आगरा: यूपी में टूरिस्ट सीजन अक्टूबर माह से शुरू होगा. इस बार आगरा और मथुरा आने वाले पर्यटक 'उड़नखटोले' यानी हेलीकॉप्टर से ताजमहल, आगरा किला और मथुरा-वृन्दावन के मंदिरों का 'हवाई दर्शन' कर सकेंगे. योगी सरकार की कैबिनेट पहले ही आगरा और मथुरा के हेलीपोर्ट से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर हेलीकॉप्टर के संचालन की उत्तराखंड की एक फर्म को अनुमति दे चुकी है. हर साल हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन करने वाली फर्म 25 लाख रुपये पर्यटन विभाग को देगी. पर्यटन विभाग अब जल्द ही फर्म को हेलीपोर्ट हैंडओवर कर देगी. जिससे बाद ही फर्म हेलीपोर्ट पर जरूरी व्यवस्थाएं और अनुमति पूरी करके पर्यटकों के लिए हेलीकाॅप्टर की सुविधा शुरू करेगी. जिससे आगरा और मथुरा में पर्यटन कारोबार ऊंची उड़ान भरेगा.
सैलानियों का रोमांच होगा दोगुना: बता दें कि, आगरा और मथुरा में हेलीकाॅप्टर के संचालन के टेंडर पर कैबिनेट की मुहर लगने से आगरा और मथुरा के पर्यटन कारोबारी बेहद खुश हैं. क्योंकि, जो सैलानी ताजमहल, आगरा किला, मथुरा और वृंदावन के मंदिरों का हवाई दर्शन करेंगे. उनका रोमांच दोगुना होगा.
पीडब्ल्यूडी ने बनाया है हेलीपोर्ट: योगी सरकार ने आगरा और मथुरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार साल 2017-18 में आगरा को लेकर हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट तैयार किया था. जिसके लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और इनर रिंग रोड (यमुना एक्सप्रेस-वे) के पास गांव मदरा में 5 एकड़ से ज्यादा जमीन अधिकृत की गई. तब 4.95 करोड़ रुपये में हेलीपैड बनाने का काम पीडब्ल्यूडी विभाग ने शुरू किया था.
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2019 में पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास: पीएम मोदी ने 9 जनवरी-2019 को कोठी मीना बाजार मैदान की जनसभा से हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट का विधिवत शिलान्यास किया था. तब अक्टूबर-2020 में हेलीपोर्ट बनकर तैयार होना था. 2021 में नया एस्टीमेट 4.95 करोड़ रुपये से बढ़कर 7.9 करोड़ का भेजा गया था. कोरोना संक्रमण के चलते हेलीपोर्ट बनाने का काम रुक गया. फिर विभाग ने बजट मांगा था तो फिर योगी सरकार ने आगरा हेलीपोर्ट और मथुरा के वृंदावन में हेलीपैड से हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल करने की प्लानिंग की. जिससे अभी तक आगरा हेलीपैड का काम पूरा नहीं हुआ है. अब जो फर्म हेलीकाप्टर का संचालन करेगी, उसे ही अधूरा काम पूरा करना है.
पर्यटन विभाग मॉनिटरिंग करेगा: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा बताते हैं कि आगरा और मथुरा में हेलीकॉप्टर सेवा संचालन का काम पीपीपी मॉडल होगा. जिसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. आगरा और मथुरा में उत्तराखंड की एक फर्म हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करेगी. फर्म हवाई दर्शन की अनुमति संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी करेगी. हेलीकॉप्टर की उड़ान की डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन डीजीसीए से अनुमति लेगी. इसके साथ ही हेलीपोर्ट पर जरूरी सुविधाएं जुटाने के साथ देख का जिम्मा भी कम्पनी के पास ही रहेगा. पर्यटन विभाग मॉनिटरिंग करेगा.
दस दिन पेपर कार्य पूरा, फिर हवाई दर्शन: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि कंपनी की ओर से दो करोड़ रुपये की धनराशि भी जमा कराई जा चुकी है. अब सात से दस दिन में कंपनी और पर्यटक के बीच एग्रीमेंट पर हस्तार हो जाएंगे. जिससे जल्द ही हेलीपोर्ट से हेलीकाॅप्टर से पर्यटकों को आगरा के स्मारक, मथुरा वृंदावन के मंदिर के हवाई दर्शन शुरू हो जाएंगे. पर्यटन विभाग की तैयारियां पूरी हैं. यह बडे़ स्तर पर किया जा रहा है. सीएम योगी या अन्य वशिष्ट अतिथि इसकी शुरूआत करें. दस्तावेज की कार्रवाई हम दस दिन में पूरा कर लेंगे.
30 साल का फर्म से करार: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि, हेलीपोर्ट पर पुलिस थाना और चौकी के लिए भूमि की निशुल्क व्यवस्था संबंधित फर्म करनी है. हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करने वाली फार्म को ही हेलीपोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिस बल का खर्चा देना है. हेलीपोर्ट से सेवा शुरू करने के एवज में फर्म हर साल 25 लाख रुपये पर्यटन विभाग को देगी. फर्म को 30 साल के लिए हेलीपोर्ट लीज पर देने का करार हुआ है. करार आगे 30 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
एक नजर आगरा के हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट पर
- 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर बनाया जा रहा है हेलीपोर्ट.
- 4.5 करोड रुपए का बजट अब तक जारी किया गया है.
-7.9 करोड़ रुपए का रिवाइज्ड एस्टीमेट बनाकर भेजा था.
- एक हेलीपैड व हेलीकॉप्टर खड़े करने के लिए दो हैंगर बने.
-एडीए और यूपीडा ने हेलीपोर्ट बनाने के लिए जमीन दी है.
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