आगरा: ताजमहल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है. वीडियो एक विदेशी पर्यटक ने शूट करके ट्वीट किया है. इसमें विदेशी पर्यटक ने लिखा है कि ताजमहल घूमने आने पर दिव्यांग पत्नी को गोद में लेकर 22 सीढ़ियां चढ़नी और उतरनी पड़ीं. मोहब्बत की निशानी देखने आने वाले दिव्यांग पर्यटक व्हीलचेयर के लिए मोहताज हैं. जबकि, दुनिया के टॉप मॉन्युमेंस्ट्स में से एक ताजमहल है. फिर भी ताजमहल पर व्हीलचेयर और रैंप क्यों नहीं है. ऐसे ही तमाम सवाल विदेशी पर्यटक ने उठाए हैं.
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Why does one of the top monuments in the world @TajMahal not have wheelchair accessibility? My brother-in-law HAD TO CARRY my handicapped sister-in-law UP AND DOWN 22 STAIRS. Not only is this undignified, it is also downright DANGEROUS. @UNESCO @IndiaatUNESCO it's 2023!!! pic.twitter.com/kWrcDcRk5C
— Adam Walker 🇺🇦 (@walkadm) January 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Adam Walker 🇺🇦 (@walkadm) January 6, 2023
बता दें कि अमेरिका की न्यूयॉर्क सिटी के एडम वॉकर ने फोटो और वीडियो ट्वीट किए हैं. एक डाटा कंपनी में इंजीनियर एडम वॉकर ने छह जनवरी 2023 को ट्वीट किया है. एडम वॉकर की पत्नी केरल की हैं. एडम वॉकर अपनी पत्नी, साले और सलहज के साथ ताजमहल घूमने आए थे. उनकी सलहज दिव्यांग हैं. वीवीआईपी गेट से ताजमहल परिसर के लिए व्हीलचेयर मिल गई. जब ताजमहल मुख्य मकबरे जाने लगे तो वहां पर रैंप नहीं था. मुख्य गुंबद पर जाने के लिए सीढ़ियां हैं. दिव्यांग पर्यटकों के लिए रैंप की व्यवस्था नहीं है.
एडम वॉकर ने किए गए टवीट में कहा है कि दुनिया के टॉप मान्यूमेंट में से एक ताजमहल के मुख्य मकबरे पर पर दिव्यांग के लिए व्हीलचेयर ले जाने की व्यवस्था नहीं है. रैंप भी नहीं है. इसलिए, मेरे साले को अपनी दिव्यांग पत्नी को गोद में लेकर 22 सीढ़ियां चढ़नी और उतरनी पड़ी. विदेशी पर्यटक एडम वॉकर ने इसके फोटो और वीडियो भी शेयर किया है.
खूब ट्रेंड हो रहा वीडियो
एडम वॉकर ने वीडियो भी ट्वीट के साथ अपलोड किया है. इसे करीब 20 हजार लोग देख चुके हैं. इस पर कमेंट भी कर रहे हैं. इसके साथ ही एडम वॉकर के ट्वीट को खूब रीट्वीट भी किया जा रहा है. लोग तरह-तरह के सवाल भी उठा रहे हैं.
स्मारक में मूल निर्माण से छेड़छाड़ नहीं
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल में चमेली फर्श तक व्हीलचेयर के लिए रैंप है. ताजमहल समेत किसी भी स्मारक में मॉर्डन निर्माण और मूल इमारत से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. इसलिए, मुख्य गुंबद पर जाने के लिए रैंप नहीं है. सीढियां चढ़कर ही ऊपर आने जाने की व्यवस्था है.
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