आगरा: ताजनगरी में इस बार होली को ईको फ्रेंडली तरीके मनाने की तैयारी हो रही है. आगरा जिला जेल प्रशासन ने ईको फ्रेंडली होली मनाने की पहल की है. जिसके तहत जिला जेल की गौशाला की गायों के गोबर से बंदी गोकाष्ठ तैयार कर रहे हैं. जिससे लकड़ी की जगह गोकाष्ठ की होलिका दहन हो. इससे पेड़ों की कटाई रुकेगी और पर्यावरण सुरक्षित व शुद्ध रहेगा. इसी के साथ जेल में बंद कैदी भी हर्बल गुलाल के साथ होली खेलेंगे. जिला कारागार के 20 बंदी हर्बल गुलाल बनाने का काम कर रहे हैं. हर्बल गुलाल पालक और चुकंदर से बनाया जा रहा है.
देश में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का त्योहार होली मनाया जाता है. पेड़ों की कटाई करके लकड़ी की होली रखी जाती है. जिससे होली पर ही हर साल लाखों पेड़ों की कटाई होती है. जो पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है. लकड़ी की होली जलाने से वायुमंडल में हानिकारक गैसों का स्तर बढ़ जाता है. प्रदूषित वायुमंडल में सांस लेना मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. इसलिए, पेड़ों की कटाई रोकने के लिए ही ईको फ्रेंडली होली मनाने पर जोर दिया जा रहा है.
80 कुंतल गोकाष्ठ बनाया जा रहा: आगरा जिला जेल के अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि जिला जेल में ईको फ्रेंडली होली मनाई जाएगी. इसीलिए जेल में साल लकड़ी की नहीं, गोकाष्ठ की होलिका जलेगी. इसके साथ ही 'सत्यमेव जयते' संस्था की डिमांड पर 20 बंदी गोकाष्ठ बना रहे हैं. जिला जेल की डेयरी में गाय हैं. इन्हीं गायों के गोबर से बंदी हर दिन गोकाष्ठ बना रहे हैं. इस साल 80 कुंतल गोकाष्ठ बनाया जा रहा है. इस गोकाष्ठ को संस्था छह रुपये किलो की दर से खरीदेगी. गोकाष्ठ से बेचने से जो आमदनी होगी, उसका उपयोग डेयरी की गायों की खुराक, हरा चारा और दवाओं पर खर्च किया जाएगा.
बंदी हर्बल गुलाल से खेलेंगे होली: आगरा जिला जेल के अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि होली पर बाजारों में जहरीले केमिकल से बने गुलाल की भरमार होती है. ये केमिकल से बने गुलाल चेहरे पर लगाने से स्किन पर जलन, खुजली और चेहरे की रंगत बिगड़ जाती है. केमिकल गुलाल की चेहरे पर होने वाली दिक्कतों को देखकर जिला कारागार के 20 बंदी हर्बल गुलाल बना रहे. हर्बल गुलाल बनाने में जिला जेल में उगाए गए चुकंदर और पालक का उपयोग किया जा रहा है. अरारोट में चुकंदर और पालक का जूस मिलाकर बंदी होली के लिए गुलाबी व हरा हर्बल गुलाल बना रहे हैं. जिला जेल के बंदियों के लिए 200 किलोग्राम हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है. जिससे होली पर त्योहार पर जिला प्रशासन के साथ ही बंदी एक-दूसरे के चेहरे पर हर्बल गुलाल लगा सकें.
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