने 37 लोगों की गवाही चार्जशीट में शामिल की है. इसके अलावा जांच के दौरान पुलिस को आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं. जिनके आधार पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है. जिसके बाद अब आरोपीयो की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.
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