आगरा : ताजमहल पर भारतीय पर्यटकों से शू-कवर के नाम पर वसूली जल्द ही बंद हो जाएगी. शू-कवर के नाम पर वसूली की शिकायतें लागातार पर्यटकों की तरफ से की जा रहीं थीं. बार-बार मिल रही शिकायतों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एक प्रस्ताव बनाकर आवास विकास प्राधिकरण (एडीए) को भेजा है. इससे ताजमहल पर शू-कवर के नाम पर की जा रही अवैध वसूली और काला बाजारी बंद होगी. भारतीय पर्यटकों की शिकायत है कि ताजमहल के मुख्य गुंबद पर जाने के लिए 200 रुपए का टिकट लेना होता है. इसके बाद भी भारतीय पर्यटकों को शू-कवर नहीं मिलता है.
गौरतलब है कि ताजमहल का दीदार करने के लिए हर दिन हजारों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. ताजमहल का मुख्य गुंबद देखने के लिए शू-कवर पहनना अनिवार्य है. इसके लिए एएसआई ने मल्टी यूजेबल शू कवर उपलब्ध कराए, लेकिन ताजमहल में इन शू कवर की उपलब्धता कम है. जबकि, एएसआई की ओर से विदेशी पर्यटकों को शू-कवर उपलब्ध कराए जाते हैं. मल्टीपल शू कवर की कमी की वजह से अभी भारतीय पर्यटकों को शू-कवर नहीं मिलते हैं.
इसलिए शू-कवर के नाम पर पर्यटकों से अवैध वसूली होती है. भारतीय पर्यटकों से शू-कवर को लेकर 10 रुपए, 20 रुपए से 50 रुपए तक की वसूली होती है. शू-कवर के नाम पर हो रही अवैध वसूली की शिकायत कई बार पर्यटकों द्वारा की गईं हैं. ASI के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि, बिना शू-कवर के ताजमहल के मुख्य गुंबद पर जाना प्रतिबंधित है. बिना शू-कवर के ताजमहल पर धूल जाने की समस्या रहती है.
इसलिए शू-कवर पहनकर ही मुख्य गुंबद पर एंट्री की अनुमति दी जाती है. शू-कवर के नाम पर पर्यटकों से वसूली की शिकायतें मिल रही थीं. इसको लेकर एडीए की बैठक में सभी पर्यटकों को फ्री शू-कवर देने का प्रस्ताव भेजा गया है. प्रस्ताव पास होने के बाद जल्द ही सभी भारतीय पर्यटकों को शू-कवर मिलेगा.
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