आगरा : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आगरा में झोलाछाप डाॅक्टर, अवैध हॉस्पिटल, पैथोलॉजी और क्लीनिक संचालकों के खिलाफ और तेज कर दिया है. विभाग पहले से ही झोलाछाप के खिलाफ छापामारी की कार्रवाई कर रहा है. अब विभाग ने अवैध मेडिकल संस्थान खोलकर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. विभाग की ओर से जिले में निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम और क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन और लाइेंस रिन्यूअल की प्रक्रिया शुरू की है. जिन हॉस्पिटल, नर्सिंग होम और क्लीनिक में मानक पूरे होंगे. उनका रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस रिन्यूअल होगा. इसके बाद जो हॉस्पिटल, नर्सिंग होम और क्लीनिक बचेंगे. उनके संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि आगरा में निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक की भरमार हैं. जिसमें से दर्जनों हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक अवैध रूप से चल रहे हैं. जिनका चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है, न ऐसे संस्थानों का विभाग में रजिस्ट्रेशन है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस पर लगाम कसने की तैयार कर ली है.
आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 'जिले में निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक संचालकों की मनमानी नहीं चलेगी. सभी का विभाग में रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है. विभाग की ओर से अभी निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की है. जिसके लिए आवेदन पत्र जमा हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. उनका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा. जिले में अवैध हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक कोई संचालित करके मरीजों की जान से खिलवाड़ नहीं कर सकेगा.'
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 'जिले में रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए 1269 आवेदन आए हैं. जो निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक संचालकों के हैं. इन आवेदन के आधार पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम निर्धारित दिन में जाकर हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर और क्लीनिक का निरीक्षण करके जांच रिपोर्ट तैयार करती है. संस्थान में विभाग के तय मानकों का आंकलन किया जाएगा, जिसमें मेडिकल बायोवेस्ट का निस्तारण, भवन का नक्शा, फायर एनओसी और अन्य मानक की रिपोर्ट बनाई जाएगी. मानक पूरे नहीं होने पर उस संस्थान का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा, क्योंकि किसी को भी जिले में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा.'
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