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पति की शहादत के बाद भी बरकरार रखा जज्बा, अग्निवीरों की भर्ती का जिम्मा संभाल रहीं कर्नल रिश्मा सरीन

आगरा में सेना भर्ती कार्यालय की महिला निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन (Colonel Rishma Sarin) साहस, देशभक्ति, जज्बे और अपनी लगन के लिए जानी जाती हैं. उनके पति मेजर मोहित शर्मा ने देश के लड़ते हुए शहादत पाई थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 12, 2023, 5:11 PM IST

आगरा में सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन.

आगरा : आगरा में इन दिनों भारतीय सेना की अग्निवीर भर्ती चल रही है. जिम्मेदारी आगरा सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन के कंधों पर है. ईटीवी भारत से कर्नल रिश्मा सरीन ने खास बातचीत की. जिसमें कर्नल रिश्मा सरीन ने कहा कि बेटियों के लिए सेना में तमाम मौके हैं. वे मेहनत करें. थल, जल और वायुसेना में शामिल होकर देश सेवा करें.

ऑपरेशन रक्षक में पति ने पाई थी शहादत

कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि मैं परिवार की सैकंड जनरेशन हूं, जो देश सेवा कर रही है. मेरे पिता सेना से रिटायर हैं. भाई भी सेना में हैं. मेरे डीएनए में सेना है. कहा कि मेरे पति मोहित कुमार सेना में मेजर थे. ऑपरेशन रक्षक में मार्च 2009 में वे शहीद हो गए. उन्हें मरणोपरांत 'अशोक चक्र' मिला. मैं कहूंगी कि बेटियों के लिए सेना में तमाम मौके हैं.

मेजर मोहित के नाम दर्ज हैं अदम्य साहस की कई कहानियां

कर्नल रिश्मा सरीन और उनके पति मेजर मोहित शर्मा अपने जोश और जज्बे के लिए जाने जाते हैं. मेजर मोहित ने आतंकियों के साथ रहकर कई घटनाएं नाकाम की थीं. 2004 में एक ऑपरेशन के दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन में इफ्तिखार भट्ट बनकर घुसपैठ की थी. दो आतंकियों को मार गिराया था . उन्हें दो बार वीरता पुरस्कार मिला. फिर कुपवाड़ा के एक सैन्य ऑपरेशन में मेजर मोहित ने आतंकियों को मार गिराया. अपने साथियों को बचाया और शहादत पाई. इसके लिए उन्हें मरणोपरांत 'अशोक चक्र' दिया गया. आज मेजर मोहित की पत्नी कर्नल रिश्मा सरीन भी पति के पदचिन्हों पर चल रही हैं. इसके साथ ही अब सेना के लिए अग्निवीर की भर्ती कर रही हैं.

जोनल की पहली भर्ती निदेशक

आगरा सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि मैं अपने जोनल क्वार्टर में पहली महिला रिक्रूटिंग डायरेक्टर बनी हूं. इसके लिए सीनियर को शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. उन्होंने मुझे इसके लिए चुना है. सीनियर्स और मुख्यालय से आदेश और निर्देश आते हैं. उसके मुताबिक ही काम कर रहे हैं. इसके आधार पर ही पूरा सिस्टम चला रही हूं. कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि आगरा में अग्निवीर भर्ती के पहले दिन बारिश हो गई, जो सबसे बडी चैलेंजिग रही. मगर जिला प्रशासन और सेना के अधिकारी और कर्मचारियों की वजह से हर समस्या का समाधान किया गया. पहले दिन ही बेहतर तरीके से भर्ती प्रक्रिया पूरी की. जिला प्रशासन और सेना के समन्वय से बेहतर तरीके से रैली भर्ती कराई जा रही है.

भर्ती कराने के लिए रात 12 बजे मैदान पर पहुंच जाती हैं

आगरा सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि अग्निवीर भर्ती रैली की प्रक्रिया के कारण देर रात करीब 12 बजे एकलव्य स्पोटर्स स्टेडियम में जाती हूं. रात एक बजे से भर्ती प्रक्रिया शुरू होती है. जिसमें बुलाए गए अभ्यर्थियों के दस्तावेज देखे जाते हैं. दस्तावेजों की जांच की जाती है. इसके बाद बार कोडिंग होती है. अभ्यर्थी कोई दवा या अन्य चीज तो लेकर नहीं आया है, उसकी जांच की जाती है. इसके बाद उन्हें एक जगह पर जमा करके रेस वेटिंग एरिया में लाया जाता है. फिर दौड़ और फिजीकल टेस्ट होता है. इसके बाद डिटेल डाॅक्यूमेंटेशन की जाती है और मेडिकल टेस्ट होता है.

कर्नल रिश्मा सरीन कहती हैं, मैं परिवार की सैकेंड जनरेशन आर्मी अफसर हूं. मेरे पिता सेना में थे. भाई भी सेना में हैं. इसलिए मेरे डीएनए में आर्मी है. शुरूआत से ही मैं सेना में भर्ती होना चाहती थी. क्योंकि फौज उन्हीं के लिए बनी है, जो फौज में आना चाहते हैं. 2001 में मैं सेना भर्ती हुई थी. इसके बाद अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाईं. आगरा सेना भर्ती कार्यालय में निदेशक के पद पर आईं हूं. यहां पर मेरा काम अग्निवीर भर्ती रैली प्रक्रिया पूरा कराने का है.

बेटियों के लिए स्कोप, सेना में आएं

कर्नल रिश्मा सरीन कहती हैं, देश की बेटियों को कहना चाहूंगी कि सेना में उनके लिए बहुत स्कोप है. वे अपनी तैयारी करें. पूरे जोश से तैयारी करें. देश सेवा के जज्बे और काबिलियत के दम पर सेना में आएं. सेना उनका इंतजार कर रही है. मेहनत करें. फिजीकल फिट रहें.

यह भी पढ़ें : अग्निवीर रैली भर्ती: मेजर जनरल मनोज तिवारी बोले- सेना पुलिस के साथ ही अन्य विंग में भी महिलाओं की होगी भर्ती

यह भी पढ़ें : एलोपैथी में MD, 3 बीमारियों के स्पेशलिस्ट; अपनी मां के इलाज के लिए बीएचएमएस कर होम्योपैथी का अस्पताल खोला

आगरा में सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन.

आगरा : आगरा में इन दिनों भारतीय सेना की अग्निवीर भर्ती चल रही है. जिम्मेदारी आगरा सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन के कंधों पर है. ईटीवी भारत से कर्नल रिश्मा सरीन ने खास बातचीत की. जिसमें कर्नल रिश्मा सरीन ने कहा कि बेटियों के लिए सेना में तमाम मौके हैं. वे मेहनत करें. थल, जल और वायुसेना में शामिल होकर देश सेवा करें.

ऑपरेशन रक्षक में पति ने पाई थी शहादत

कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि मैं परिवार की सैकंड जनरेशन हूं, जो देश सेवा कर रही है. मेरे पिता सेना से रिटायर हैं. भाई भी सेना में हैं. मेरे डीएनए में सेना है. कहा कि मेरे पति मोहित कुमार सेना में मेजर थे. ऑपरेशन रक्षक में मार्च 2009 में वे शहीद हो गए. उन्हें मरणोपरांत 'अशोक चक्र' मिला. मैं कहूंगी कि बेटियों के लिए सेना में तमाम मौके हैं.

मेजर मोहित के नाम दर्ज हैं अदम्य साहस की कई कहानियां

कर्नल रिश्मा सरीन और उनके पति मेजर मोहित शर्मा अपने जोश और जज्बे के लिए जाने जाते हैं. मेजर मोहित ने आतंकियों के साथ रहकर कई घटनाएं नाकाम की थीं. 2004 में एक ऑपरेशन के दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन में इफ्तिखार भट्ट बनकर घुसपैठ की थी. दो आतंकियों को मार गिराया था . उन्हें दो बार वीरता पुरस्कार मिला. फिर कुपवाड़ा के एक सैन्य ऑपरेशन में मेजर मोहित ने आतंकियों को मार गिराया. अपने साथियों को बचाया और शहादत पाई. इसके लिए उन्हें मरणोपरांत 'अशोक चक्र' दिया गया. आज मेजर मोहित की पत्नी कर्नल रिश्मा सरीन भी पति के पदचिन्हों पर चल रही हैं. इसके साथ ही अब सेना के लिए अग्निवीर की भर्ती कर रही हैं.

जोनल की पहली भर्ती निदेशक

आगरा सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि मैं अपने जोनल क्वार्टर में पहली महिला रिक्रूटिंग डायरेक्टर बनी हूं. इसके लिए सीनियर को शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. उन्होंने मुझे इसके लिए चुना है. सीनियर्स और मुख्यालय से आदेश और निर्देश आते हैं. उसके मुताबिक ही काम कर रहे हैं. इसके आधार पर ही पूरा सिस्टम चला रही हूं. कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि आगरा में अग्निवीर भर्ती के पहले दिन बारिश हो गई, जो सबसे बडी चैलेंजिग रही. मगर जिला प्रशासन और सेना के अधिकारी और कर्मचारियों की वजह से हर समस्या का समाधान किया गया. पहले दिन ही बेहतर तरीके से भर्ती प्रक्रिया पूरी की. जिला प्रशासन और सेना के समन्वय से बेहतर तरीके से रैली भर्ती कराई जा रही है.

भर्ती कराने के लिए रात 12 बजे मैदान पर पहुंच जाती हैं

आगरा सेना भर्ती कार्यालय की निदेशक कर्नल रिश्मा सरीन ने बताया कि अग्निवीर भर्ती रैली की प्रक्रिया के कारण देर रात करीब 12 बजे एकलव्य स्पोटर्स स्टेडियम में जाती हूं. रात एक बजे से भर्ती प्रक्रिया शुरू होती है. जिसमें बुलाए गए अभ्यर्थियों के दस्तावेज देखे जाते हैं. दस्तावेजों की जांच की जाती है. इसके बाद बार कोडिंग होती है. अभ्यर्थी कोई दवा या अन्य चीज तो लेकर नहीं आया है, उसकी जांच की जाती है. इसके बाद उन्हें एक जगह पर जमा करके रेस वेटिंग एरिया में लाया जाता है. फिर दौड़ और फिजीकल टेस्ट होता है. इसके बाद डिटेल डाॅक्यूमेंटेशन की जाती है और मेडिकल टेस्ट होता है.

कर्नल रिश्मा सरीन कहती हैं, मैं परिवार की सैकेंड जनरेशन आर्मी अफसर हूं. मेरे पिता सेना में थे. भाई भी सेना में हैं. इसलिए मेरे डीएनए में आर्मी है. शुरूआत से ही मैं सेना में भर्ती होना चाहती थी. क्योंकि फौज उन्हीं के लिए बनी है, जो फौज में आना चाहते हैं. 2001 में मैं सेना भर्ती हुई थी. इसके बाद अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाईं. आगरा सेना भर्ती कार्यालय में निदेशक के पद पर आईं हूं. यहां पर मेरा काम अग्निवीर भर्ती रैली प्रक्रिया पूरा कराने का है.

बेटियों के लिए स्कोप, सेना में आएं

कर्नल रिश्मा सरीन कहती हैं, देश की बेटियों को कहना चाहूंगी कि सेना में उनके लिए बहुत स्कोप है. वे अपनी तैयारी करें. पूरे जोश से तैयारी करें. देश सेवा के जज्बे और काबिलियत के दम पर सेना में आएं. सेना उनका इंतजार कर रही है. मेहनत करें. फिजीकल फिट रहें.

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