आगरा : यूपी और केंद्र सरकार ने आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा खोलने की अनुमति दे दी है. किसान काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे. आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित गांव सींगना में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू की शाखा खुलेगी. इसके लिए खुद सीएम योगी ने केंद्र सरकार से पैरवी की थी. इस अनुसंधान केंद्र के खुलने से आगरा समेत आसपास के जिलों के किसानों को भी फायदा मिलेगा. किसानों को आलू की खेती के तकनीकी ज्ञान के अलावा उच्च गुणवत्ता के बीज भी आसानी से मिल सकेंगे. इससे किसानों की आय बढ़ेगी और फसल की बर्बादी भी नहीं होगी.
उद्यान विभाग का राजकीय आलू संस्थान गांव सींगना में 138.5 हेक्टेयर में फैला है. यहां से अभी 25 हेक्टेयर में आलू बीज का उत्पादन होता है, जबकि, आगरा में किसान हर साल 78 हजार हेक्टेयर में आलू उत्पादन करते हैं. आंकड़ों की बात करें तो यूपी का 27 प्रतिशत आलू आगरा में ही पैदा होता है. आगरा की जलवायु एवं मिट्टी आलू उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त है. साल 2023 की बात करें तो आगरा में आलू की बंपर पैदावार हुई. जिले में करीब 24.5 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ है.
किसानों ने आलू केंद्र के लिए किया था आंदोलन : आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू की शोध शाखा स्थापित करने के लिए आलू किसानों ने आंदोलन किया था. किसान के साथ किसान नेता और जनप्रतिनिधि भी साथ हो गए. सांसद, विधायक ने प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक गुहार लगाई थी. ताकि, एक लाख से अधिक आलू किसानों के जीवन में खुशियां लाई जा सकें. इसके साथ ही आलू अनुसंधान केंद्र खुलने से आगरा में नई प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों का विकास होगा. इससे वृहद एवं लघु स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की इकाइयों की स्थापना होगी.
किसानों की बढ़ेगी आय : किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने बताया कि, आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा की मांग को लेकर सन 2020 में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र दिया था. इसके बाद से लगातार विभागीय अधिकारी, जिला प्रशासन और यूपी सरकार के मंत्रियों को ज्ञापन और पत्र दिए जा रहे हैं. इस केंद्र से आगरा में खुलने से आलू किसानों को अच्छी निर्यात वाली आलू की किस्मों के बीज मिलेंगे. इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.
पीएम मोदी से सांसद ने की मुलाकात : आगरा में पेरू के अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा गांव सींगना में खोलने को लेकर 24 दिसंबर 2020 को किसानों ने शासन को पत्र लिखा था. दो मई 2023 को अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र पेरू के प्रतिनिधि, कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के अधिकारी ने सींगना का निरीक्षण किया. टीम ने केंद्र स्थापना की सहमति जताई थी. केंद्रीय कृषि मंत्री और अन्य नेता आगरा में शाखा खोलने पर उठा रहे थे. इस पर फतेहपुर सीकरी से भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने पीएम मोदी से मुलाकात की. इसके बाद आगरा में आलू अनुसंधान केंद्र की शाखा खोले जाने का रास्ता साफ हुआ.
उन्नत प्रजातियों का होगा उत्पादन : उपनिदेशक उद्यान विभाग कौशल कुमार नीरज ने बताया कि, अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू की शोध शाखा आगरा में स्थापित होगी. इस केंद्र से उत्तर प्रदेश के देश के तमाम प्रदेश और दक्षिण एशिया के देशों को लाभ होगा. यहां से किसान स्वयं उच्च गुणवत्ता और निर्यात योग्य प्रजातियां उत्पादित करके आत्मनिर्भर बनेंगे. इसके अलावा किसान औषधीय गुणों से युक्त एवं रंगीन आलू का उत्पादन कर सकेंगे. नई प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों का विकास यहां पर किया जाएगा. देश में वृहद एवं लघु स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की इकाई स्थापित होगी.
चीन को मात देगा आगरा का आलू : अभी अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की दक्षिण एशिया में कोई अनुसंधान शाखा नहीं है. इसका एक केंद्र चीन में है. इससे चीन विश्व का सबसे बड़ा आलू उत्पादक और निर्यातक देश है. क्योंकि, यहां निर्यात योग्य आलू प्रजातियों को चीन की परिस्थितियों के अनुकूल विकसित किया जाता है.
आगरा में आलू के उत्पादन पर एक नजर
24.5 लाख मीट्रिक टन आलू का आगरा में उत्पादन हुआ.
240 शीतगृह आगरा में हैं, जिनमें आलू भंडारित होता है.
78000 हेक्टेयर में जमीन में होता है आलू का उत्पादन.
27 फीसदी आलू आगरा में यूपी का पैदा होता है.
आगरा से आलू का निर्यात : दुबई, कतर, मलेशिया, सउदी अरब, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश