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आगरा: कोरोना संक्रमित मरीजों पर होम्योपैथिक दवा का ट्रायल शुरू

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों पर होम्योपैथिक दवा का ट्रायल शुरू किया गया है. नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के डाॅक्टरों का दावा है कि इस दवा से कोरोना मरीज 14 दिन में स्वस्थ हो जाएगा.

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जानकारी देते टीम के हेड डाॅ. प्रदीप गुप्ता
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Published : May 6, 2020, 3:37 PM IST

Updated : May 6, 2020, 4:49 PM IST

आगरा: पूरी दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है. यूपी में आगरा कोरोना कैपिटल बना हुआ है. ऐसे में आगरा से एक राहत देने वाली खबर आयी है. ताजनगरी में कोरोना संक्रमित मरीजों पर होम्योपैथिक दवा का ट्रायल शुरू किया गया है. आयुष मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की तरफ से कुबेरपुर स्थित नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की टीम को रिसर्च की अनुमति मिल गई है. जिसके बाद मेडिकल टीम ने कोरोना संक्रमितों पर दवा का ट्रायल शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत ने टीम के हेड व नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के डॉ. प्रदीप गुप्ता से रिसर्च और दवा को लेकर एक्सक्लूसिव बातचीत की.

जानकारी देते टीम के हेड डाॅ. प्रदीप गुप्ता

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर आयुष मंत्रालय ने एक टास्क फोर्स का गठन किया. इस टास्क फोर्स में आयुष पैथी और बड़े इंस्टीट्यूट से रिसर्च का प्रोटोकॉल बनाने की बात कही. साथ ही रिसर्च प्रोटोकॉल को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) में रजिस्टर कराने के लिए कहा गया. उन्होंने बताया कि हमने 26 अप्रैल को अपना रिसर्च प्रोटोकॉल बनाकर सबमिट किया और 2 मई को हमें रिसर्च का ट्रायल करने का निर्देश मिला. जिसके बाद रिसर्च शुरू किया गया.

30 कोरोना संक्रमितों पर किया जा रहा ट्रायल

डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया कि जिन कोविड-19 मरीज पर हम ट्रायल कर रहें हैं, वह सभी आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित कोविड हॉस्पिटल एफएच मेडिकल कॉलेज में भर्ती है. मंगलवार को हमारी टीम ने हॉस्पिटल में भर्ती 30 मरीजों को दवा दी है और बुधवार को भी इन्हें दवा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि हम करीब 200 लोगों पर रिसर्च कर रहें हैं.

14 दिन तक लगातार दी जाएगी दवा

रिसर्च टीम के हेड ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज को यह दवा 14 दिन तक लगातार दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्री- रिसर्च स्टडी के अनुसार हमारा अनुमान है कि 3 दिन में ही मरीज कोरोना के लक्षणों से मुक्त हो जाएगा और 14 दिन में मरीज कोरोना नेगेटिव हो जाएगा.

500 कोरोना मरीजों पर लक्षणों के आधार पर किया गया सर्वे

डॉ. गुप्ता ने बताया पहले मेडिकल कॉलेज में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था. जिसमें कोरोना के 59 मरीज और संदिग्धों को रखा गया था. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 500 से ज्यादा कोरोना के मरीजों पर लक्षणों के आधार पर सर्वे किया. इससे पता चला कि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण दवा ब्रायोनिया है और दूसरे नंबर पर जैलसीनियम है. तीसरे नंबर पर आर्सेनिक एलब्बम है.

कोरोना के लिए कोविड-19 नोसोड दवा बनाने की मांगी गई है अनुमति
डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया हम कोरोना वायरस के लिए एक नई दवा बनाना चाह रहे हैं. जिसे कोविड-19 नोसोड कहा जाएगा. इसके लिए आईसीएमआर से अनुमति मांगी गई है. वहां से मंजूरी मिलते ही दवा बनाने का काम शुरू किया जाएगा.

आगरा: पूरी दुनिया कोरोना के कहर से कराह रही है. यूपी में आगरा कोरोना कैपिटल बना हुआ है. ऐसे में आगरा से एक राहत देने वाली खबर आयी है. ताजनगरी में कोरोना संक्रमित मरीजों पर होम्योपैथिक दवा का ट्रायल शुरू किया गया है. आयुष मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की तरफ से कुबेरपुर स्थित नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की टीम को रिसर्च की अनुमति मिल गई है. जिसके बाद मेडिकल टीम ने कोरोना संक्रमितों पर दवा का ट्रायल शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत ने टीम के हेड व नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के डॉ. प्रदीप गुप्ता से रिसर्च और दवा को लेकर एक्सक्लूसिव बातचीत की.

जानकारी देते टीम के हेड डाॅ. प्रदीप गुप्ता

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर आयुष मंत्रालय ने एक टास्क फोर्स का गठन किया. इस टास्क फोर्स में आयुष पैथी और बड़े इंस्टीट्यूट से रिसर्च का प्रोटोकॉल बनाने की बात कही. साथ ही रिसर्च प्रोटोकॉल को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) में रजिस्टर कराने के लिए कहा गया. उन्होंने बताया कि हमने 26 अप्रैल को अपना रिसर्च प्रोटोकॉल बनाकर सबमिट किया और 2 मई को हमें रिसर्च का ट्रायल करने का निर्देश मिला. जिसके बाद रिसर्च शुरू किया गया.

30 कोरोना संक्रमितों पर किया जा रहा ट्रायल

डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया कि जिन कोविड-19 मरीज पर हम ट्रायल कर रहें हैं, वह सभी आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित कोविड हॉस्पिटल एफएच मेडिकल कॉलेज में भर्ती है. मंगलवार को हमारी टीम ने हॉस्पिटल में भर्ती 30 मरीजों को दवा दी है और बुधवार को भी इन्हें दवा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि हम करीब 200 लोगों पर रिसर्च कर रहें हैं.

14 दिन तक लगातार दी जाएगी दवा

रिसर्च टीम के हेड ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज को यह दवा 14 दिन तक लगातार दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्री- रिसर्च स्टडी के अनुसार हमारा अनुमान है कि 3 दिन में ही मरीज कोरोना के लक्षणों से मुक्त हो जाएगा और 14 दिन में मरीज कोरोना नेगेटिव हो जाएगा.

500 कोरोना मरीजों पर लक्षणों के आधार पर किया गया सर्वे

डॉ. गुप्ता ने बताया पहले मेडिकल कॉलेज में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था. जिसमें कोरोना के 59 मरीज और संदिग्धों को रखा गया था. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 500 से ज्यादा कोरोना के मरीजों पर लक्षणों के आधार पर सर्वे किया. इससे पता चला कि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण दवा ब्रायोनिया है और दूसरे नंबर पर जैलसीनियम है. तीसरे नंबर पर आर्सेनिक एलब्बम है.

कोरोना के लिए कोविड-19 नोसोड दवा बनाने की मांगी गई है अनुमति
डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया हम कोरोना वायरस के लिए एक नई दवा बनाना चाह रहे हैं. जिसे कोविड-19 नोसोड कहा जाएगा. इसके लिए आईसीएमआर से अनुमति मांगी गई है. वहां से मंजूरी मिलते ही दवा बनाने का काम शुरू किया जाएगा.

Last Updated : May 6, 2020, 4:49 PM IST
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