आगराः जिले में नाबालिग छात्राओं को ब्लैकमेल करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाॅश हुआ है. गिरोह के सभी सदस्य नाबालिग हैं, जो पहले छात्राओं से दोस्ती करते थे, फिर छात्राओं के फोटो और वीडियो को एडिट कर उन्हें अश्लील बनाते थे और फिर ब्लैकमेल करते थे.बदनामी के डर से छात्राएं चुप रहती थीं लेकिन इस बीच एक पीड़ित छात्रा ने एक एनजीओ से आपबीती बताई. एनजीओ ने गिरोह में शामिल नाबालिग छात्रों की शिकायत पुलिस अधिकारियों से की. इसके बाद पुलिस ने 9 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
एनजीओ का दावा है कि गिरोह से जुड़े एक आरोपी नाबालिग के मोबाइल में 300 से अधिक छात्राओं और युवतियों की न्यूड फोटो और वीडियो मिले हैं जो एडिट करके बनाई गई हैं. इन्हीं, न्यूड फोटो और वीडियो के आधार पर गिरोह छात्राओं को ब्लैकमेल करके उनसे गंदा काम करवा रहा था.
हरिपर्वत एसीपी मयंक तिवारी ने बताया कि एक एनजीओ के पदाधिकारियों ने शिकायत की थी. इसकी छानबीन की गई. एनजीओ ने जो साक्ष्य दिए उनका अवलोकन किया गया. इसके बाद सिकंदरा थाना में नौ नामजद और 20-25 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मामले में साक्ष्यों का गहनता से जांच की जा रही है जो भी आरोपी हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अनजान नंबर से आया कॉलः शास्त्रीपुरम क्षेत्र निवासी छात्रा ने एनजीओ में शिकायत की थी. उसने बताया कि 12वीं का एक छात्र उसका बॉयफ्रेंड था. दोस्ती के चलते दोनों अक्सर मिलते थे. इस दौरान बॉयफ्रेंड खूब सेल्फी लेता था. उसकी फोटो भी खींचता था. मोबाइल में वीडियो भी बना लेता था. एक माह पहले मेरे पास अनजान मोबाइल नंबर से कॉल आने लगे. फोन करने वाले ने कहा कि उसके पास न्यूड फोटो और वीडियो हैं. इससे वो घबरा गई.
छात्रा ने एनजीओं से बताया कि जब उसने कॉल करने वाले से पूछा कि उसे फोटो और वीडियो कहां से मिली? तो उसने उसके बॉयफ्रेंड का नाम लिया. छात्रा ने इसके बाद अपने बॉयफ्रेंड को फोन किया और उससे न्यूड फोटो और वीडियो की बात पूछी, जिससे उसने साफ इनकार कर दिया. फिर फोन काट दिया. इसके बाद से छात्रा को लगातार अनजान मोबाइल नंबर से काॅल आने लगे और वो उसे ब्लैकमेल कर मिलने के लिए बुलाने लगा.
पढ़ाई न छूट जाए, इसलिए थीं चुपः एनजीओ की ओर से सिकंदरा थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें लिखा है कि पीड़ित छात्रा ने जब अपने स्कूल में एक सहेली को यह बात बताई तो पता चला कि ऐसे ही अन्य छात्राओं के पास भी फोन काॅल आ रहे हैं. बदनामी के डर से छात्राएं काॅल करने वाले से मिल रहीं हैं. मजबूरन फोन करने वाले या अन्य के साथ गंदा काम भी कर रही हैं. छात्राओं को डर था कि उनके फोटो और वीडियो वायरल होंगे तो बदनामी होगी. परिजन उन्हें पढ़ाएंगे नहीं इसलिए वो अभी तक चुप थीं.
300 से ज्यादा छात्राओं के ब्लैकमेल होने की आशंकाः आरटीआई एक्टिविस्ट जितेंद्र वर्मा की शिकायत पर सिंकंदरा थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर के मुताबिक छात्रा की शिकायत पर आरटीआई एक्टिविस्ट और अन्य ने एक आरोपी छात्र पकड़ा और उससे पूछताछ की. उसके मोबाइल में उन्हें 300 न्यूड फोटो और वीडियो मिले हैं. इनमें से कुछ फोटो और वीडियो पुलिस को दिए गए हैं. आशंका है कि नाबालिग छात्राओं को ब्लैकमेल कर रहे गिरोह के चंगुल में 300 से ज्यादा छात्राएं और युवतियां हैं, जिनके ही ये न्यूड फोटो और वीडियो हैं. आरोपियों में एक एसएन मेडिकल काॅलेज के कर्मचारी का बेटा भी है जो 12वीं का छात्र है. आशंका यह भी है कि गिरोह किसी पोर्न साइट को डेटा तो नहीं बेच रहा था.
महिला आयोग में भी शिकायतः एनजीओ की ओर से इर बारे में शिशु एवं बाल आयोग और महिला आयोग के साथ ही अन्य जगहों पर भी शिकायत की है. महिला आयोग के सक्रिय होने पर ही इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. महिला आयोग और शिशु एवं बाल आयोग में शिकायत के साथ जो दस्तावेज दिए गए हैं उनमें गिरोह की छात्राओं से अश्लील चैटिंग के स्क्रीन शाॅट, न्यूड फोटो और अन्य दस्तावेज शामिल हैं. इनमें साफ है कि आरोपी शारीरिक शोषण करना चाहते हैं या इनकार करने पर उठाकर ले जाने को धमकी दे रहे थे.
साइबर क्राइम सेल कर रही पड़तालः सिकंदरा थाना प्रभारी निरीक्षक आनंद कुमार शाही ने बताया कि शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में साइबर क्राइम सेल की मदद ली जा रही है. जो डेटा मिला है, उसकी छानबीन की जा रही है. आरोपी किस तरह से छात्राओं का डेटा दूसरे लड़के तक भेजते थे. ऐसे ही तमाम बिंदुओं की साइबर सेल पड़ताल कर रही है. इस गिरोह के चंगुल में कितनी छात्राएं हैं. उसकी भी छानबीन की जा रही है.
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