आगरा: किसानों के समर्थन में विधानसभा एत्मादपुर के पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को पांच पूर्व विधायक डीवीवीएनएल कार्यालय प्रांगण में शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. इसके लिए सोमवार को विधायक धर्मपाल सिंह ने किसानों से सोशल मीडिया के माध्यम से ही समर्थन करने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि किसानों को बिजली नहीं मिलती है, इससे किसान काफी परेशान हैं. फसलें सूख रही हैं.
बता दें कि, एत्मादपुर के पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह, पूर्व विधायक ठाकुर सूरज पाल सिंह, पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाह, पूर्व एमएलसी डॉ. स्वदेश कुमार सुमन, उर्फ वीरू सुमन, पूर्व विधायक कालीचरन सुमन मंगलवार 11 बजे दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंधन कार्यालय पर पहुंचे और और शांतिपूर्ण तरीके धरने पर बैठ गए. ये पूर्व विधायक खेती के उपयोग में आने वाले नलकूपों के लिए बिजली सप्लाई की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं.
सोशल मीडिया के माध्यम से पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह ने सोमवार को क्षेत्रीय जनता से अनुरोध किया था कि कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए कोई भी किसान धरनास्थल पर न आए. किसान भाई सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े रहें. पांचों पूर्व विधायकों के धरने को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भारी फोर्स मौके पर बुला लिया था.
चार प्रमुख मांगों के साथ पूर्व विधायक दे रहे धरना
1. आगरा जनपद के समस्त किसानों को नलकूपों से सिंचाई के लिए 20 घंटे और घरेलू विद्युत संयोजनों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति दी जाए.
2. विद्युत विभाग द्वारा नलकूप विद्युत कनेक्शन काट कर जो उत्पीड़न किया जा रहा है, उसे तुरंत रोका जाए.
3. आगरा की समस्त नहरों, रजवाहों एवं माइनर में भरपूर मात्रा में पानी छोड़ा जाए.
4. आगरा जनपद में जो पेयजल योजना पूर्ण हो चुकी हैं, उनको विद्युत कनेक्शन देकर तत्काल चालू किया जाए.
हालांकि सभी पूर्व विधायक अभी किसी भी पार्टी से संबंध नहीं रखते, इसलिए ये धरना उनका किसानों के हक में एक व्यक्तिगत धरना है. इसके बावजूद भी कुछ समर्थक भी मौके पर मौजूद रहे. पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह का कहना था कि आगरा जिला टीटीजेड में आता है, जहां किसानों को भरपूर बिजली दी जानी चाहिए और नहरों में भी पानी छोड़ देना चाहिए, लेकिन सरकार किसानों को सिर्फ दबाने का काम कर रही है.
पूर्व विधायक भगवान सिंह ने कहा कि कोरोना की वजह से किसानों की भी कमर टूट गयी है, जिसके बावजूद बिजली के बिल में उसको कोई भी रियायत नहीं दी जा रही है. जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी, हम यहां से नहीं हटेंगे.