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दुनिया में बज रहा हिंदी का डंका, आगरा में पढ़ने आ रहे 29 देशों के 'हिंदी प्रेमी'

भारतीय संस्कृति और सभ्यता को समझना और जानना है तो हिंदी पढ़ना, लिखना और बोलना आना बहुत जरूरी है. इसीलिए लगातार विदेशी स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान आ रहे हैं.

आगरा में पढ़ने आ रहे 29 देशों के 'हिंदी प्रेमी'.
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Published : Jul 17, 2019, 12:43 PM IST

आगरा: हिंदुस्तान आकर कोई व्यक्ति लिखने का काम तो अंग्रेजी से चला सकता है, लेकिन हिंदुस्तान को समझने और जानने के लिए हिंदी पढ़ना और लिखना आना बहुत जरूरी है. हिंदी का डंका दुनिया भर में बज रहा है. यह हम नहीं कह रहे केंद्रीय हिंदी संस्थान के आगरा और दिल्ली सेंटर पर आकर के हिंदी का पठन-पाठन कर रहे विदेशी विद्यार्थियों के आंकड़े बता रहे हैं.

जानकारी देते नंद किशोर पांडे, निदेशक (केंद्रीय हिंदी संस्थान).

महत्वपूर्ण बिन्दु-

  • केंद्रीय हिंदी संस्थान विदशों में हिंदी के प्रचार प्रसार में नये आयाम स्थापित कर रहा है.
  • केंद्रीय हिंदी संस्थान के आगरा और दिल्ली सेंटर पर हर साल तमाम देशों के स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए आते हैं.
  • इस साल 40 से ज्यादा देशों के 200 स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए भारत आ रहे हैं.
  • इनमें सर्वाधिक 29 देशों के स्टूडेंट आगरा केंद्र पर हिंदी पढ़ेंगे.
  • बाकी देशों के स्टूडेंट दिल्ली सेंटर पर हिंदी का पठन-पाठन करेंगे.
  • केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से हिंदी में रुचि रखने वाले स्टूडेंट का टेस्ट उनके देश में जाकर लिया जाता है.
  • टेस्ट में पास होने वाले स्टूडेंट को ही हिंदी पढ़ने के लिए बुलावा भेजा जाता है.

कहां से कितने छात्र आ रहे हैं-
श्रीलंका 16, तजाकिस्तान 10, थाईलैंड 08, चीन 06, मोरिशस 05, त्रिनिदाद 05, बांग्लादेश 04, मंगोलिया 04, मोरक्को 04, चाड 03 पौलेंड 03, बुल्गारिया 03, इजिप्ट 03, केमेरून 03, जापान 02, गुयाना 02, उज्बेकिस्तान 02, टर्की 02, सूरीनाम 02, रोमानिया 02, साउथ कोरिया 02, अफगानिस्तान 02 और अज़रबैजान, लूथिआनिया, नाइजीरिया ,ट्यूनीशिया, यूक्रेन, क्रोएशिया से 1-1 छात्र हिंदी पढ़ने आ रहे हैं.

भारत बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था है. बहुत बड़ा बाजार है. 130 करोड़ की आबादी है. हिंदी जाने बिना, समझे बिना. आप लिखने का काम तो अंग्रेजी से चला सकते हैं, लेकिन बातचीत के लिए हिंदी जानना और समझना बहुत जरूरी है. इसलिए हम यह पिछले 3 वर्ष की बात करें तो केंद्रीय हिंदी संस्थान में हिंदी पढ़ने आने वाले हैं. विदेशी स्टूडेंट्स की और देशों की संख्या बढ़ी है.
-नंद किशोर पांडे, निदेशक (केंद्रीय हिंदी संस्थान)

आगरा: हिंदुस्तान आकर कोई व्यक्ति लिखने का काम तो अंग्रेजी से चला सकता है, लेकिन हिंदुस्तान को समझने और जानने के लिए हिंदी पढ़ना और लिखना आना बहुत जरूरी है. हिंदी का डंका दुनिया भर में बज रहा है. यह हम नहीं कह रहे केंद्रीय हिंदी संस्थान के आगरा और दिल्ली सेंटर पर आकर के हिंदी का पठन-पाठन कर रहे विदेशी विद्यार्थियों के आंकड़े बता रहे हैं.

जानकारी देते नंद किशोर पांडे, निदेशक (केंद्रीय हिंदी संस्थान).

महत्वपूर्ण बिन्दु-

  • केंद्रीय हिंदी संस्थान विदशों में हिंदी के प्रचार प्रसार में नये आयाम स्थापित कर रहा है.
  • केंद्रीय हिंदी संस्थान के आगरा और दिल्ली सेंटर पर हर साल तमाम देशों के स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए आते हैं.
  • इस साल 40 से ज्यादा देशों के 200 स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए भारत आ रहे हैं.
  • इनमें सर्वाधिक 29 देशों के स्टूडेंट आगरा केंद्र पर हिंदी पढ़ेंगे.
  • बाकी देशों के स्टूडेंट दिल्ली सेंटर पर हिंदी का पठन-पाठन करेंगे.
  • केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से हिंदी में रुचि रखने वाले स्टूडेंट का टेस्ट उनके देश में जाकर लिया जाता है.
  • टेस्ट में पास होने वाले स्टूडेंट को ही हिंदी पढ़ने के लिए बुलावा भेजा जाता है.

कहां से कितने छात्र आ रहे हैं-
श्रीलंका 16, तजाकिस्तान 10, थाईलैंड 08, चीन 06, मोरिशस 05, त्रिनिदाद 05, बांग्लादेश 04, मंगोलिया 04, मोरक्को 04, चाड 03 पौलेंड 03, बुल्गारिया 03, इजिप्ट 03, केमेरून 03, जापान 02, गुयाना 02, उज्बेकिस्तान 02, टर्की 02, सूरीनाम 02, रोमानिया 02, साउथ कोरिया 02, अफगानिस्तान 02 और अज़रबैजान, लूथिआनिया, नाइजीरिया ,ट्यूनीशिया, यूक्रेन, क्रोएशिया से 1-1 छात्र हिंदी पढ़ने आ रहे हैं.

भारत बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था है. बहुत बड़ा बाजार है. 130 करोड़ की आबादी है. हिंदी जाने बिना, समझे बिना. आप लिखने का काम तो अंग्रेजी से चला सकते हैं, लेकिन बातचीत के लिए हिंदी जानना और समझना बहुत जरूरी है. इसलिए हम यह पिछले 3 वर्ष की बात करें तो केंद्रीय हिंदी संस्थान में हिंदी पढ़ने आने वाले हैं. विदेशी स्टूडेंट्स की और देशों की संख्या बढ़ी है.
-नंद किशोर पांडे, निदेशक (केंद्रीय हिंदी संस्थान)

Intro:आगरा. भारतीय संस्कृति और सभ्यता को समझना है, और जानना है. तो हिंदी पढ़ना, लिखना और बोलना आना बहुत जरूरी है. हिंदी का डंका दुनिया भर में बज रहा है. यह हम नहीं कह रहे केंद्रीय हिंदी संस्थान के आगरा और दिल्ली सेंटर पर आकर के हिंदी का पठन-पाठन कर रहे विदेशी विद्यार्थियों के आंकड़े बता रहे हैं. इस सत्र में भी दुनिया के 40 से ज्यादा देशों के 200 स्टूडेंट्स हिंदी पढ़ने के लिए भारत आ रहे हैं. जिनमें से सर्वाधिक 29 देश के स्टूडेंट्स आगरा में एक साल तक हिंदी का पठन पाठन करेंगे.


Body:केंद्रीय हिंदी संस्थान विदशों में हिंदी के प्रचार प्रचार प्रसार में नये आयाम स्थापित कर रहा है. केंद्रीय हिंदी संस्थान के आगरा और दिल्ली सेंटर पर हर साल तमाम देशों के स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए आते हैं. केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक नंद किशोर पांडे ने बताया कि इस साल 40 से ज्यादा देशों के 200 स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए भारत आ रहे हैं. इनमें सर्वाधिक 29 देशों के स्टूडेंट स्टूडेंट आगरा केंद्र पर हिंदी पढ़ेंगे. बाकी देशों के स्टूडेंट दिल्ली सेंटर पर हिंदी का पठन-पाठन करेंगे. इसके लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से हिंदी में रुचि रखने वाले स्टूडेंट का उनके देश में जाकर के टेस्ट लिया जाता है. टेस्ट में पास होने वाले स्टूडेंट को है. हिंदू पढ़ने के लिए बुलावा भेजा जाता है. केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक नंद किशोर पांडे का कहना है कि भारत बहुत बड़ी अर्थव्यवस्था है. बहुत बड़ा बाजार है. 130 करोड़ की आबादी है. हिंदी जाने बिना, समझे बिना. आप लिखने का काम तो अंग्रेजी से चला सकते हैं, लेकिन बातचीत के लिए हिंदी जानना और समझना बहुत जरूरी है. इसलिए हम यह पिछले 3 वर्ष की बात करें तो केंद्रीय हिंदी संस्थान में हिंदी पढ़ने आने वाले हैं. विदेशी स्टूडेंट्स की और देशों की संख्या बढ़ी है. यहां से आए स्टूडेंट्स देश स्टूडेंट्स श्रीलंका 16 तजाकिस्तान 10 थाईलैंड 08 चीन 06 मोरिशस 05 त्रिनिदाद 05 बांग्लादेश 04 मंगोलिया 04 मोरक्को 04 चाड 03 पौलेंड 03 बुल्गारिया 03 इजिप्ट 03 केमेरून 03 जापान 02 गुयाना 02 उज्बेकिस्तान 02 टर्की 02 सूरीनाम 02 रोमानिया 02 साउथ कोरिया 02 अफगानिस्तान। 02 ( अज़रबैजान,लूथिआनिया,नाइजीरिया,ट्यूनीशिया, यूक्रेन, और क्रोएशिया से एक-एक स्टूडेंट्स हिंदी पढ़ने आ रहे हैं.)।


Conclusion:हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है. यहां का बाजार भी बहुत बड़ा है. आप लिखने का काम तो अंग्रेजी से चला सकते हैं,लेकिन हिंदुस्तान को समझने और जानने के लिए हिंदी पढ़ना और लिखना आना बहुत जरूरी है. इसीलिए लगातार विदेशी स्टूडेंट हिंदी पढ़ने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान आ रहे हैं. ......... केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक नंद किशोर पांडे की बाइट. ........ श्यामवीर सिंह आगरा 8387893357
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