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आगरा: मित्र मंडली ने गरीबों को बांटा राशन

यूपी के आगरा में लॉकडाउन के दौरान एक मित्र मंडली गरीब, असहायों की मदद कर रही है. इस मित्र मंडली में चिकित्सक, व्यापारी, किसान और नौकरी करने वाले लोग शामिल हैं. यह गरीबों को राशन किट वितरित कर रहे हैं.

lockdown in agra
मित्र मंडली के बांटे राशन
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Published : May 23, 2020, 11:47 AM IST

आगरा: कोरोना महामारी से जिले में कोहराम मचा है. लॉकडाउन जारी होते ही सड़कों पर प्रवासी मजदूर निकल पड़े. भूखे-प्यासे पैदल चल रहे मजदूरों की पीड़ा देखकर जिले में एक मित्र मंडली इन लोगों की मदद कर रही है. इस मित्र मंडली में चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यापारी, नौकरी करने वाले और किसान हैं. इस मित्र मंडली ने गरीब, असहायों को राशन के पैकेट बांटे.

मित्र मंडली के सदस्य संचालक डॉ. केपी यादव ने बताया कि लॉकडाउन में गरीबों के लिए कम्युनिटी किचन शुरू किया. इस मंडली ने 10 अप्रैल से तीन मई तक सड़कों से गुजर रहे प्रवासी श्रमिक और गरीबों को खाने के पैकेट बांटे. मित्र मंडली के सदस्य अधिवक्ता अविनाश कुलश्रेष्ठ ने बताया कि गरीबों को जो किट दी गई है, उसमें 5 किलो आटा, ढाई किलो चावल, तेल, मिर्च, नमक, मसाला दाल और चाय की पत्ती समेत अन्य सामान हैं.

मित्र मंडली के सदस्य सुरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि जिन लोगों को राशन की किट दी गई है, उनके पास राशन कार्ड नहीं है. राशन कार्ड नहीं होने से सरकार की मदद उन्हें नहीं मिल रही है. स्थानीय स्तर पर ऐसे लोगों को चुना गया और उन्हें यह राशन की किट दी जा रही है.

मजदूर महिला ने बताई आपबीती
मजदूर महिला अल्पना ने बताया कि पति बीमार रहता है. लॉकडाउन में काम बंद हो गया, जिंदगी मुश्किल से कट रही है. राशन किट मिली है, अब 8 से 10 दिन का गुजारा हो जाएगा.

मजदूर महिला सुनीता ने बताया कि मैं कारखाने में काम करती थी. लॉकडाउन में कारखाना बंद हो गया. पहले कारखाने में जो पैसा मिलता था, उससे परिवार की गुजर-बसर होती थी. परिवार में पांच सदस्य हैं. यह राशन की किट मिली है तो कुछ दिन गुजारा हो जाएगा.

आगरा: कोरोना महामारी से जिले में कोहराम मचा है. लॉकडाउन जारी होते ही सड़कों पर प्रवासी मजदूर निकल पड़े. भूखे-प्यासे पैदल चल रहे मजदूरों की पीड़ा देखकर जिले में एक मित्र मंडली इन लोगों की मदद कर रही है. इस मित्र मंडली में चिकित्सक, अधिवक्ता, व्यापारी, नौकरी करने वाले और किसान हैं. इस मित्र मंडली ने गरीब, असहायों को राशन के पैकेट बांटे.

मित्र मंडली के सदस्य संचालक डॉ. केपी यादव ने बताया कि लॉकडाउन में गरीबों के लिए कम्युनिटी किचन शुरू किया. इस मंडली ने 10 अप्रैल से तीन मई तक सड़कों से गुजर रहे प्रवासी श्रमिक और गरीबों को खाने के पैकेट बांटे. मित्र मंडली के सदस्य अधिवक्ता अविनाश कुलश्रेष्ठ ने बताया कि गरीबों को जो किट दी गई है, उसमें 5 किलो आटा, ढाई किलो चावल, तेल, मिर्च, नमक, मसाला दाल और चाय की पत्ती समेत अन्य सामान हैं.

मित्र मंडली के सदस्य सुरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि जिन लोगों को राशन की किट दी गई है, उनके पास राशन कार्ड नहीं है. राशन कार्ड नहीं होने से सरकार की मदद उन्हें नहीं मिल रही है. स्थानीय स्तर पर ऐसे लोगों को चुना गया और उन्हें यह राशन की किट दी जा रही है.

मजदूर महिला ने बताई आपबीती
मजदूर महिला अल्पना ने बताया कि पति बीमार रहता है. लॉकडाउन में काम बंद हो गया, जिंदगी मुश्किल से कट रही है. राशन किट मिली है, अब 8 से 10 दिन का गुजारा हो जाएगा.

मजदूर महिला सुनीता ने बताया कि मैं कारखाने में काम करती थी. लॉकडाउन में कारखाना बंद हो गया. पहले कारखाने में जो पैसा मिलता था, उससे परिवार की गुजर-बसर होती थी. परिवार में पांच सदस्य हैं. यह राशन की किट मिली है तो कुछ दिन गुजारा हो जाएगा.

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