आगरा: सीएम योगी के अभियान 'मिशन एडमिशन' की मॉनिटरिंग आगरा में नहीं हो रही है. जिले के 16 में से 9 ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) नहीं हैं. दूसरे जिलों से ट्रांसफर और रिलीव होने के बाद भी आगरा में बीईओ ज्वाइनिंग नहीं ले रहे हैं. ईटीवी भारत ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेश चंद से एक्सक्लुसिव बातचीत की. इसमें एडी बेसिक महेश चंद का कहना है कि शिक्षक संगठनों की वजह से आगरा की शिक्षा विभाग में स्थिति खराब है. विजिलेंस की भी शिक्षा विभाग में तमाम कार्रवाई हुई़ हैं. यही वजह है कि जिलों से रिलीव होने के बाद भी बीईओ आगरा में ज्वाइनिंग नहीं ले रहे हैं.
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेश चंद ने बताया कि आगरा में 15 ब्लॉक और एक नगर परिषद क्षेत्र है. जिले में 16 खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की तैनाती आगरा जिले में होती है. अभी सात खंड शिक्षा अधिकारी कार्यरत हैं. नौ खंड शिक्षा अधिकारियों का पिछले महीनों में आगरा से तबादला कर दिया गया है. जिले में अब नौ खंड शिक्षा अधिकारी के पद खाली हैं. वहीं, कई जिलों से आगरा के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों का स्थानांतरण हुआ था. उन सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने खंड शिक्षा अधिकारियों को रिलीव भी कर दिया. लेकिन, लगातार प्रयास करने के बाद भी यहां स्थानांतरित किए खंड शिक्षा अधिकारी ज्वाइन नहीं कर रहे हैं.
शिक्षा विभाग में आगरा की छवि खराब: मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) महेश चंद ने बताया कि आगरा में इस तरह से शिक्षा विभाग में विजिलेंस की कार्रवाई हुई है. यह भी खंड शिक्षा अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद भी ज्वाइन होने में देरी की अहम वजह है. शिक्षा विभाग में आगरा की स्थिति को लेकर एंटी मैसेज है. इससे खंड शिक्षा अधिकारियों में डर रहता है. इस वजह से खंड शिक्षा अधिकारी आगरा में कार्यभार ग्रहण करने को लेकर नहीं आना चाहते हैं.
विभाग की मॉनिटरिंग और अभियानों पर असर: खंड शिक्षा अधिकारियों के आगरा में कार्यभार ग्रहण न करने की वजह से शिक्षा विभाग की मॉनिटरिंग पर भी असर पड़ रहा है. क्योंकि, ब्लॉक स्तर पर मॉनिटरिंग का काम खंड शिक्षा अधिकारी का होता है. सरकार की ओर से शिक्षा विभाग में अभियान चलाए जा रहे हैं. उनकी भी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. इनमें से बच्चों के नामांकन का अभियान भी शामिल है. इससे सरकार की योजनाएं बाधित हो रही हैं.
विजिलेंस का शिक्षा विभाग पर ऐसे चला चाबुक: 2014 में वित्त एवं लेखा अधिकारी राकेश चंद्र मौर्य की गिरफ्तारी हुई. 2015 में निदेशक पेंशन आरएस प्रजापति की गिरफ्तारी हुई. 2016 में फतेहाबाद के एबीआरसी उत्तम सिंह और भूप सिंह मौर्य की गिरफ्तारी हुई. 2017 में शमशाबाद की खंड शिक्षा अधिकारी पूनम यादव की गिरफ्तारी. 2017 में वित्त एवं लेखाधिकारी कन्हैया लाल सारस्वत की गिरफ्तारी. 2018 में शमशाबाद ब्लाक में शिक्षक सोबरन सिंह की गिरफ्तारी हुई. 2019 में शमशाबाद ब्लॉक में वेद प्रकाश की गिरफ्तारी हुई. 2019 में अछनेरा से लिपिक प्रबल दुबे की गिरफ्तारी. 2019 में एबीआरसी बरौली अहीर हरिओम दुबे की गिरफ्तारी हुई. 2020 में कनिष्ठ सहायक लिपिक राहुल गुप्ता की गिरफ्तारी हुई थी. 2021 में एआरपी बरौली अहीर जितेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी की गई. 2021 में शमशाबाद खंड शिक्षा अधिकारी बृजराज सिंह की गिरफ्तारी और 2022 में प्रधानाध्यापक भैरव नाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए थे.
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