आगरा: देश की पहली किसान स्पेशल ट्रेन सोमवार अलसुबह आगरा से असम के लिए रवाना हो गई. ये ट्रेन 36 घंटे में असम के चांगसारी स्टेशन पहुंचेगी. इस ट्रेन में यमुना ब्रिज स्टेशन से आलू लोड किया गया है. किसान रेल (किसान स्पेशल एक्सप्रेस) के संचालन से आगरा के आलू किसानों के चेहरे खिले हुए हैं क्योंकि, आलू कम समय और कम भाड़े में चांगसारी तक पहुंच रहा है. वहां आलू का अच्छा मूल्य मिलने से किसानों को मुनाफे की उम्मीद है. किसान रेल के संचालन से उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) की भी आमदनी बढेगी.
आगरा और अलीगढ़ मंडल और उसके आसपास के जिलों में आलू की खेती होती है. इस बार अच्छी पैदावार हुई है. आगरा से आलू पहले ट्रकों से दूसरे शहर और राज्यों को भेजा जाता है. इसमें समय ज्यादा लगाता है, भाड़ा भी अधिक होता है. इससे किसानों के मुनाफे पर असर पड़ रहा था. किसानों की इस समस्या को लेकर उत्तर मध्य रेलवे (NCR) की ओर से किसान स्पेशल एक्सप्रेस की शुरूआत की गई है. जिससे कम समय और कम भाड़े में आगरा किसानों का आलू और अन्य सब्जियां अब दूसरे राज्यों में ले जाकर बेची जा सकेंगी. आगरा के किसानों ने किसान रेल से आलू भेजने की बुकिंग शुरू कर दी है, जिससे आलू बेचकर मुनाफा कम सकें.
एनसीआर के आगरा मंडल के सीनियर डीसीएम अमन वर्मा ने बताया कि किसान स्पेशल एक्सप्रेस सप्ताह में एक दिन चलेगी. यह एक्सप्रेस सप्ताह में हर सोमवार को संचालित होगी. इसमें 12 वैगन और एक पार्सल कोच होगा. इस ट्रेन के जरिए आगरा से आलू और सब्जियां भेजी जाएंगी. यह ट्रेन आगरा से सुबह साढे़ 4 बजे रवाना हो गई थी. किसान स्पेशल एक्सप्रेस यमुना ब्रिज से चलकर टूंडला, प्रयागराज, गोरखपुर, दानापुर पटना, बरौनी होकर आसाम के चांगसारी पहुंचेगी. किसान स्पेशल एक्सप्रेस अधिकतम 45 किलो मीटर प्रति घंटा की स्पीड से 36 घंटे में 1662 किलोमीटर का सफर तय करेगी. रेलवे पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि, किसान स्पेशल एक्सप्रेस से उपज भेजने वाले किसानों को किराए में 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है. इस ट्रेन का उद्देश्य किसान को एक व्यापक बाजार उपलब्ध कराना है. वह सीधे अपना सामान दूसरे राज्यों की मंडी में ले जा सकेंगे.
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कम समय में सुरक्षित पहुंचेगा आलू
खंदौली के आलू किसान अर्जुन सिंह ने बताया कि पहले हम लोकल में आलू बेचते थे. अब आलू को चांगसारी असम भेज रहे हैं. इससे वहां पर आलू का मूल्य भी बढिया मिलेगा. किसान कन्हैया का कहना है कि रेल से आलू भेजने में भाड़ा भी कम है क्योंकि, सरकार इस पर सब्सिडी दे रही है. आलू किसान राकेश का कहना है कि किसान रेल से आलू असम भेज रहे हैं. पांच किसानों ने मिलकर 12 डिब्बों की पूरी ट्रेन को बुक कराया है, इससे तीन तरह के लाभ हैं. ट्रक से आलू भेजने में पांच दिन लगते थे जबकि, किसान रेल से 36 घंटे में ही आलू पहुंच जाएगा. जिससे आलू ताजा रहेगा और खराब नहीं होगा, समय भी कम लगेगा. दूसरा फायदा यह है कि अक्सर ट्रक में आलू भीग जाता था, जिससे वह खराब भी हो जाता था. कभी-कभी रास्ते में ट्रक भी खराब हो जाता था. ट्रेन के जरिए माल सुरक्षित पहुंचेगा. किसान रेल से सबसे बडा फायदा किराए का है. ट्रक से आलू भेजने में प्रति कुंटल 500 रुपए भाड़ा लगाता है जबकि, किसान रेल में भाड़ा 250 रुपए है. जो ट्रक के भाड़े का लगभग आधा है.