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सारस को बचाने लिए बनाए जाएंगे टीले और बोया जाएगा धान, पढ़िए खास खबर

आगरा में सारस को बचाने के लिए टीले बनाए बनाकर धान बोए जाएंगे. इसके लिए खास प्रस्ताव बनाकर भेजे गए हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Jul 3, 2023, 5:26 PM IST

Updated : Jul 3, 2023, 5:33 PM IST

आगरा: यूपी में राज्य पक्षी सारस के संरक्षण को रामसर साइट समान पक्षी विहार में वन विभाग धान उगाएगा. पर्यटन मंत्री के क्षेत्र में आने वाले समान पक्षी विहार को ईको टूरिज्म का बड़ा केंद्र बनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है. चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की डीएफओ ने समान पक्षी विहार को सारस की शरणस्थली के रूप में विकसित करने की विशेष योजना बनाई. इसके तहत सारस के संरक्षण के लिए वन विभाग समान पक्षी विहार में धान की बुआई करेगा. सारस के लिए टीले बनाए जाएंगे. यहां पर सारस संरक्षण के लिए सरकार को 70 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. इसकी स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा.

यह बोलीं डीएफओ आरुषि मिश्रा.
बता दें कि आगरा मंडल के मैनपुरी जिले में समान पक्षी विहार अभयारण्य है जो पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है. सन 1990 में समान पक्षी विहार बना. जिसे सन 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने रामसर साइट का दर्जा दिया. समान पक्षी विहार में हर साल दिसंबर से फरवरी तक देशी और विदेशी पक्षियों का जमघट रहता है. समाज पक्षी विहार में तीन माह से अधिक समय तक हजारों रंग बिरंगे पक्षी नजर आते हैं.
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एक नजर.
समान पक्षी विहार बना रहा शरणस्थली
चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की डीएफओ आरुषि मिश्रा बताती हैं कि समान पक्षी विहार में ग्रीष्मकाल में राज्य पक्षी सारस की संख्या भी सुखद रहती है. पिछले साल ग्रीष्मकालीन गणना में वन विभाग ने 98 सारस रिकार्ड किए थे. इस साल 95 सारस दर्ज हुए हैं. समान पक्षी विहार के अधिग्रहण में किसानों की जमीन ली गई थी. कई किसानों के मुआवजा के मामले विचाराधीन हैं. डीएम के माध्यम से इन मामलों को सुलाझाने में जुटी हूं.


सारस के लिए हेविटाट अनुकूल

चंबल प्रोजेक्ट की डीएफओ आरुषि मिश्रा बताती हैं कि सारस संरक्षण योजना के तहत समान पक्षी विहार का चयन किया है. यहां का हेविटाट खेत खलियान वाला है. यहां पर एक से डेढ़ फुट तक पानी या दलदल जैसा हेविटाट है. जो हेविटाट सारस के अनुकूल है. राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए 70 लाख रुपये का एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है.


प्राकृतिक आवास और भोजन भी मिलेगा

चंबल प्रोजेक्ट की डीएफओ आरुषि मिश्रा बताती हैं कि 70 लाख रुपये के बजट में वन विभाग समान पक्षी विहार से जलकुंभी हटाएगा. वैसे यह सारस का प्राकृतिक हेविटाट नहीं हैं. यहां पर वन विभाग छोटे छोटे टीलों का निर्माण करेगा जिससे सारस के प्राकृतिक आवास बनाए जा सकें. इसके साथ ही उन्हीं टीलों पर धान की बुआई भी की जाएगी. जिससे सारस के भोजन के लिए हेविटाट विकसित हो. जिससे सारस को अपने प्राकृतिक आवास से भोजन के लिए दूर न जाना पड़े.

प्रेम और समर्पण का प्रतीक है पक्षी

पक्षी वैज्ञानिक डॉ. केपी सिंह बताते हैं कि सारस पक्षी अपने जीवनकाल में मात्र एक बार जोड़ा बनाता है. जोड़ा बनाने के बाद सारस युगल जीवनभर साथ रहते हैं. यदि किसी कारण से एक साथी मृत्यु हो जाती है तो दूसरा बहुत सुस्त होकर खाना पीना बंद कर देता है. जिससे उसकी भी मृत्यु हो जाती है. भारत के कुछ भागों में नवविवाहित युगल के लिए सारस युगल का दर्शन करना शुभ मानते हैं.

यूपी की रामसर साइट

बखिरा अभ्यारण्य, हैदरपुर वेटलैंड, नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य, समान पक्षी अभयारण्य, समसपुर पक्षी अभयारण्य, सांडी पक्षी अभयारण्य, सरसई नावर झील, सूर सरोवर पक्षी विहार, ऊपरी गंगा नदी.

यह पक्षी करते हैं कलरव

समान पक्षी विहार में सारस क्रेन, ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, मिस्र के गिद्ध, स्पैरो हॉक, ब्लैक शोल्डर काइट, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, ब्लैक काइट, मैगपाई रॉबिन, रूफस फ्रंटेड प्रिनिया, लिटिल ग्रीन बी.ईटर, टेलर बर्ड, एश प्रिनिया, इंडियन ग्रे हॉर्नबिल, लाइनेटेड बारबेट, पीले पैरों वाला हरा कबूतर और एशियाई ओपनबिल देखने के लिए मिलते हैं.

आगरा: यूपी में राज्य पक्षी सारस के संरक्षण को रामसर साइट समान पक्षी विहार में वन विभाग धान उगाएगा. पर्यटन मंत्री के क्षेत्र में आने वाले समान पक्षी विहार को ईको टूरिज्म का बड़ा केंद्र बनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है. चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की डीएफओ ने समान पक्षी विहार को सारस की शरणस्थली के रूप में विकसित करने की विशेष योजना बनाई. इसके तहत सारस के संरक्षण के लिए वन विभाग समान पक्षी विहार में धान की बुआई करेगा. सारस के लिए टीले बनाए जाएंगे. यहां पर सारस संरक्षण के लिए सरकार को 70 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. इसकी स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा.

यह बोलीं डीएफओ आरुषि मिश्रा.
बता दें कि आगरा मंडल के मैनपुरी जिले में समान पक्षी विहार अभयारण्य है जो पांच वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है. सन 1990 में समान पक्षी विहार बना. जिसे सन 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने रामसर साइट का दर्जा दिया. समान पक्षी विहार में हर साल दिसंबर से फरवरी तक देशी और विदेशी पक्षियों का जमघट रहता है. समाज पक्षी विहार में तीन माह से अधिक समय तक हजारों रंग बिरंगे पक्षी नजर आते हैं.
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एक नजर.
समान पक्षी विहार बना रहा शरणस्थली
चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की डीएफओ आरुषि मिश्रा बताती हैं कि समान पक्षी विहार में ग्रीष्मकाल में राज्य पक्षी सारस की संख्या भी सुखद रहती है. पिछले साल ग्रीष्मकालीन गणना में वन विभाग ने 98 सारस रिकार्ड किए थे. इस साल 95 सारस दर्ज हुए हैं. समान पक्षी विहार के अधिग्रहण में किसानों की जमीन ली गई थी. कई किसानों के मुआवजा के मामले विचाराधीन हैं. डीएम के माध्यम से इन मामलों को सुलाझाने में जुटी हूं.


सारस के लिए हेविटाट अनुकूल

चंबल प्रोजेक्ट की डीएफओ आरुषि मिश्रा बताती हैं कि सारस संरक्षण योजना के तहत समान पक्षी विहार का चयन किया है. यहां का हेविटाट खेत खलियान वाला है. यहां पर एक से डेढ़ फुट तक पानी या दलदल जैसा हेविटाट है. जो हेविटाट सारस के अनुकूल है. राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए 70 लाख रुपये का एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है.


प्राकृतिक आवास और भोजन भी मिलेगा

चंबल प्रोजेक्ट की डीएफओ आरुषि मिश्रा बताती हैं कि 70 लाख रुपये के बजट में वन विभाग समान पक्षी विहार से जलकुंभी हटाएगा. वैसे यह सारस का प्राकृतिक हेविटाट नहीं हैं. यहां पर वन विभाग छोटे छोटे टीलों का निर्माण करेगा जिससे सारस के प्राकृतिक आवास बनाए जा सकें. इसके साथ ही उन्हीं टीलों पर धान की बुआई भी की जाएगी. जिससे सारस के भोजन के लिए हेविटाट विकसित हो. जिससे सारस को अपने प्राकृतिक आवास से भोजन के लिए दूर न जाना पड़े.

प्रेम और समर्पण का प्रतीक है पक्षी

पक्षी वैज्ञानिक डॉ. केपी सिंह बताते हैं कि सारस पक्षी अपने जीवनकाल में मात्र एक बार जोड़ा बनाता है. जोड़ा बनाने के बाद सारस युगल जीवनभर साथ रहते हैं. यदि किसी कारण से एक साथी मृत्यु हो जाती है तो दूसरा बहुत सुस्त होकर खाना पीना बंद कर देता है. जिससे उसकी भी मृत्यु हो जाती है. भारत के कुछ भागों में नवविवाहित युगल के लिए सारस युगल का दर्शन करना शुभ मानते हैं.

यूपी की रामसर साइट

बखिरा अभ्यारण्य, हैदरपुर वेटलैंड, नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य, समान पक्षी अभयारण्य, समसपुर पक्षी अभयारण्य, सांडी पक्षी अभयारण्य, सरसई नावर झील, सूर सरोवर पक्षी विहार, ऊपरी गंगा नदी.

यह पक्षी करते हैं कलरव

समान पक्षी विहार में सारस क्रेन, ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, मिस्र के गिद्ध, स्पैरो हॉक, ब्लैक शोल्डर काइट, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, ब्लैक काइट, मैगपाई रॉबिन, रूफस फ्रंटेड प्रिनिया, लिटिल ग्रीन बी.ईटर, टेलर बर्ड, एश प्रिनिया, इंडियन ग्रे हॉर्नबिल, लाइनेटेड बारबेट, पीले पैरों वाला हरा कबूतर और एशियाई ओपनबिल देखने के लिए मिलते हैं.
Last Updated : Jul 3, 2023, 5:33 PM IST
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