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आगरा: डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि की बैठक में लिए गए ये महत्वपूर्ण निर्णय - meeting held in dr bhimrao ambedkar university agra

डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के जेपी सभागार में विद्या परिषद की बैठक हुई. कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने विवि से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

जेपी सभागार में बैठक करते विवि के कुलपति और प्रोफेसर.
जेपी सभागार में बैठक करते विवि के कुलपति और प्रोफेसर.
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Published : Oct 1, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 3:43 PM IST

आगरा: डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की बुधवार को विद्या परिषद की बैठक कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने बताया कि विवि में डिग्री और मार्कशीट की समस्याएं वर्षों से लंबित हैं. इन समस्याओं के समाधान के लिए सारे चार्ट्स को स्कैन करके डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जाएगा. इससे विद्यार्थियों को कभी भी समस्या नहीं होगी.

इन पाठ्यक्रमों का होगा संचालन

कुलपति ने बताया कि पालीवाल पार्क परिसर स्थित समाज विज्ञान संस्थान में अर्थशास्त्र और राजनीतिक शास्त्र विभाग खोले जाएंगे. विवि में आवासीय इकाई के अंतर्गत विधि विभाग की स्थापना की जाएगी. एलएलएम दो वर्षीय पाठ्यक्रम, एलएलएम एक वर्षीय पाठ्यक्रम, परास्नातक, डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं बीए, एलएलबी और ऑनर्स का 10 सेमेस्टर का पाठ्यक्रम भी संचालित किया जाएगा. ऑनर्स पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने से पूर्व बार काउंसिल ऑफ इंडिया से उसका अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा.

कुलपति ने प्रो. दिवाकर खरे के प्रतिवेदन का किया जिक्र

कुलपति अशोक मित्तल ने बताया कि समाज विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. दिवाकर खरे द्वारा विवि को 26 सितंबर को एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि संस्थान के 1955 के अधिनियम में तीन विषयों के विभागों का प्रावधान था अर्थशास्त्र विभाग, समाजशास्त्र विभाग और राजनीति शास्त्र विभाग. कुलपति ने बताया कि हम ऐसे किसी समाज विज्ञान संस्थान की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं, जहां अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र जैसे विषयों के विभाग न हों. उन्होंने बताया कि प्रो. खरे के प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि इन तीनों विभागों के लिए एक प्रोफेसर, एक रीडर और तीन लेक्चरर के पद होंगे.

परिषद के सदस्यों ने प्रस्ताव का किया समर्थन

कुलपति के मुताबित प्रो. खरे ने यह भी बताया कि वर्ष 2010 में कार्य परिषद की बैठक में उन्होंने इन विभागों को खोलने का प्रस्ताव दिया था. इसके संबंध में कार्य परिषद ने यह कहा था कि इस प्रस्ताव को विवि की अन्य परिषदों से पारित कराकर प्रस्तुत किया जाए. इसी क्रम में बुधवार को यह प्रस्ताव विद्या परिषद में रखा गया है. विद्या परिषद के सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. प्रो. मोहम्मद अरशद और प्रो. मीनाक्षी श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रस्ताव को पहले संस्थान की विभागीय अकादमिक समिति से प्रस्तुत कराना चाहिए था, जो नहीं किया गया है.

स्नातक के अंतिम वर्ष में तीन विषयों का चयन संभव

कुलपति ने बताया कि अभी केवल इन विषयों के विभागों को प्रारंभ करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, शेष प्रक्रिया समय पर पूर्ण की जाएंगी. वहीं बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्नातक के अंतिम वर्ष में विद्यार्थी तीन विषयों का चयन कर सकेगा. इस निर्णय पर विद्या परिषद ने मोहर लगा दी है. इसके अलावा शैक्षणिक सत्र 2020-21 से ही विद्यार्थी दो विषयों के दो प्रश्न पत्रों में पुनः परीक्षा दे सकेगा. इस निर्णय पर भी विद्या परिषद ने अनुमोदन प्रदान किया.

आगरा: डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की बुधवार को विद्या परिषद की बैठक कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने बताया कि विवि में डिग्री और मार्कशीट की समस्याएं वर्षों से लंबित हैं. इन समस्याओं के समाधान के लिए सारे चार्ट्स को स्कैन करके डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जाएगा. इससे विद्यार्थियों को कभी भी समस्या नहीं होगी.

इन पाठ्यक्रमों का होगा संचालन

कुलपति ने बताया कि पालीवाल पार्क परिसर स्थित समाज विज्ञान संस्थान में अर्थशास्त्र और राजनीतिक शास्त्र विभाग खोले जाएंगे. विवि में आवासीय इकाई के अंतर्गत विधि विभाग की स्थापना की जाएगी. एलएलएम दो वर्षीय पाठ्यक्रम, एलएलएम एक वर्षीय पाठ्यक्रम, परास्नातक, डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं बीए, एलएलबी और ऑनर्स का 10 सेमेस्टर का पाठ्यक्रम भी संचालित किया जाएगा. ऑनर्स पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने से पूर्व बार काउंसिल ऑफ इंडिया से उसका अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा.

कुलपति ने प्रो. दिवाकर खरे के प्रतिवेदन का किया जिक्र

कुलपति अशोक मित्तल ने बताया कि समाज विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. दिवाकर खरे द्वारा विवि को 26 सितंबर को एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि संस्थान के 1955 के अधिनियम में तीन विषयों के विभागों का प्रावधान था अर्थशास्त्र विभाग, समाजशास्त्र विभाग और राजनीति शास्त्र विभाग. कुलपति ने बताया कि हम ऐसे किसी समाज विज्ञान संस्थान की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं, जहां अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र जैसे विषयों के विभाग न हों. उन्होंने बताया कि प्रो. खरे के प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि इन तीनों विभागों के लिए एक प्रोफेसर, एक रीडर और तीन लेक्चरर के पद होंगे.

परिषद के सदस्यों ने प्रस्ताव का किया समर्थन

कुलपति के मुताबित प्रो. खरे ने यह भी बताया कि वर्ष 2010 में कार्य परिषद की बैठक में उन्होंने इन विभागों को खोलने का प्रस्ताव दिया था. इसके संबंध में कार्य परिषद ने यह कहा था कि इस प्रस्ताव को विवि की अन्य परिषदों से पारित कराकर प्रस्तुत किया जाए. इसी क्रम में बुधवार को यह प्रस्ताव विद्या परिषद में रखा गया है. विद्या परिषद के सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. प्रो. मोहम्मद अरशद और प्रो. मीनाक्षी श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रस्ताव को पहले संस्थान की विभागीय अकादमिक समिति से प्रस्तुत कराना चाहिए था, जो नहीं किया गया है.

स्नातक के अंतिम वर्ष में तीन विषयों का चयन संभव

कुलपति ने बताया कि अभी केवल इन विषयों के विभागों को प्रारंभ करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, शेष प्रक्रिया समय पर पूर्ण की जाएंगी. वहीं बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्नातक के अंतिम वर्ष में विद्यार्थी तीन विषयों का चयन कर सकेगा. इस निर्णय पर विद्या परिषद ने मोहर लगा दी है. इसके अलावा शैक्षणिक सत्र 2020-21 से ही विद्यार्थी दो विषयों के दो प्रश्न पत्रों में पुनः परीक्षा दे सकेगा. इस निर्णय पर भी विद्या परिषद ने अनुमोदन प्रदान किया.

Last Updated : Oct 1, 2020, 3:43 PM IST
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