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अब आगरा में यमुना ने बजाई खतरे की घंटी, 500 फीट पहुंचेगा जलस्तर!

राजधानी दिल्ली के बाद अब आगरा में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते प्रशासन ने जिले में हाई अलर्ट जारी किया है. ताजनगरी के लिए अगले तीन दिन काफी महत्वपूर्ण है.

आगरा में बाढ़
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Published : Jul 15, 2023, 1:40 PM IST

आगरा में बाढ़ को लेकर अधिकारियों ने की मुनादी.

आगराः देश की राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है. इसके चलते अब दिल्ली से और गोकुल बैराज से पानी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. शनिवार से अगले 3 दिन आगरा पर भारी पड़ने वाले हैं. यहां भी यमुना नदी के चेतावनी स्तर को पार करने की संभावना है. इससे शहरी क्षेत्र के कैलाश, पोइया घाट, बल्केश्वर, अमर विहार, नगला बूढ़ी समेत देहात के 40 गांव में पानी घुसने का अनुमान है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो आगरा में यमुना का जलस्तर 17 जुलाई तक निरंतर बढ़ेगा. जो 500 फीट तक पहुंचने की संभावना है. इसके बाद यमुना का जलस्तर नीचे गिरने लगेगा.

गौरतलब है कि पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद यमुना और हरियाणा से हथनीकुंड से बैराज से छोड़े गए पाने के चलते यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. हथनीकुंड बैराज से करीब 3.9 लाख क्यूसेक पानी छोड़े गए, इससे दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे दिल्ली में बाढ़ आ गई है. अब ऐसे ही यमुना का रौद्र रूप मथुरा और आगरा में भी देखने को मिल रहा है. ओखला बैराज से 3,65,487 क्यूसेक पानी नदी में छूटने से अब गोकुल बैराज ने भी तेजी के साथ नदी में पानी छोड़ना शुरू कर दिया है.

गोकुल बैराज से शुक्रवार शाम छह बजे तक यमुना में 77105 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसकी वजह से आगरा में यमुना का जलस्तर वॉटर मार्क्स पर 493.30 फीट पहुंच गया. शनिवार दोपहर तक आगरा में यमुना का जलस्तर लो फ्लर्ड लेवल पार करने की संभावना है. इससे सदर तहसील के तनौरा नूरपुर, कैलाश, स्वामीबाग के साथ ही फतेहाबाद तहसील के गांव भरापुर, बमरौली, मेवलीकलां, गुडा, मेवली खुर्द, हिमायूंपुर में पानी पहुंचने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

गांव-गांव कराई जा रही मुनादीः आगरा में सदर, फतेहाबाद और बाह तहसील में एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल लगातार यमुना नदी तलहटी में बसें गांवों में मुनादी कर रहे हैं. इसमें लोगों को नदी में न जाने और पशुओं के चारे की व्यवस्था करने को कहा जा रहा है. इसके साथ ही लोगों से ये भी अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.

499 फीट जलस्तर पर एसटीपी प्रभावितः यमुना के रौद्र रूप को लेकर नगर निगम के कर्मचारी कैलाश मंदिर से लेकर ताजमहल और आसपास के क्षेत्रों में नजर बनाए हुए हैं. यमुना के बढ़ते जलस्तर से पानी बढ़ने पर सीवर की व्यवस्था भी ठप हो जाएगी. लो फ्लड लेवल पर आने के बाद ही यमुना के किनारे बने सीवेज पंपिंग स्टेशन बंद हो जाएंगे. मीडियम फ्लड लेवल यानी 499 फीट है, जिस पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रभावित होंगे.

बल्केश्वर घाट की सीढ़ियां डूबीः यमुना जलस्तर बढ़ने से बल्केश्वर मंदिर के पार्वती घाट पर सीढ़ियां डूब गयी है. पानी की वजह से कैला मैया मंदिर पर ताला लगा दिया गया है. वहां पर सिंचाई विभाग की टीम तैनात है. 499 फीट पर बेरिकेडिंग की गई है. इसके साथ ही यहां नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि 3 दिनों तक मंदिर में किसी भी तरह का आयोजन नहीं होगा. जिले में 16 जुलाई तक हाई अलर्ट है. बल्केश्वर में परिक्रमार्थियों के लिए भी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.

225 कर्मचारी शहर और देहात में तैनातः डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि यमुना में बाढ़ की स्थिति को देखकर चाकचौबंद व्यवस्था की हैं. जिले में 12 नाविक, 12 गोताखोर समेत 47 बाढ़ चौकियां बनाई हैं. इसके साथ ही 50 मेडिकल टीम गठित की गई हैं, जो प्रभावित इलाकों में तत्काल मेडिकल की सुविधा मुहैया कराएंगीं. जिले की बात करें तो 225 कर्मचारी शहर और देहात में बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात रहेंगे. इसके साथ ही सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर भी अलग से तैनात किए गए हैं. एसडीएम बाह कृष्णनंद तिवारी ने बताया कि 5 बाढ़ चौकी रामपुर चन्द्रसेनी, बटेश्वर, बिक्रमपुर, पारना और कचौराघाट पर संसाधन जुटाए जा रहे हैं.

इन गांवों के लोगों में बेचैनीः आगरा में 17 जुलाई तक यमुना नदी का जलस्तर 495 फीट से 500 फीट के बीच रहेगा. इससे यमुना किनारे या तलहटी में बसे 40 गांव में बाढ़ का खतरा है.

  • सदर तहसील: बुर्ज, नगला छीतर सिंह, मेहरा नाहरगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगला पैमा.
  • फतेहाबाद तहसील: शाहिदपुर, वरीपुरा, बेहड़ी, पारौली, सिकरवार, बिचौला, गिदरौन.
  • एत्मादुपर तहसील: नगला धीमर, बढ़पुरा, रहनकला, नगला कटा तक यमुना का पानी पहुंच सकता है.
  • बाह तहसील: रामपुर चन्द्रसैनी, गगनकी, कांकर, बुढैरा, बटेश्वर, भरतार, कोट का पुरा, बड़ापुरा, भौंर, स्याइच, विक्रमपुर कछार, सुंसार, चौरंगा बीहड़, फकीरे की मढैयां, नगला सुरई, खिलावली, पुराबीरबल, गगनकी, रामपुर चन्द्रसेनी, बड़ापुरा, चरीथा, गढ़ी बरौली, गुढियाना में यमुना का पानी पहुंच जाएगा.

व्यापारी खाली कर रहे गोदामः यमुना के जलस्तर बढ़ने से व्यापारियों में चिंता बढ़ी है. पुलिस और प्रशासन की आगरा व्यापार मंडल के साथ हुई बैठक के बाद व्यापारियों ने सुरक्षित स्थान पर सामान शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. क्योंकि, साल 1978 की बाढ़ में मोतीगंज भी डूब गया था.

नालों का रुकने लगा है प्रवाहः यमुना का जल स्तर बढ़ने के शहर में जलभराव की आशंका बढ़ती जा रही है. शहर के प्रमुख नालों का प्रवाह थमने लगा है. नाले बैक मारने लगे है. यमुना के लो फ्लड लेवल 495 फीट पहुंचने से पहले ही भैरों नाला, मंटोला नाला और बिजलीघर नाला का प्रवाह थमने लगा है. नालों का पानी आगे नहीं जा रहा है. इससे नाले बैक मारने लगे हैं.

शुक्रवार रात दस बजे तक का जलस्तर.

यमुना नदी

  • जलस्तर: 493.5 फीट.
  • लो फ्लड लेबल: 499 फीट.
  • हाई फ्लड लेबल: 508 फीट.


चंबल नदी

  • जल स्तर: 114.10 मीटर.
  • लो फ्लड लेबल: 130 मीटर.
  • हाई फ्लड लेबल: 137.60 मीटर.

ये भी पढ़ेंः यूपी में बाढ़, 17 जुलाई तक जनता एक्सप्रेस समेत ये ट्रेनें निरस्त रहेंगी

आगरा में बाढ़ को लेकर अधिकारियों ने की मुनादी.

आगराः देश की राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है. इसके चलते अब दिल्ली से और गोकुल बैराज से पानी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. शनिवार से अगले 3 दिन आगरा पर भारी पड़ने वाले हैं. यहां भी यमुना नदी के चेतावनी स्तर को पार करने की संभावना है. इससे शहरी क्षेत्र के कैलाश, पोइया घाट, बल्केश्वर, अमर विहार, नगला बूढ़ी समेत देहात के 40 गांव में पानी घुसने का अनुमान है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो आगरा में यमुना का जलस्तर 17 जुलाई तक निरंतर बढ़ेगा. जो 500 फीट तक पहुंचने की संभावना है. इसके बाद यमुना का जलस्तर नीचे गिरने लगेगा.

गौरतलब है कि पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद यमुना और हरियाणा से हथनीकुंड से बैराज से छोड़े गए पाने के चलते यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. हथनीकुंड बैराज से करीब 3.9 लाख क्यूसेक पानी छोड़े गए, इससे दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे दिल्ली में बाढ़ आ गई है. अब ऐसे ही यमुना का रौद्र रूप मथुरा और आगरा में भी देखने को मिल रहा है. ओखला बैराज से 3,65,487 क्यूसेक पानी नदी में छूटने से अब गोकुल बैराज ने भी तेजी के साथ नदी में पानी छोड़ना शुरू कर दिया है.

गोकुल बैराज से शुक्रवार शाम छह बजे तक यमुना में 77105 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसकी वजह से आगरा में यमुना का जलस्तर वॉटर मार्क्स पर 493.30 फीट पहुंच गया. शनिवार दोपहर तक आगरा में यमुना का जलस्तर लो फ्लर्ड लेवल पार करने की संभावना है. इससे सदर तहसील के तनौरा नूरपुर, कैलाश, स्वामीबाग के साथ ही फतेहाबाद तहसील के गांव भरापुर, बमरौली, मेवलीकलां, गुडा, मेवली खुर्द, हिमायूंपुर में पानी पहुंचने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

गांव-गांव कराई जा रही मुनादीः आगरा में सदर, फतेहाबाद और बाह तहसील में एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल लगातार यमुना नदी तलहटी में बसें गांवों में मुनादी कर रहे हैं. इसमें लोगों को नदी में न जाने और पशुओं के चारे की व्यवस्था करने को कहा जा रहा है. इसके साथ ही लोगों से ये भी अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.

499 फीट जलस्तर पर एसटीपी प्रभावितः यमुना के रौद्र रूप को लेकर नगर निगम के कर्मचारी कैलाश मंदिर से लेकर ताजमहल और आसपास के क्षेत्रों में नजर बनाए हुए हैं. यमुना के बढ़ते जलस्तर से पानी बढ़ने पर सीवर की व्यवस्था भी ठप हो जाएगी. लो फ्लड लेवल पर आने के बाद ही यमुना के किनारे बने सीवेज पंपिंग स्टेशन बंद हो जाएंगे. मीडियम फ्लड लेवल यानी 499 फीट है, जिस पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रभावित होंगे.

बल्केश्वर घाट की सीढ़ियां डूबीः यमुना जलस्तर बढ़ने से बल्केश्वर मंदिर के पार्वती घाट पर सीढ़ियां डूब गयी है. पानी की वजह से कैला मैया मंदिर पर ताला लगा दिया गया है. वहां पर सिंचाई विभाग की टीम तैनात है. 499 फीट पर बेरिकेडिंग की गई है. इसके साथ ही यहां नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि 3 दिनों तक मंदिर में किसी भी तरह का आयोजन नहीं होगा. जिले में 16 जुलाई तक हाई अलर्ट है. बल्केश्वर में परिक्रमार्थियों के लिए भी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.

225 कर्मचारी शहर और देहात में तैनातः डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि यमुना में बाढ़ की स्थिति को देखकर चाकचौबंद व्यवस्था की हैं. जिले में 12 नाविक, 12 गोताखोर समेत 47 बाढ़ चौकियां बनाई हैं. इसके साथ ही 50 मेडिकल टीम गठित की गई हैं, जो प्रभावित इलाकों में तत्काल मेडिकल की सुविधा मुहैया कराएंगीं. जिले की बात करें तो 225 कर्मचारी शहर और देहात में बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात रहेंगे. इसके साथ ही सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर भी अलग से तैनात किए गए हैं. एसडीएम बाह कृष्णनंद तिवारी ने बताया कि 5 बाढ़ चौकी रामपुर चन्द्रसेनी, बटेश्वर, बिक्रमपुर, पारना और कचौराघाट पर संसाधन जुटाए जा रहे हैं.

इन गांवों के लोगों में बेचैनीः आगरा में 17 जुलाई तक यमुना नदी का जलस्तर 495 फीट से 500 फीट के बीच रहेगा. इससे यमुना किनारे या तलहटी में बसे 40 गांव में बाढ़ का खतरा है.

  • सदर तहसील: बुर्ज, नगला छीतर सिंह, मेहरा नाहरगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगला पैमा.
  • फतेहाबाद तहसील: शाहिदपुर, वरीपुरा, बेहड़ी, पारौली, सिकरवार, बिचौला, गिदरौन.
  • एत्मादुपर तहसील: नगला धीमर, बढ़पुरा, रहनकला, नगला कटा तक यमुना का पानी पहुंच सकता है.
  • बाह तहसील: रामपुर चन्द्रसैनी, गगनकी, कांकर, बुढैरा, बटेश्वर, भरतार, कोट का पुरा, बड़ापुरा, भौंर, स्याइच, विक्रमपुर कछार, सुंसार, चौरंगा बीहड़, फकीरे की मढैयां, नगला सुरई, खिलावली, पुराबीरबल, गगनकी, रामपुर चन्द्रसेनी, बड़ापुरा, चरीथा, गढ़ी बरौली, गुढियाना में यमुना का पानी पहुंच जाएगा.

व्यापारी खाली कर रहे गोदामः यमुना के जलस्तर बढ़ने से व्यापारियों में चिंता बढ़ी है. पुलिस और प्रशासन की आगरा व्यापार मंडल के साथ हुई बैठक के बाद व्यापारियों ने सुरक्षित स्थान पर सामान शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. क्योंकि, साल 1978 की बाढ़ में मोतीगंज भी डूब गया था.

नालों का रुकने लगा है प्रवाहः यमुना का जल स्तर बढ़ने के शहर में जलभराव की आशंका बढ़ती जा रही है. शहर के प्रमुख नालों का प्रवाह थमने लगा है. नाले बैक मारने लगे है. यमुना के लो फ्लड लेवल 495 फीट पहुंचने से पहले ही भैरों नाला, मंटोला नाला और बिजलीघर नाला का प्रवाह थमने लगा है. नालों का पानी आगे नहीं जा रहा है. इससे नाले बैक मारने लगे हैं.

शुक्रवार रात दस बजे तक का जलस्तर.

यमुना नदी

  • जलस्तर: 493.5 फीट.
  • लो फ्लड लेबल: 499 फीट.
  • हाई फ्लड लेबल: 508 फीट.


चंबल नदी

  • जल स्तर: 114.10 मीटर.
  • लो फ्लड लेबल: 130 मीटर.
  • हाई फ्लड लेबल: 137.60 मीटर.

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