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वन विभाग ने चंबल में जलीय जीवों की कराई गणना

आगरा जनपद के बाह तहसील के चंबल नदी रेंज में वन विभाग की 4 टीमों ने जलीय जीवों की गणना की. इस दौरान घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और अन्य जलीय जीव दिखाई दिए. वहीं जलीय जीवों के दिखने से वन विभाग के कर्मी उत्साहित दिखे.

चंबल नदी रेंज
चंबल नदी रेंज
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Published : Dec 7, 2020, 8:38 AM IST

आगरा: जिले के पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में घड़ियाल और मगरमच्छों का संरक्षण वाइल्ड लाइफ वन विभाग द्वारा किया जा रहा है. वन विभाग की 4 टीमों द्वारा बाह चंबल रेंज में मोटर बोट द्वारा गणना की गई. इसमें मगरमच्छ, घड़ियाल, डॉल्फिन सहित अन्य जलीय जीव दिखने से वन विभाग कर्मी उत्साहित दिखे.

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नदी किनारे दिखे घड़ियाल.

दरअसल, बाह चंबल रेंज में वन विभाग की चार टीमें बीते 2 दिनों से जलीय जीवों की गणना कर रही हैं. बाह चंबल रेंज में घड़ियाल, मगरमच्छ एवं डॉल्फिन दिखने से वन विभाग के कर्मी उत्साहित हैं. हर साल की तरह इस वर्ष भी चंबल नदी में वन विभाग की टीमों द्वारा जलीय जीवों की गणना का कार्यक्रम मोटर बोट द्वारा किया गया.

बाह चंबल रेंज के रेंजर आरके सिंह राठौर ने बताया कि बाह चंबल रेंज में सर्वाधिक 500 घड़ियाल, 276 मगरमच्छ, 24 डॉल्फिन दिखीं. साथ ही कोई जलीय जीव बीमार नहीं पाया गया. वन विभाग की टीमों ने खुशी जाहिर करते हुए वन विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया. हर वर्ष घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. यह वन विभाग के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि है.

घड़ियालों की हुई थी मौत

चंबल नदी 1979 में अस्तित्व में आई. चंबल सेंचुरी क्षेत्र में वर्ष 2008 में लगभग 100 से ज्यादा घड़ियालों की मौत हुई थी. इतने सारे घड़ियालों की मौत का रहस्य जानने के लिए विदेशी विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ी. तब से अब तक हर वर्ष सर्दियों के मौसम में वन विभाग द्वारा बाह चंबल रेंज में जलीय जीवों की गणना कराई जाती है. 4 टीमों के माध्यम से मोटर बोट द्वारा नदी क्षेत्र में गणना कराई गई.

क्रीड़ा करते नजर आए जीव

बाह चंबल रेंज में वन विभाग की टीमों ने जलीय जीवों की गणना की. गणना के दौरान वन विभाग की टीमों को चंबल नदी के टापुओं पर नदी किनारे मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुआ, डॉल्फिन आदि जीव जल क्रीड़ा करते हुए नजर आए. वहीं जलीय जीव धूप सेंक रहे थे. पंछी तरह-तरह की उड़ान भरते हुए नजर आए.

आगरा: जिले के पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में घड़ियाल और मगरमच्छों का संरक्षण वाइल्ड लाइफ वन विभाग द्वारा किया जा रहा है. वन विभाग की 4 टीमों द्वारा बाह चंबल रेंज में मोटर बोट द्वारा गणना की गई. इसमें मगरमच्छ, घड़ियाल, डॉल्फिन सहित अन्य जलीय जीव दिखने से वन विभाग कर्मी उत्साहित दिखे.

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नदी किनारे दिखे घड़ियाल.

दरअसल, बाह चंबल रेंज में वन विभाग की चार टीमें बीते 2 दिनों से जलीय जीवों की गणना कर रही हैं. बाह चंबल रेंज में घड़ियाल, मगरमच्छ एवं डॉल्फिन दिखने से वन विभाग के कर्मी उत्साहित हैं. हर साल की तरह इस वर्ष भी चंबल नदी में वन विभाग की टीमों द्वारा जलीय जीवों की गणना का कार्यक्रम मोटर बोट द्वारा किया गया.

बाह चंबल रेंज के रेंजर आरके सिंह राठौर ने बताया कि बाह चंबल रेंज में सर्वाधिक 500 घड़ियाल, 276 मगरमच्छ, 24 डॉल्फिन दिखीं. साथ ही कोई जलीय जीव बीमार नहीं पाया गया. वन विभाग की टीमों ने खुशी जाहिर करते हुए वन विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया. हर वर्ष घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. यह वन विभाग के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि है.

घड़ियालों की हुई थी मौत

चंबल नदी 1979 में अस्तित्व में आई. चंबल सेंचुरी क्षेत्र में वर्ष 2008 में लगभग 100 से ज्यादा घड़ियालों की मौत हुई थी. इतने सारे घड़ियालों की मौत का रहस्य जानने के लिए विदेशी विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ी. तब से अब तक हर वर्ष सर्दियों के मौसम में वन विभाग द्वारा बाह चंबल रेंज में जलीय जीवों की गणना कराई जाती है. 4 टीमों के माध्यम से मोटर बोट द्वारा नदी क्षेत्र में गणना कराई गई.

क्रीड़ा करते नजर आए जीव

बाह चंबल रेंज में वन विभाग की टीमों ने जलीय जीवों की गणना की. गणना के दौरान वन विभाग की टीमों को चंबल नदी के टापुओं पर नदी किनारे मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुआ, डॉल्फिन आदि जीव जल क्रीड़ा करते हुए नजर आए. वहीं जलीय जीव धूप सेंक रहे थे. पंछी तरह-तरह की उड़ान भरते हुए नजर आए.

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