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अकबर टॉम्ब में मर रहे काले हिरण, अधिकारी मौन... - चार काले हिरण की मौत

उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित अकबर टॉम्ब में बीते दो महीने में चार काले हिरणों की मौत हो गई. हिरणों की मौत की वजह से अधिकारियों में हड़कम्प मचा हुआ है. अधिकारी इस मामले में बोलने से कतरा रहे हैं.

अकबर टॉम्ब में मर रहे काले हिरण
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Published : Oct 30, 2019, 1:02 AM IST

आगरा : मुगलकाल की ऐतिहासिक इमारत अकबर टॉम्ब काले हिरण की कब्रगाह बनता जा रहा है. बीते दो माह की बात की जाए तो यहां पर चार काले हिरणों की मौत हो चुकी है. इन चार काले हिरण की मौत के बाद वन विभाग और एएसआई के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. इनमें से दो हिरणों की मौत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्वभाविक मौत होने की बात सामने आई है, जबकि एक हिरण आपसी लड़ाई में मरा है. वहीं चौथे हिरण के शरीर पर चोट के निशान थे.आशंका यह जताई जा रही है कि किसी जानवर ने हिरण को अपना शिकार बनाया होगा. फिलहाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और वन विभाग के अधिकारी काले हिरणों की लगातार हो रही मौत के बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. वहीं दोनों विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ देते हैं.

अकबर टॉम्ब में मर रहे काले हिरण.

दो महीने में चार काले हिरण की मौत
दिल्ली हाइवे अकबर टॉम्ब में चार माह पहले 80 से ज्यादा काले हिरण थे. सिकंदरा के अकबर टॉम्ब में पर्यटकों को लुभाने वाले काले हिरणों की जान पर खतरा मंडरा रहा है. लगातार काले हिरण की संख्या घट रही है. काले हिरण का आशियाना अब उनकी ही कब्रगाह बनता जा रहा है.

इसे भी पढ़ें - आतंकियों की हिटलिस्ट में आया कप्तान कोहली का नाम, बढ़ाई सुरक्षा

पर्यटक ने बताया
अजमेर से आगरा घूमने आए पर्यटक राहुल सैन ने बताया कि अकबर टॉम्ब घूमने आए तो यहां बहुत ही अच्छा लगा. क्योंकि यहां पर काले हिरणों के साथ चिंकारा भी हैं, जो बागानों में घूम रहे हैं. लेकिन काले हिरण और चिंकारा की लगातार हो रही मौत चिंता का विषय है. इस बारे में जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को काले हिरणों के कारण के बारे में जानना होगा.

आगरा : मुगलकाल की ऐतिहासिक इमारत अकबर टॉम्ब काले हिरण की कब्रगाह बनता जा रहा है. बीते दो माह की बात की जाए तो यहां पर चार काले हिरणों की मौत हो चुकी है. इन चार काले हिरण की मौत के बाद वन विभाग और एएसआई के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. इनमें से दो हिरणों की मौत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्वभाविक मौत होने की बात सामने आई है, जबकि एक हिरण आपसी लड़ाई में मरा है. वहीं चौथे हिरण के शरीर पर चोट के निशान थे.आशंका यह जताई जा रही है कि किसी जानवर ने हिरण को अपना शिकार बनाया होगा. फिलहाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और वन विभाग के अधिकारी काले हिरणों की लगातार हो रही मौत के बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. वहीं दोनों विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर पल्ला झाड़ देते हैं.

अकबर टॉम्ब में मर रहे काले हिरण.

दो महीने में चार काले हिरण की मौत
दिल्ली हाइवे अकबर टॉम्ब में चार माह पहले 80 से ज्यादा काले हिरण थे. सिकंदरा के अकबर टॉम्ब में पर्यटकों को लुभाने वाले काले हिरणों की जान पर खतरा मंडरा रहा है. लगातार काले हिरण की संख्या घट रही है. काले हिरण का आशियाना अब उनकी ही कब्रगाह बनता जा रहा है.

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पर्यटक ने बताया
अजमेर से आगरा घूमने आए पर्यटक राहुल सैन ने बताया कि अकबर टॉम्ब घूमने आए तो यहां बहुत ही अच्छा लगा. क्योंकि यहां पर काले हिरणों के साथ चिंकारा भी हैं, जो बागानों में घूम रहे हैं. लेकिन काले हिरण और चिंकारा की लगातार हो रही मौत चिंता का विषय है. इस बारे में जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को काले हिरणों के कारण के बारे में जानना होगा.

Intro:आगरा.
मुगलकाल की ऐतिहासिक इमारत अकबर टॉम काले हिरण की कब्रगाह बन गया है. बीते 2 माह की बात की जाए तो यहां पर चार काले हिरण की मौत हो चुकी है. इससे वन विभाग और एएसआई के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि दो हिरण की मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्वभाविक मौत होने की बात सामने आई है, जब एक हिरण आपसी लड़ाई में मरा है. चौथे हिरण के शरीर पर चोट के निशान थे. इससे संभावना है, कि उसे सियार ने शिकार बनाया होगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और वन विभाग के अधिकारी काले हिरणों की लगातार हो रही मौत के बारे में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. दोनों विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर पल्ला झाड़ देते हैं.


Body:आगरा-दिल्ली हाइवे अकबर टॉम में 4 माह पहले 80 से ज्यादा काले हिरण थे. यहां पर सैकड़ों साल से काले हिरण रह रहे हैं. सिकंदरा के अकबर टॉम में पर्यटकों को लुभाने वाले काले हिरण की जान पर खतरा मंडरा रहा है. लगातार काले हिरण की संख्या घट रही है.

अजमेर से आगरा घूमने आए राहुल सैन ने बताया कि, अकबर टॉम घूमने आए तो यहां बहुत ही अच्छा लगा. क्योंकि यहां पर काले हिरणों के साथ चिंकारा भी हैं, जो बागानों में घूम रहे हैं. लेकिन इन काले हिरण और चिंकारा की मौत लगातार हो रही है. जो चिंता का विषय है. इस बारे में जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को सोचना चाहिए कि क्या करना है इन्हें शिफ्ट करने से ज्यादा पहले यह पता करना चाहिए. काले हिरणों की मौत कैसे हो रही है. इसकी जांच करानी चाहिए.


Conclusion:काले हिरण का आशियाना अब उनके ही कब्रगाह बन गया है. हर साल अकबर टॉम में काले हिरणों की संख्या घटती जा रही है. एएसआई और वन विभाग के अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है.

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बाइट राहुल सैन, पर्यटक अजमेर (राजस्थान) की।
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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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