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Shahjahan Garden का नाम बदलकर गीता गोविंद वाटिका करने का निर्देश

आगरा के शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर 'गीता गोविंद वाटिका' रखने के ​निर्देश दिया गया है. इससे पहले भी इस पार्क का नाम बदला गया था. तब इस पार्क में स्थापित बेशकिमती क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा को भी हटा दिया गया था.

Shahjahan Garden
Shahjahan Garden
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Published : Feb 21, 2023, 2:02 PM IST

आगराः जिले में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने आगरा किले और ताजमहल के बीच स्थित शाहजहां गार्डन (पार्क) का नाम बदलने की तैयारी कर ली है. उन्होंने इसको लेकर सोमवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें अधिकारियों के साथ शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर 'गीता गोविंद वाटिका' रखने के ​निर्देश दिया गया.

बता दें कि आजादी से पहले इस पार्क का नाम विक्टोरिया पार्क (गार्डन) था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर शाहजहां गार्डन किया गया था. यमुना किनारा रोड से ताजमहल पश्चिमी गेट की तरफ जाने वाला रास्ता और पुरानी मंडी चौराहा की ओर शाहजहां गार्डन है, जो आगरा किले और ताजमहल के बीच में स्थित है. देखने में ये गार्डन जितना बड़ा है, उतना ही इसमें हरियाली भी है. इस गार्डन में पंडित मोतीलाल नेहरू की प्रतिमा लगी हुई है.

गौरतलब है कि योगी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय आगरा दक्षिण विधानसभा से विधायक हैं. उन्होंने सोमवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर गीता गोविंद वाटिका रखने के ​निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक को लेकर चर्चा की.

स्कॉटलैंड से आगरा लाई गईं थीं प्रतिमाएं: बता दें कि भारत पर लंबे समय तक ब्रिटानिया हुकूमत का राज रहा. जिसकी रानी विक्टोरिया थीं. इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते है कि ब्रिटिश की महारानी विक्टोरिया (British Queen Victoria) के निधन के बाद जहां पर ब्रिटिश शासन था. वहां पर क्वीन विक्टोरिया की मूर्तियां बनवाकर भेजी गईं थीं. अष्टधातु की क्वीन विक्टोरिया समेत चार मछली की दो और मूर्तियां 19 वीं शताब्दी में स्कॉटलैंड से आगरा लाई गईं थीं.

क्वीन विक्टोरिया गार्डनः क्वीन विक्टोरिया की मौत के बाद प्रिंस ऑफ वेल्स भारत आए थे. प्रिंस ऑफ वेल्स ने 18 दिसंबर 1905 को अंग्रेजी हुकूमत ने क्वीन विक्टोरिया की अष्ट धातु की प्रतिमा का अनावरण किया था. यह प्रतिमा इटली के मशहूर आर्टिस्ट थॉमस ब्रॉक ने बनाई थी. इस तरह की भारत में तब 14 प्रतिमा स्थापित की गई थीं. आर्टिस्ट थॉमस ब्रॉक की बनाई ऐसी ही क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस में लगी है. आगरा में ग्रेनाइट के प्लेटफार्म पर अष्ट धातु की क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा ​स्थापित की गई थी. इस पार्क का नाम क्वीन विक्टोरिया रख दिया गया. जब देश आजाद हुआ तो क्वीन विक्टोरिया पार्क का नाम बदलकर शाहजहां पार्क (गार्डन) रख दिया गया था.

हटाई गई क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमाः आज़ादी के बाद क्वीन विक्टोरिया पार्क का नाम बदलने के साथ ही पार्क में लगी क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा हटवाई गईं. गुलामी का प्रतीक मानकर पहले इसे पुलिस लाइन, फायर ब्रिगेड कार्यालय के परिसर में रखी गईं. इसके साथ क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा जोंस लाइब्रेरी के बाहर स्थापित की गई. जिसकी निगरानी पुलिस करती है.

आगरा में इनके बदले गए नामः हेविट पार्क का नाम बदलकर पंडित क्रष्ण दत्त पालीवाल रखा गया. वहीं, कंपनी गार्डन का नाम सरदार पटेल पार्क रखा गया. क्वीन विक्टोरिया पार्क को नाम शाहजहां पार्क और अब गीता गोविंद पार्क प्रस्तावित किया गया है. इसके अलावा जोंस लाइब्रेरी का नाम बदलकर अधीशजी लाइब्रेरी रखा गया.

ये भी पढ़ेंः Weather Update UP: यूपी में सबसे गर्म शहर रहा आगरा, अब चलेगी पश्चिमी हवा

आगराः जिले में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने आगरा किले और ताजमहल के बीच स्थित शाहजहां गार्डन (पार्क) का नाम बदलने की तैयारी कर ली है. उन्होंने इसको लेकर सोमवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें अधिकारियों के साथ शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर 'गीता गोविंद वाटिका' रखने के ​निर्देश दिया गया.

बता दें कि आजादी से पहले इस पार्क का नाम विक्टोरिया पार्क (गार्डन) था. आजादी के बाद इसका नाम बदलकर शाहजहां गार्डन किया गया था. यमुना किनारा रोड से ताजमहल पश्चिमी गेट की तरफ जाने वाला रास्ता और पुरानी मंडी चौराहा की ओर शाहजहां गार्डन है, जो आगरा किले और ताजमहल के बीच में स्थित है. देखने में ये गार्डन जितना बड़ा है, उतना ही इसमें हरियाली भी है. इस गार्डन में पंडित मोतीलाल नेहरू की प्रतिमा लगी हुई है.

गौरतलब है कि योगी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय आगरा दक्षिण विधानसभा से विधायक हैं. उन्होंने सोमवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर गीता गोविंद वाटिका रखने के ​निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक को लेकर चर्चा की.

स्कॉटलैंड से आगरा लाई गईं थीं प्रतिमाएं: बता दें कि भारत पर लंबे समय तक ब्रिटानिया हुकूमत का राज रहा. जिसकी रानी विक्टोरिया थीं. इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते है कि ब्रिटिश की महारानी विक्टोरिया (British Queen Victoria) के निधन के बाद जहां पर ब्रिटिश शासन था. वहां पर क्वीन विक्टोरिया की मूर्तियां बनवाकर भेजी गईं थीं. अष्टधातु की क्वीन विक्टोरिया समेत चार मछली की दो और मूर्तियां 19 वीं शताब्दी में स्कॉटलैंड से आगरा लाई गईं थीं.

क्वीन विक्टोरिया गार्डनः क्वीन विक्टोरिया की मौत के बाद प्रिंस ऑफ वेल्स भारत आए थे. प्रिंस ऑफ वेल्स ने 18 दिसंबर 1905 को अंग्रेजी हुकूमत ने क्वीन विक्टोरिया की अष्ट धातु की प्रतिमा का अनावरण किया था. यह प्रतिमा इटली के मशहूर आर्टिस्ट थॉमस ब्रॉक ने बनाई थी. इस तरह की भारत में तब 14 प्रतिमा स्थापित की गई थीं. आर्टिस्ट थॉमस ब्रॉक की बनाई ऐसी ही क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा इंग्लैंड के बकिंघम पैलेस में लगी है. आगरा में ग्रेनाइट के प्लेटफार्म पर अष्ट धातु की क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा ​स्थापित की गई थी. इस पार्क का नाम क्वीन विक्टोरिया रख दिया गया. जब देश आजाद हुआ तो क्वीन विक्टोरिया पार्क का नाम बदलकर शाहजहां पार्क (गार्डन) रख दिया गया था.

हटाई गई क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमाः आज़ादी के बाद क्वीन विक्टोरिया पार्क का नाम बदलने के साथ ही पार्क में लगी क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा हटवाई गईं. गुलामी का प्रतीक मानकर पहले इसे पुलिस लाइन, फायर ब्रिगेड कार्यालय के परिसर में रखी गईं. इसके साथ क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा जोंस लाइब्रेरी के बाहर स्थापित की गई. जिसकी निगरानी पुलिस करती है.

आगरा में इनके बदले गए नामः हेविट पार्क का नाम बदलकर पंडित क्रष्ण दत्त पालीवाल रखा गया. वहीं, कंपनी गार्डन का नाम सरदार पटेल पार्क रखा गया. क्वीन विक्टोरिया पार्क को नाम शाहजहां पार्क और अब गीता गोविंद पार्क प्रस्तावित किया गया है. इसके अलावा जोंस लाइब्रेरी का नाम बदलकर अधीशजी लाइब्रेरी रखा गया.

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