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कल्याण सिंह का आगरा से था गहरा लगाव: यहां से दिया था नारा, 'दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है' - former cm kalyan singh

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया. उनका लंबे समये से इलाज चल रहा था. वे बीमार चल रहे थे. लखनऊ एसजीपीजीआई में उन्होंने आखिरी सांस ली. वे 89 साल के थे. वे राजस्थान के राज्यपाल भी रहे. कल्याण सिंह का यूपी का आगरा जिले से गहरा लगाव था. ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में आगरा से भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कल्याण सिंह की स्मृतियां साझा कीं.

भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल से हाथ मिलाते कल्याण सिंह.
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल से हाथ मिलाते कल्याण सिंह.
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Published : Aug 22, 2021, 7:08 AM IST

आगरा: पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का आगरा से गहरा लगाव था. तमाम बार आगरा आए और उन्होंने आगरा से अपना लगाव कई बार मंच से भी जाहिर किया. यही वजह थी कि उन्हें तमाम कार्यकर्ताओं के नाम याद थे. कार्यक्रम हो या मंच, कल्याण सिंह करीबी और मेहनती कार्यकर्ताओं को नाम से बुलाते थे. कल्याण सिंह को आगरा में खाने की चीजों के तमाम ठिकाने मालूम थे. बेलनगंज में रामा कचौड़ी वाले की कचौड़ी, बेडई और जलेबी खूब की पंसद थी. जब भी कल्याण जी आगरा आए, उन्होंने जलेबी और बेडई का नाश्ता किया. बेलनगंज में रामबाबू का पराठा उन्हें पसंद था. जब कल्याण सिंह सन 1988 में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में आए थे, तब उन्होंने नारा दिया था कि, 'दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है'. ये नारा खूब हिट हुआ था. ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर दुख जताया.

अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कल्याण सिंह.
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कल्याण सिंह.

ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्मृतियां साझा कीं. उन्होंने बताया कि सन 1988 में वह भाजपा महानगर मंत्री थे. तब बाबू जी (कल्याण सिंह) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. सन 1988 में भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में हुआ था, जिसे बाबू जी ने ही सफल बनाया था. वे यहां पर अधिवेशन की तैयारियों में रहे. कार्यकर्ताओं के साथ काम किया. अधिवेशन में बाबू जी (कल्याण सिंह) ने नारा दिया था कि, 'दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश होकर जाता है'. अधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी समेत सभी बडे़ नेता आए थे.

कल्याण सिंह को माला पहनाता हाथी.
कल्याण सिंह को माला पहनाता हाथी.

जब हाथी ने पहनाई थी माला, सिक्कों से तोला था
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि जब पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तब सन 1987 में आगरा आए थे. आगरा फोर्ट स्टेशन पर उनका हजारों भाजपाइयों ने जोरदार स्वागत किया था. आगरा फोर्ट स्टेशन के बाहर हाथी से उनके गले में माला पहनाई गई थी. उनके स्वागत में आगरा के लोगों ने खूब उत्साह दिखाया था. यही वजह रही कि आगरा के 14 चौराहों पर उनके स्वागत के लिए सिक्कों से तोलने का कार्यक्रम तय हुआ था. उस समय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का वजन 78 किलोग्राम था. उन्हें सिक्कों से तोलने का कार्यक्रम सुबह से शुरू हुआ, जो देर रात 12 बजे तक चला. 11 जगहों पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को आगरा की जनता ने सिक्कों से तोला था.

आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.
आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.

जिताया था नगर निगम का चुनाव
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि सन 1988 में आगरा में नगर निगम का पहला चुनाव हुआ था. उस समय भाजपा ने रमेश कांत लवानिया को मेयर प्रत्याशी घोषित किया था. यह चुनाव भाजपा जीती थी. इस चुनाव को जिताने में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अहम भूमिका रही थी. उनकी रणनीति और राजनीतिक सोच से यह चुनाव ऊंचाइयों तक पहुंचा था. आगरा में सन 1988 में महापालिका के खिलाफ वार्ड स्तर के प्रदर्शन में भी प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हुए थे.

भाजपा कार्यकर्ताओं का अभिवादन करते कल्याण सिंह.
भाजपा कार्यकर्ताओं का अभिवादन करते कल्याण सिंह.

यह दिया था नारा, जो खूब हिट हुआ
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि बाबू जी जब भी आगरा आते थे, वे हर पार्टी के पदाधिकारी और मेहनती कार्यकर्ताओं से फीड बैक लेते थे. बाबू जी का व्यक्तित्व सरल और सहज था. इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि बाबू जी भले ही आगरा बस से आते थे, लेकिन यहां आकर कार्यकर्ताओं के साथ स्कूटर पर भी घूमते थे. इसके साथ ही बाबू जी हर कार्यकर्ता से सीधे जुड़ते थे. उनका नारा था कि, 'गांव-गरीब किसान, झोपड़ियों का इंसान, हर दलित शोषित पीड़ित का हो सम्मान'.

आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.
आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.

एसएन मेडिलक कॉलेज और थानों को सुधारा
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने तो आगरा के लिए उन्होंने कई कार्य किए. इसमें एसएन मेडिकल कॉलेज भी शामिल है. बाबू जी के शासन में ही आगरा के एसएन मेडिलक कॉलेज की स्थिति सुधरी थी. उन्होंने आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया था. उनके शासन काल में आगरा के सभी थानों और पुलिस लाइन के सुधार की योजना बनी थी. इसके साथ ही बाबू जी की आगरा के विकास भवन के निर्माण में अहम भूमिका रही थी.

कल्याण सिंह को सिक्कों से तौलते भाजपा कार्यकर्ता.
कल्याण सिंह को सिक्कों से तौलते भाजपा कार्यकर्ता.

सात्विक भोजन था पसंद
आगरा के पूर्व सांसद दिवंगत भगवान शंकर रावत के पुत्र ब्रजेश रावत का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का उनके घर खूब आना-जाना था. पिता जी सांसद थे. अक्सर बाबू जी लखनऊ से अवध एक्सप्रेस से सुबह 5 बजे आगरा में स्टेशन पर उतरकर सीधे उनके घर आ जाते थे. वे बेहद मिलनसार थे. उन्हें सात्विक भोजन पसंद था.

खुली जीप में रोड शो करते कल्याण सिंह.
खुली जीप में रोड शो करते कल्याण सिंह.

बाबू जी की गोद में खेले
वरिष्ठ पत्रकार विवेक जैन ने बताया कि पिता जी प्रीतम चंद जैन बीडीओ थे. सन 1971 में उनकी पोस्टिंग अतरौली में थी. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह तब विधायक बने थे. इसलिए पिता जी और पूर्व मुख्यमंत्री की दोस्ती हो गई थी. मैं भी वहां पर पढा था. हम खूब पूर्व मुख्यमंत्री की गोद में खेले हैं. वरिष्ठ पत्रकार विवेक जैन ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को लेकर स्मृतियां साझा की. उन्होंने बताया कि वैसे तो कई बार उनकी बाबू जी से मुलाकात आगरा, लखनऊ में हुई. सन 2015 में बेटे की शादी का निमंत्रण बाबू जी को देने जयपुर गया था. तब वो राजस्थान के राज्यपाल थे.

आगरा: पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का आगरा से गहरा लगाव था. तमाम बार आगरा आए और उन्होंने आगरा से अपना लगाव कई बार मंच से भी जाहिर किया. यही वजह थी कि उन्हें तमाम कार्यकर्ताओं के नाम याद थे. कार्यक्रम हो या मंच, कल्याण सिंह करीबी और मेहनती कार्यकर्ताओं को नाम से बुलाते थे. कल्याण सिंह को आगरा में खाने की चीजों के तमाम ठिकाने मालूम थे. बेलनगंज में रामा कचौड़ी वाले की कचौड़ी, बेडई और जलेबी खूब की पंसद थी. जब भी कल्याण जी आगरा आए, उन्होंने जलेबी और बेडई का नाश्ता किया. बेलनगंज में रामबाबू का पराठा उन्हें पसंद था. जब कल्याण सिंह सन 1988 में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में आए थे, तब उन्होंने नारा दिया था कि, 'दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है'. ये नारा खूब हिट हुआ था. ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर दुख जताया.

अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कल्याण सिंह.
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कल्याण सिंह.

ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्मृतियां साझा कीं. उन्होंने बताया कि सन 1988 में वह भाजपा महानगर मंत्री थे. तब बाबू जी (कल्याण सिंह) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. सन 1988 में भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में हुआ था, जिसे बाबू जी ने ही सफल बनाया था. वे यहां पर अधिवेशन की तैयारियों में रहे. कार्यकर्ताओं के साथ काम किया. अधिवेशन में बाबू जी (कल्याण सिंह) ने नारा दिया था कि, 'दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश होकर जाता है'. अधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी समेत सभी बडे़ नेता आए थे.

कल्याण सिंह को माला पहनाता हाथी.
कल्याण सिंह को माला पहनाता हाथी.

जब हाथी ने पहनाई थी माला, सिक्कों से तोला था
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि जब पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तब सन 1987 में आगरा आए थे. आगरा फोर्ट स्टेशन पर उनका हजारों भाजपाइयों ने जोरदार स्वागत किया था. आगरा फोर्ट स्टेशन के बाहर हाथी से उनके गले में माला पहनाई गई थी. उनके स्वागत में आगरा के लोगों ने खूब उत्साह दिखाया था. यही वजह रही कि आगरा के 14 चौराहों पर उनके स्वागत के लिए सिक्कों से तोलने का कार्यक्रम तय हुआ था. उस समय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का वजन 78 किलोग्राम था. उन्हें सिक्कों से तोलने का कार्यक्रम सुबह से शुरू हुआ, जो देर रात 12 बजे तक चला. 11 जगहों पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को आगरा की जनता ने सिक्कों से तोला था.

आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.
आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.

जिताया था नगर निगम का चुनाव
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि सन 1988 में आगरा में नगर निगम का पहला चुनाव हुआ था. उस समय भाजपा ने रमेश कांत लवानिया को मेयर प्रत्याशी घोषित किया था. यह चुनाव भाजपा जीती थी. इस चुनाव को जिताने में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अहम भूमिका रही थी. उनकी रणनीति और राजनीतिक सोच से यह चुनाव ऊंचाइयों तक पहुंचा था. आगरा में सन 1988 में महापालिका के खिलाफ वार्ड स्तर के प्रदर्शन में भी प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हुए थे.

भाजपा कार्यकर्ताओं का अभिवादन करते कल्याण सिंह.
भाजपा कार्यकर्ताओं का अभिवादन करते कल्याण सिंह.

यह दिया था नारा, जो खूब हिट हुआ
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि बाबू जी जब भी आगरा आते थे, वे हर पार्टी के पदाधिकारी और मेहनती कार्यकर्ताओं से फीड बैक लेते थे. बाबू जी का व्यक्तित्व सरल और सहज था. इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि बाबू जी भले ही आगरा बस से आते थे, लेकिन यहां आकर कार्यकर्ताओं के साथ स्कूटर पर भी घूमते थे. इसके साथ ही बाबू जी हर कार्यकर्ता से सीधे जुड़ते थे. उनका नारा था कि, 'गांव-गरीब किसान, झोपड़ियों का इंसान, हर दलित शोषित पीड़ित का हो सम्मान'.

आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.
आगरा में सभा को संबोधित करते कल्याण सिंह.

एसएन मेडिलक कॉलेज और थानों को सुधारा
भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने तो आगरा के लिए उन्होंने कई कार्य किए. इसमें एसएन मेडिकल कॉलेज भी शामिल है. बाबू जी के शासन में ही आगरा के एसएन मेडिलक कॉलेज की स्थिति सुधरी थी. उन्होंने आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया था. उनके शासन काल में आगरा के सभी थानों और पुलिस लाइन के सुधार की योजना बनी थी. इसके साथ ही बाबू जी की आगरा के विकास भवन के निर्माण में अहम भूमिका रही थी.

कल्याण सिंह को सिक्कों से तौलते भाजपा कार्यकर्ता.
कल्याण सिंह को सिक्कों से तौलते भाजपा कार्यकर्ता.

सात्विक भोजन था पसंद
आगरा के पूर्व सांसद दिवंगत भगवान शंकर रावत के पुत्र ब्रजेश रावत का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का उनके घर खूब आना-जाना था. पिता जी सांसद थे. अक्सर बाबू जी लखनऊ से अवध एक्सप्रेस से सुबह 5 बजे आगरा में स्टेशन पर उतरकर सीधे उनके घर आ जाते थे. वे बेहद मिलनसार थे. उन्हें सात्विक भोजन पसंद था.

खुली जीप में रोड शो करते कल्याण सिंह.
खुली जीप में रोड शो करते कल्याण सिंह.

बाबू जी की गोद में खेले
वरिष्ठ पत्रकार विवेक जैन ने बताया कि पिता जी प्रीतम चंद जैन बीडीओ थे. सन 1971 में उनकी पोस्टिंग अतरौली में थी. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह तब विधायक बने थे. इसलिए पिता जी और पूर्व मुख्यमंत्री की दोस्ती हो गई थी. मैं भी वहां पर पढा था. हम खूब पूर्व मुख्यमंत्री की गोद में खेले हैं. वरिष्ठ पत्रकार विवेक जैन ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को लेकर स्मृतियां साझा की. उन्होंने बताया कि वैसे तो कई बार उनकी बाबू जी से मुलाकात आगरा, लखनऊ में हुई. सन 2015 में बेटे की शादी का निमंत्रण बाबू जी को देने जयपुर गया था. तब वो राजस्थान के राज्यपाल थे.

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