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Cyber Crime का शिकार होने पर तुरंत यहां करें शिकायत, जानें पूरी प्रक्रिया

यूपी में बढ़ते साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए अब केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. अब पीड़ितों को 155260 की बजाए 1930 हेल्प लाइन नंबर पर अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत करानी होगी.

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एक कॉल पर दर्ज होगी एफआईआर
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Published : Feb 17, 2022, 5:11 PM IST

आगरा: उत्तर प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है. बढ़ते साइबर क्राइम के ग्राफ पर आंकुश लगाने के लिए अब गृह मंत्रालय ने एक नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. 1930 पर संपर्क कर साइबर क्राइम का शिकार हुए पीड़ित अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इस नंबर पर शिकायत करने के बाद पीड़ित को किसी भी थाने पर एफआईआर दर्ज कराने नहीं जाना पड़ेगा. जबकि गृह मंत्रालय ने पुराने हेल्पलाइन नंबर 155260 को बंद कर दिया है. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों की पुलिस को इस हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली साइबर क्राइम की शिकायतों को दर्ज करके कार्रवाई के निर्देश भी जारी कर दिए है.

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 के बारे में सभी अधीनस्थ को अवगत करा दिया गया है. यहां शिकायत करने के बाद पीड़ित को किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कराने नहीं जाना पड़ेगा. क्योंकि, शिकायत मिलते ही पुलिस तत्काल उसकी मदद करेगी.


यूं होगी एक कॉल पर आपकी शिकायत दर्ज

  • पीड़ित को सबसे पहले 1930 पर फोन कर अपना मोबाइल नंबर, फ्रॉड ट्रांजैक्शन नंबर, फ्रॉड की धनराशि और अपराध की तारीख बतानी होगी.
  • 1930 पर शिकायत करने के बाद पीड़ित को SMS से लॉगिन आईडी, रेफरेंस नंबर मिलेगा. जिससे 24 घंटे में नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल (CYBERCRIME.GOV.IN) पर शिकायत दर्ज करनी होगी.
  • शिकायत के बाद पीड़ित से हेल्पलाइन नंबर पर एक्सपर्ट बात करके कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे.
  • एक्सपर्ट प्रतिनिधि फ्रॉड की रकम जिस बैंक खाते और ई-वॉलेट में जाती है. उस बैंक या ई-वॉलेट कंपनी को मेल करके साइबर फ्रॉड जानकारी दी जाती है. जिससे बैंक या ई-वॉलेट कंपनी उस खाते को ब्लॉक कर देती है.
  • एक्सपर्ट प्रतिनिधि फिर साइबर फ्रॉड की रकम को वापस पीड़ित के खाते में करवाते हैं. घटना के कुछ देर बाद ही यदि पीड़ित अपनी शिकायत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर कर दें. तो रकम वापस होने की उम्मीद ज्यादा रहती है.

यह भी पढ़ें- हिजाब विवाद: आगरा में योगी यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने बांटे छात्र-छात्राओं को दुपट्टे

यूं बचें ठगी का शिकार होने से

  • सोशल मीडिया पर अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें.
  • सोशल मीडिया पर अनजान वीडियो कॉल स्वीकार नहीं करें.
  • नेटबैंकिंग करते समय पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल ना करें.
  • ई-मेल पर आए लुभावने ऑफर वाले लिंक पर क्लिक न करें.
  • फोन पर किसी को डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी न दें.
  • फोन पर किसी को अपना सीवीसी नंबर भी शेयर न करें.
  • लॉटरी या लकी ड्रॉ वाले झांसे में ना आए.
  • किसी के बोलने पर मोबाइल पर स्क्रीन और एक्सेस ऐप डाउनलोड न करें.
  • साइबर क्राइम का शिकार होने पर पुलिस से शिकायत करें.

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आगरा: उत्तर प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है. बढ़ते साइबर क्राइम के ग्राफ पर आंकुश लगाने के लिए अब गृह मंत्रालय ने एक नया हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. 1930 पर संपर्क कर साइबर क्राइम का शिकार हुए पीड़ित अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इस नंबर पर शिकायत करने के बाद पीड़ित को किसी भी थाने पर एफआईआर दर्ज कराने नहीं जाना पड़ेगा. जबकि गृह मंत्रालय ने पुराने हेल्पलाइन नंबर 155260 को बंद कर दिया है. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों की पुलिस को इस हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली साइबर क्राइम की शिकायतों को दर्ज करके कार्रवाई के निर्देश भी जारी कर दिए है.

एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 के बारे में सभी अधीनस्थ को अवगत करा दिया गया है. यहां शिकायत करने के बाद पीड़ित को किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज कराने नहीं जाना पड़ेगा. क्योंकि, शिकायत मिलते ही पुलिस तत्काल उसकी मदद करेगी.


यूं होगी एक कॉल पर आपकी शिकायत दर्ज

  • पीड़ित को सबसे पहले 1930 पर फोन कर अपना मोबाइल नंबर, फ्रॉड ट्रांजैक्शन नंबर, फ्रॉड की धनराशि और अपराध की तारीख बतानी होगी.
  • 1930 पर शिकायत करने के बाद पीड़ित को SMS से लॉगिन आईडी, रेफरेंस नंबर मिलेगा. जिससे 24 घंटे में नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल (CYBERCRIME.GOV.IN) पर शिकायत दर्ज करनी होगी.
  • शिकायत के बाद पीड़ित से हेल्पलाइन नंबर पर एक्सपर्ट बात करके कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे.
  • एक्सपर्ट प्रतिनिधि फ्रॉड की रकम जिस बैंक खाते और ई-वॉलेट में जाती है. उस बैंक या ई-वॉलेट कंपनी को मेल करके साइबर फ्रॉड जानकारी दी जाती है. जिससे बैंक या ई-वॉलेट कंपनी उस खाते को ब्लॉक कर देती है.
  • एक्सपर्ट प्रतिनिधि फिर साइबर फ्रॉड की रकम को वापस पीड़ित के खाते में करवाते हैं. घटना के कुछ देर बाद ही यदि पीड़ित अपनी शिकायत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर कर दें. तो रकम वापस होने की उम्मीद ज्यादा रहती है.

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यूं बचें ठगी का शिकार होने से

  • सोशल मीडिया पर अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें.
  • सोशल मीडिया पर अनजान वीडियो कॉल स्वीकार नहीं करें.
  • नेटबैंकिंग करते समय पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल ना करें.
  • ई-मेल पर आए लुभावने ऑफर वाले लिंक पर क्लिक न करें.
  • फोन पर किसी को डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी न दें.
  • फोन पर किसी को अपना सीवीसी नंबर भी शेयर न करें.
  • लॉटरी या लकी ड्रॉ वाले झांसे में ना आए.
  • किसी के बोलने पर मोबाइल पर स्क्रीन और एक्सेस ऐप डाउनलोड न करें.
  • साइबर क्राइम का शिकार होने पर पुलिस से शिकायत करें.

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