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आगरा में बकरीद पर दिखा मॉर्डन कुर्बानी का नजराना, जानने के लिये देखें वीडियो

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक परिवार ने कुर्बानी के नाम पर बकरे की फोटो लगा केक काटकर कुर्बानी की रस्म अदा की और वहीं जीव हत्या न करने की अपील भी की.

आगरा में अनोखी कुर्बानी.
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Published : Aug 12, 2019, 2:53 PM IST

आगरा: प्यार और मोहब्बत की नगरी आगरा में एक अनोखी कुर्बानी देखने को मिली है. यहां बच्चों की जिद के चलते परिवार ने बकरे की कुर्बानी नहीं की और कलमा पढ़कर बकरे की तस्वीर लगा केक काटकर ईद मनाई.

आगरा में अनोखी कुर्बानी

ईको फ्रेंडली ईद मनाने का दिया संदेश-

  • शाहगंज आजमपाड़ा में रहने वाले गुलचमन शेरवानी वंदेमातरम के प्रति प्रेम रखने और तिरंगा पहनने के लिए मशहूर हैं.
  • तिरंगे के रंग में रंगा होने के चलते इनका घर भी तिरंगा महल के नाम से जाना जाता है.
  • बच्चों के कहने पर उन्होंने बकरे की कुर्बानी करने से मना किया.
  • उन्होंने बकरे की जगह बकरे की फोटो लगा केक काटकर ईद मनाई.
  • गुलचमन बताते हैं कि इस बार बकरे की रकम से दो गरीब कन्याओं का निकाह करवाया जा रहा है.
  • गुलचमन ने लोगों से जीव हत्या न करने की भी अपील की है.

2017 में उन्होंने बकरीद पर कुर्बानी करने के लिए कुछ माह पहले ही बकरा खरीद कर पाल लिया. घर पर जानवर होने पर परिवार का लगाव उसके साथ हो गया और जब कुर्बानी का समय आया तो बच्चों ने उसकी कुर्बानी करने से इनकार कर दिया.
-गुलचमन शेरवानी,राष्ट्रीय अध्यक्ष,वंदे मातरम यूथ विग्रेड़

आगरा: प्यार और मोहब्बत की नगरी आगरा में एक अनोखी कुर्बानी देखने को मिली है. यहां बच्चों की जिद के चलते परिवार ने बकरे की कुर्बानी नहीं की और कलमा पढ़कर बकरे की तस्वीर लगा केक काटकर ईद मनाई.

आगरा में अनोखी कुर्बानी

ईको फ्रेंडली ईद मनाने का दिया संदेश-

  • शाहगंज आजमपाड़ा में रहने वाले गुलचमन शेरवानी वंदेमातरम के प्रति प्रेम रखने और तिरंगा पहनने के लिए मशहूर हैं.
  • तिरंगे के रंग में रंगा होने के चलते इनका घर भी तिरंगा महल के नाम से जाना जाता है.
  • बच्चों के कहने पर उन्होंने बकरे की कुर्बानी करने से मना किया.
  • उन्होंने बकरे की जगह बकरे की फोटो लगा केक काटकर ईद मनाई.
  • गुलचमन बताते हैं कि इस बार बकरे की रकम से दो गरीब कन्याओं का निकाह करवाया जा रहा है.
  • गुलचमन ने लोगों से जीव हत्या न करने की भी अपील की है.

2017 में उन्होंने बकरीद पर कुर्बानी करने के लिए कुछ माह पहले ही बकरा खरीद कर पाल लिया. घर पर जानवर होने पर परिवार का लगाव उसके साथ हो गया और जब कुर्बानी का समय आया तो बच्चों ने उसकी कुर्बानी करने से इनकार कर दिया.
-गुलचमन शेरवानी,राष्ट्रीय अध्यक्ष,वंदे मातरम यूथ विग्रेड़

Intro:कभी कभी बच्चे भी अपनी बातों से माँ बाप की आंखे खोल देते हैं।ऐसा ही एक मामला आज मोहब्बत की नगरी आगरा में देखने को मिला है।यहाँ बच्चों की जिद के चलते परिवार ने बकरे की कुर्बानी नही की और कलमा पढ़कर बकरे की तस्वीर लगा केक काटकर ईद मनाई।परिवार का कहना है कि इस तरह से उन्होंने जीव हत्या रोकने का संदेश दिया है।

Body:आगरा के शाहगंज आजमपाड़ा में रहने वाले गुलचमन शेरवानी वंदेमातरम के प्रति प्रेम रखने और तिरंगा पहनने के लिए मशहूर हैं।तिरंगे के रंग में रंगा होने के चलते इनका घर भी तिरंगा महल के नाम से जाना जाता है।गुलचमन बताते हैं कि 2017 में उन्होंने बकरीद पर कुर्बानी करने के लिए कुछ माह पहले ही बकरा खरीद कर पाल लिया।घर पर जानवर होने पर परिवार का लगाव उसके साथ हो गया और जब कुर्बानी का समय आया तो बच्चों ने उसकी कुर्बानी करने से इनकार कर दिया।इसके बाद उन्होंने बकरे को अन्यंत्र बेचा और जो पैसे मिले उससे गरीब लोगों की मदद की,तबसे वो हर साल यही कर रहे हैं और इस बार बकरे की रकम से दो गरीब कन्याओ का निकाह करवाया जा रहा है।उनके अनुसार बकरे की कुर्बानी इसलिए होती थी ताकि गरीब आदमी को बकरा खाने को मिल जाये पर आज लोग मदद करने की बजाय बकरा काट कर फ्रिज में भर लेते हैं और गरीबो में नही बांटते हैं तो इसलिए उन्होंने यह इकोफ्रेंडली केक काटा कर बकरीद मनाई है।

बाईट- गुलचमन शेरवानी

बाईट-हिना नाज शेरवानीConclusion:
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